*अणुव्रत आंदोलन का 77वां स्थापना दिवस अणुव्रत समिति अजमेर एवं अणुव्रत मंच किशन गढ़ द्वारा विविध कार्यक्रम के साथ उत्साह पूर्वक मनाया गया*
*देशभर में लगभग 150 स्थानों पर हुए विविध आयोजन*
अहिंसक, शांतिमय व आदर्श समाज निर्माण के लिए कृत संकल्पित अणुव्रत आंदोलन अपने प्रवर्तन के 76 वर्ष पूर्ण कर अपना 77वां स्थापना दिवस मना रहा है । एक सामाजिक आंदोलन का सात दशक बाद भी सक्रिय और प्रासंगिक बने रहना इतिहास की विलक्षण घटना है। 20वीं सदी के महान संत अणुव्रत प्रवर्तक आचार्य श्री तुलसी के दूरदर्शी चिंतन का ही यह परिणाम है कि जन जन के जीवन में जागृति लाने वाले अणुव्रत के दर्शन को सभी जाति, धर्म और वर्ग का सहयोग, सम्मान और समर्थन प्राप्त हुआ ।अणुव्रत समिति अजमेर अध्यक्ष बी. एल. सामरा ने जानकारी देते हुए बताया कि
वर्तमान में अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण जी के आध्यात्मिक मार्गदर्शन में अणुव्रत की प्रतिनिधि वैश्विक संस्था अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी देश भर में फैले अपने 200 से अधिक शाखाओं के माध्यम से व्यक्ति सुधार और समाज सुधार के कार्य निरंतर कर रही है । अणुविभा के नाम से लोकप्रिय संस्था संयुक्त राष्ट्र संघ के सिविल सोसायटी विभाग से सम्बद्ध है ।
नई पीढ़ी के नव-निर्माण को लक्षित अनेकानेक रचनात्मक प्रकल्प अणुव्रत के माध्यम से संचालित हो रहे हैं । विद्यार्थियों के भावात्मक विकास की दृष्टि से जीवन विज्ञान पाठ्यक्रम, बाल मनोविज्ञान पर आधारित बालोदय मॉडल, बच्चों के रचनात्मक विकास के लिए अणुव्रत क्रिएटिविटी कॉन्टेस्ट, नशामुक्ति हेतु एलीवेट व डिजिटल डीटाक्स अभियान, पर्यावरण जागरूकता अभियान, चुनाव शुद्धि अभियान, अणुव्रत लेखक मंच, अणुव्रत संसदीय मंच आदि प्रकल्पों के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहें हैं ।
77वें अणुव्रत स्थापना दिवस के उपलक्ष में देशभर में लगभग 150 स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं । इसी कड़ी में अणुव्रत समिति,अजमेर तथा अणुव्रत मंच किशन गढ़ द्वारा विशेष कार्यक्रम की आयोजना की गई । सुन्दर बिलास स्थित तेरा पंथ भवन मे अणुव्रत स्थापना दिवस के अवसर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमे अणुव्रत समिति तथा तेरापंथ सभा के पदाधिकारियों की सहभागिता रही, वरिष्ठ श्रावक जन के साथ एक जागरूक शिक्षक राष्ट्रपति पुरुस्कार से सम्मानित अध्यापक नागर जी की उपस्थिति उल्लेख नीय रही. कार्यक्रम के प्रारम्भ में अणुव्रत गीत का सामूहिक संगान किया गया और समिति अध्यक्ष द्वारा अणुव्रत आचार संहिता का वाचन किया गया और उसके पश्चात अजमेर अणुव्रत समिति के अध्यक्ष का उदबोधन हुआ, जिसमे उनके द्वारा अणुव्रत आंदोलन की पृष्ठ भूमि पर प्रकाश डालते हुए सुदीर्घ अवधि तक जारी आंदोलन के संक्षिप्त इतिहास की जानकारी साझा की और सभी उपस्थित लोगो को अणुव्रत प्रतीज्ञा के संकल्प करवाए. स्थानीय तेरापंथ सभा अध्यक्ष अशोक छाजेड़ ने अणुव्रत आंदोलन के प्रणेता आचार्य श्री तुलसी के प्रति अपनी श्रद्धा अभिव्यक्त करते हुए सभी आगंतुको को आभार ज्ञापित किया. इस अवसर पर अन्य लोगों के साथ तेरापंथ सभा के व्योवृद्ध श्रावक बाबू लाल छाजेड, राष्ट्रपति पुरुस्कार प्राप्त शिक्षक नागर जी,सभा के अध्यक्ष अशोक छाजेड एवं अणुव्रत समिति के अध्यक्ष बी एल सामरा तथा उपाध्यक्ष प्रकाश छाजेड की सहभागिता रही.