राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को मेवाड़ गौरव सम्मान से नवाजा गया

श्री सुंदर सिंह भंडारी और श्री गुलाबचंद कटारिया के बाद मेवाड़ गौरव सम्मान पाने वाले वासुदेव देवनानी तीसरे व्यक्ति

महान विचारक स्व. सुन्दर सिंह भंडारी राज्यपाल होते हुए भी अपने कपड़े स्वयं धोते थे- श्री देवनानी

देवनानी ने कहा- जागृत परिवार के लिए हर माता को बनना होगा जीजा माता

     अजमेर, 20 अप्रैल। राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी को शनिवार को जन चेतना मंच द्वारा स्वर्गीय श्री सुंदर सिंह भंडारी स्मृति व्याख्यान माला और अभिनंदन समारोह में मेवाड़ गौरव सम्मान से नवाजा गया। इस सम्मान को पाने वाले श्री देवनानी तीसरे व्यक्ति हैं। इससे पहले यह सम्मान श्री सुंदर सिंह भंडारी और श्री गुलाबचंद कटारिया को मिला था। श्री देवनानी को यह सम्मान उनकी उल्लेखनीय समाज सेवाओं, राजस्थान विधानसभा में किए गए नवाचारों और वैचारिक क्रांति के लिए दिया गया।

     स्वर्गीय सुन्दर सिंह भंडारी के 105 वें जन्मदिवस पर जन चेतना मंच द्वारा जागृत परिवार ही सशक्त राष्ट्र का आधार विषय पर आयोजित स्व. सुन्दर सिंह भंडारी स्मृति व्याख्यान माला और अभिनंदन समारोह में श्री देवनानी ने कहा कि उनका मेवाड़ से पुराना व गहरा संबंध रहा है। इस सम्मान को पाकर वे गौरव की अनुभूति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेवाड़ की धरा महाराणा प्रताप के शौर्य, पन्नाधाय के त्याग और मीरा की भक्ति के लिए जानी जाती है। शिक्षा मंत्री के दायित्व के दौरान उन्हें अकबर महान के पाठ को हटाकर प्रताप महान के पाठ को जोड़ने का गौरवशाली कार्य करने का मौका मिला था।

     श्री देवनानी ने कहा कि स्वर्गीय सुंदर सिंह भंडारी महान विचारक थे। उनका सादगीपूर्ण जीवन तपस्वी की भांति था। राज्यपाल होते हुए भी वे अपने कपड़े स्वयं धोते थे। ऎसे महान व्यक्तित्व के धनी स्वर्गीय भंडारी के जीवन के आदर्शों को आत्मसात करने की आवश्यकता है।

     श्री देवनानी ने कहा कि भारत सनातन संस्कृति की राह पर है। इसके मूल में भारतीय संस्कार है और संस्कार ही परिवार को जागरूक रखते हैं। जागरूक परिवार ही सशक्त भारत का आधार है। श्री देवनानी ने कहा कि परिवार को जागृत रखने के लिए प्रत्येक परिवार की माता को जीजा माता बनना होगा।

     श्री देवनानी ने कहा कि हम वापस से संयुक्त परिवार की ओर लौट रहे हैं। यह सशक्त भारत और श्रेष्ठ भारत के लिए सुखद संकेत है। इस कार्य में प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी आवश्यक है। राष्ट्र विकास के लिए हम सभी को इस क्षेत्र में भागीदारी निभाने का संकल्प लेना होगा। हमें आपस में कुटुंब प्रबोधन पर चर्चा करने की आवश्यकता है। आपसी संवाद से ही युवाओं को अवसाद से मुक्ति दिला सकते हैं, ताकि युवा आत्महत्या की प्रवृत्ति से दूर हो सके।

     श्री देवनानी ने कहा कि परिवार को समय दें। संध्या आरती और संध्या भोजन परिवार के सभी सदस्य मिलकर करें। युवाओं को वैज्ञानिक दृष्टि से संस्कारों को समझाएं। आध्यात्मिक और सांस्कृतिक भारत पर गर्व की अनुभूति करें। पुष्पक विमान, संजय, गणेश जी की सूंड यह प्राचीन भारत की महानता के परिचायक हैं।

     समारोह को अन्दानम गायत्री, श्री कैलाश, श्री जसवीर सिंह, श्री आई एम सेतिया, श्री हेमंत सिसोदिया ने भी संबोधित किया।

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