सिन्धी भाषा दिवस : विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने किया पोस्टर का विमोचन

अजमेर, 10 अप्रेल। महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय की सिन्धु शोध पीठ द्वारा सिन्धी भाषा दिवस को गुरूवार को विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी के निवास स्थान पर हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर सिन्धी भाषा पर सिन्धु शोध पीठ के द्वारा प्रका6िात पोस्टर का विमोचन विधानसभा अध्यक्ष द्वारा किया गया।

     कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रो. वासुदेव देवनानी जी, माननीय विधानसभा अध्यक्ष राजस्थान ने सिन्धी सभ्यता एवं संस्कृति की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारी सिन्धी भाषा एक समृद्व भाषा है। अंग्रेजी भाषा की वर्णमाला में 26 अक्षर हैं जबकि सिन्धी भाषा की वर्णमाला में इसके दोगुने अर्थात् 52 अक्षर हैं। उन्होंने कहा कि भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भी सिन्धी संस्कृति से  युवाओं को जोड़ने तथा विभाजन की विभिषिका को याद दिलाने हेतु प्रतिवर्ष राष्ट्रीय स्मृति दिवस के रूप में 14 अगस्त को विभाजन विभिषिका दिवस मनाने का संकल्प लिया है जो कि पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है। सिन्धी समुदाय को विभाजन के समय जो पीड़ा भुगतनी पड़ी तथा भारी संघर्षों का सामना करना पड़ा, इसके उपरान्त भी सिन्धी समुदाय अपनी मेहनत, ईमानदारी एवं कर्मठता के साथ राष्ट्र निर्माण में अपना अमूल्य योगदान दे रहा है। इसी योगदान को अनवरत जारी रखने के लिए सिन्धी भाषा को बढ़ावा दिया जाना अति महत्वपूर्ण है।

     उन्होंने कहा कि सिन्धु सभ्यता के महत्व को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए सिन्धी भाषा अति महत्वपूर्ण है। उन्होंने सिन्धी समुदाय विशेषकर युवाओं व उनके परिवारजनों को सिन्धी भाषा बोलने के लिए प्रेरित किया। मातृभाषा हमारी संस्कृति की धरोहर है। अतः मातृभाषा से प्रेम रखना जरूरी है। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि सिन्धी भाषी लोग अपने घर पर सिन्धी भाषा में वार्तालाप करे ताकि नई पीढ़ी इस भाषा को पूर्णतया अपना सकें, साथ ही मांगलिक कार्यों, विवाह इत्यादि कार्यक्रमों के निमंत्रण पत्र इत्यादि हिन्दी अथवा सिन्धी भाषा में छपवायें।

     कार्यक्रम में सिन्धु शोध पीठ महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय अजमेर के निदेशाक प्रो. सुभाष चन्द्र ने पुष्पगुच्छ, शॉल एवंम् श्रीफल द्वारा मुख्य अतिथि प्रो. वासुदेव देवनानी जी का स्वागत एवं अभिनंदन किया। प्रो. सुभाष चन्द्र ने अपने वक्त्व्य में कहा कि सिन्धु शोध पीठ की स्थापना माननीय वासुदेव  देवनानी जी के अथक प्रयासों से की गयी है। इस शोध पीठ की स्थापना भारत सरकार के राष्ट्रीय सिन्धी भाषा विकास परिषद्, नई दिल्ली व महर्षि दयानन्द सरस्वती वि6वविद्यालय, अजमेर के मध्य हुए समझौता पतर्् के द्वारा की गयी है, जिसका मुख्य उद्वे6य सिन्धु सभ्यता एवं संस्कृति व सिन्धी भाषा का प्रचार प्रसार व अनुसंधान प्रमुख है। शोध पीठ द्वारा विद्यार्थियों व शोधार्थियों हेतु रोजगारन्मुख पाठ्यक्रम सिन्धी भाषा में सर्टिफिकेट कोर्स आदि शीघ्र ही आरंभ किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि आज सिन्धी भाषा दिवस पर माननीय विधानसभा अध्यक्ष द्वारा विमोचन किये गये पोस्टर को शहर के विभिन्न महाविद्यालयों एवंम् विद्यालयों में सिन्धी भाषा के प्रचार-प्रसार हेतु वितरित किये जायेंगे।

     प्रो. हासो दादलानी, पूर्व विभागाध्यक्ष एवं प्राचार्य, सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय अजमेर ने अपने वक्त्व्य में सिन्धी मातृभाषा की जानकारी देते हुए कहा कि हम सबका नैतिक दायित्व है कि अपनी मातृभाषा को जीवन में अपनायें तथा नई शिक्षा नीति में भाषाओं के महत्व पर भी प्रका6ा डाला।

     कार्यक्रम में महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर, सिन्धी विभाग, सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय अजमेर के अनेक शोधार्थी एवं विद्यार्थी, गणमान्य जन के एंवम् डा. चन्द्र प्रकाश दादलानी, विभागाध्यक्ष सिन्धी विभाग, सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय अजमेर, श्रीमती पुष्पा कोडवानी, मनोज कुमार सहित सेवानिवृत्त आचार्य प्रो. कमला गोकलानी, डा. परमे6वरी पमनानी, डा. मीना आसवानी तथा सिन्धी विद्यालयों के प्राचार्य एवं व्याख्यातागण श्रीमती कान्ता मथुरानी, डा. सविता खुराना, श्रीमती लता ठारवानी, श्री जयकि6न तथा पॉलिटेक्निक कॉलेज, अजमेर से डा. भरत गोकलानी, समाज सेवी श्रीमती लाजवन्ती भाटिया, श्रीमती ज्योति भाटिया एवंम विश्वविद्यालय के शोधार्थियों में से कंचन, नेहा, पंकज यादव, दिनेश कुमार सैनी सहित  विश्वविद्यालय का स्टॉफ भी उपस्थित रहे।

     कार्यक्रम के अंत में प्रो. सुभाष चन्द्र ने मुख्य अतिथि एवं सभी आगन्तुकों का आभार व्यक्त किया।

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