शुद्ध भावों से ही भगवान की प्राप्ति संभव : आचार्य तत्वदर्शन सुरीश्वर

श्री कलापूर्ण सूरीश्वर आराधना भवन में आचार्य तत्वदर्शन सुरीश्वर ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जैन धर्म में शुद्ध एवं निर्मल भावों का ही अत्यधिक महत्व है। उन्होंने कहा हृदय के शुद्ध भावों से तो परमात्मा की प्राप्ति तक संभव हो सकती है। उन्होंने कहा व्यक्ति मंदिर में जाता है। मूर्ति भी बहुत नयनाभिराम एवं सुंदर है परंतु मूर्ति के सामने जाकर भी यदि व्यक्ति मूर्ति के समक्ष अपने हृदय के भाव नहीं जोड़ पाए तो मंदिर में जाने में  भी कोई सार्थकता नहीं है। उन्होंने कहा “भावे भावना भाईये, भावे दीजे ज्ञान, भावे जिनवर पूजिए, भावे केवल ज्ञान”। उन्होंने कहा भावों से ही तीर्थंकर गोत्र का बंध किया जा सकता है। भावना से ही वितरागता आ सकती है। भावों से ही पुण्य कर्म का उदय एवं पाप कर्म की निर्जरा हो सकती है। उन्होंने कहा आज नहीं तो कल इस जीवन से सेवानिवृत्ति तो लेने ही पड़ेगी किंतु सेवानिवृत्ति ऐसी हो कि हम सांसारिकता से निवृत्ति लेकर आध्यात्मिकता की ओर प्रवृत्ति लेने में सफल हो पाए। उन्होंने कहा जो वस्तु आपकी कभी हो नहीं सकती उसके प्रति ममत्व व एवं लालसा नहीं रखनी चाहिए। उन्होंने इंद्रियों से होने वाले पापों की व्याख्या करते हुए कहा कि जिव्हा का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहां की स्वाद के वशीभूत होकर रसेन्द्रि पर काबू न कर पाना कई पापों को पल्लवित कर देता है। उन्होंने कहा रात्रि भोजन करना एवं कंदमूल का सेवन करना जीव हिंसा बढ़ावा देता है।  हिंसा से पापों में बढ़ोतरी होती है। उन्होंने जीवन से जुड़ी प्रत्येक गतिविधियों के बारे में बात करते हुए कहा की जीवन की छोटी सी छोटी गतिविधि में सकारात्मकता होनी चाहिए। नकारात्मकता राग द्वेष एवं क्रोध को जन्म देती है। क्रोध दावानल के समान है जो सब कुछ जलकर खा कर देता है। उन्होंने जीवन में मन मुटावों एवं वैर विरोधो पर विराम लगाने की प्रेरणा देते हुए पंथवाद के साथ पनप रहे झगड़ों पर भी अंकुश लगाने की भी सलाह दी।
महामंत्री पूनमचंद करनावट ने बताया कि आयोजित धर्मसभा में अजमेर के अनेक गणमान्यजन उपस्थित थे, जिन्होंने जिनवाणी श्रवण कर पुण्य का संचय किया। 
बुधवार को दोनों आचार्यश्री की पावन निश्रा में भव्य चैत्यपरिपाटी का आयोजन होगा। जो ससंघ बैंड बाजे के साथ प्रात: 6.30 बजे आराधना भवन, पुष्कर रोड़ से प्रारंभ होगी। सर्वप्रथम गौड़ीजी पाश्र्वनाथ मंदिर, उसके बाद अजमेर मंडन श्री संभवनाथ भगवान मंदिर पहुँचेगी, सचेती भवन, लाखन कोटड़ी, अजमेर में प्रात: 7.30 बजे जिनवाणी प्रवचन का कार्यक्रम होगा 
पूनमचंद करनावट, 
महामंत्री 
मो. 9462129783
error: Content is protected !!