सरलता कठोर बनकर प्राप्त नहीं की जा सकती, उसे तो सरल व्यक्ति ही प्राप्त कर पाता है- श्री 108 वृषभानंद जी मुनिराज
आज दिनांक 29 मार्च – श्री जिनशासन तीर्थक्षेत्र जैन नगर नाकामदार अजमेर में परम पूज्य अभिक्षण ज्ञानोपयोगी आचार्य श्री वसुनंदी जी महाराज के सुयोग्य षिष्य परम पूज्य उपाध्याय श्री 108 वृषभानंद जी मुनिराज व मुनि श्री 108 सदानंदजी मुनिराज, क्षुल्लक श्री 105 पूर्णानंद जी महाराज एवं प्रतिष्ठाचार्य नमन जैन के पावन सानिध्य में श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान महार्चना एवं विष्व शांति महायज्ञ कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
यह जानकारी देते हुए मंत्री विनित कुमार जैन ने बताया कि राजस्थान की ऐतिहासिक धर्मपरायण नगर अजमेर स्थित जैन नगर नाका मदार के नवनिर्मित श्री जिनषासन तीर्थ क्षेत्र परिसर में अनंतानंद सिद्धो की महारधना के तहत श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान दिनांक 24 मार्च से आयोजित किया जा रहा है जिसमें आज शनिवार को प्रातः 6ः00 बजे अभिषेक शांतिधारा, प्रातः 7ः00 बजे नितय पूजन, विधान प्रारम्भ, प्रातः 9ः00 बजे मंगल प्रवचन, सायं 6ः30 बजे महाआरती, गुरू भक्ति, सायं 7ः30 बजे शास्त्र सभा व सांय 8ः30 बजे सांस्कृति कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आज सिद्धो की अराधना में 256 अर्घ समर्पित करे गये। आज सांय के कार्यक्रम में महिला मण्डलों द्वारा धर्म से सम्बन्धित कई भजन व नाटक प्रस्तुत किये गये।
श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान कार्यक्रम में विधान पूण्यार्जक त्रिलोक कुमार सौरभ कुमार जैन पॉण्डया, ध्वजारोहणकर्ता रूपेष जैन सुरेन्द्र जैन महेन्द्र जैन महेष जैन सिद्धार्थ जैन, परिवार गौरव चंद्रकांता जैन, मीरा जैन, उषा जैन, मनोरमा जैन रष्मि जैन डॉली जैन, दीप प्रज्जवलनकर्ता उषा जैन रितेष जैन प्रियंका जैन, विषेष अतिथि संतोषीलाल जैन अंगुरी देवी जैन, राजा श्रीपाल मैना सुदंरी बनने का सौभाग्य सौरभ जैन रीतु जैन पॉण्डया, सौधर्म इन्द्र रितेष जैन प्रियंका जैन, महायज्ञनायक त्रिलोक जैन रिया जैन, कुबेर इन्द्र मनोज जैन टीना जैन कोलकता, चक्रवती राजीव जैन त्रिषला जैन दिल्ली, यज्ञनायक सौरभ जैन स्वाति जैन आगरा, ईषान इन्द्र मनोज जैन लता जैन, सान्तकुमार इन्द्र लक्ष्मण जैन रंजनी जैन, महेन्द्र इन्द्र ब्रिजेष जैन रूबी जैन, बहा्र इन्द्र हरिहंत जैन षिवंषी जैन, ब्रहोत्वर इन्द्र गौरव जैन षिल्पी जैन, लातंव इन्द्र राजीव जैन स्वीटी जैन आगरा, आनत इन्द्र नितिन जैन श्वेता जैन, कपिष्ठ इन्द्र बनने का सौाभग्य संजय जैन भारती जैन को प्राप्त हुआ।
इस अवसर पर परम पूज्य उपाध्याय श्री 108 वृषभानंद जी मुनिराज ने धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि समय अत्यन्त मूल्यवान द्रव्य है, जो केाई समय के मूल्य को पहचान लेते है वे संतों की संगति का सदुपयोग कर सकते है और वही प्राणी निःसंदेह महापुरूष व अमूल्य रत्न कहलाते है। समय का दुरूपयोग करने वाले लोग ही समयाभाव की षिकायत किया करते है जो समय का सदुपयोग करते है उनके पास सद्कार्याे के लिए कभी भी समयाभाव नहीं होता है। अज्ञानी व्यक्ति समय होने पर भी आलस्य के कारण उसका दुरूपयोग करते रहते है। जबकि आलस्य ही हमारा सबसे बड़ा शत्रु है। व्यक्ति ऊपर से सरलता, सहजात का लेबल चिपकाकर अन्दर में छल कपट का जहर भरा रहता है और स्वयं को सीधा सच्चा मान लेता है। जब तक अन्दर में सरलता नहीं आयेगी तब तक बाहर की सरलता कार्यकारी नहीं हो सकती। सरलता को प्राप्त करना सरल नहीं होता और यह बात भी सत्य है कि सरलता कठोर बनकर प्राप्त नहीं की जा सकती, उसे तो सरल व्यक्ति ही प्राप्त कर पाता है।
भवदीय
(विनीत कुमार जैन)
मंत्री मो. 9414281335
