परिषद की नवसंवत्सर संगोष्ठी में उभरी सार्थक रचनाएं

अजमेर/ अखिल भारतीय साहित्य परिषद अजमेर द्वारा नवसंवत्सर साहित्यिक संगोष्ठी का आयोजन। रविवार 23 मार्च की शाम भक्तिधाम में हुआ। मुख्य वक्ता क्षेत्रीय उपाध्यक्ष उमेश कुमार चौरसिया ने नवसंवत्सर के महत्व और इतिहास पर जानकारी देते हुए इसे सामाजिक समरसता और राष्ट्र गौरव का उत्सव बताया। महेंद्र सिंह चौहान ने परिषद का परिचय दिया। संचालन करते हुए गोविंद भारद्वाज ने घर के आंगन की महकी क्यारी, पुष्पा शर्मा कुसुम ने चुका सकते नहीं कर्ज बलिदानों का, कुलदीप सिंह रत्नू ने अनुभव ज्ञान के सागर हैं बुजुर्ग, डॉ कृष्णकांत शर्मा ने भारतवर्ष की नारी हूं, विष्णुदत्त शर्मा ने नव वर्ष का नव उल्लास, डॉ राजेश शर्मा ने खो गया है आदमी, डॉ छाया शर्मा ने गुजिया मीठी महक रही, बलजीत सिंह रत्नू ने नहीं मिली आजादी धोली टोपी वालों से, पुष्पा क्षेत्रपाल ने होली के प्रेम रंग,  बनवारी लाल शर्मा ने ओ गौरैया, दीपशिखा ने न्यारी अपनी टोली गीत सुनाया।
-डॉ कृष्ण कांत शर्मा
कार्यकारी अध्यक्ष
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