डोटासरा की इस स्पष्ट और सशक्त पहल के बाद अजमेर सरस डेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने भी इस मुद्दे को मजबूती से उठाया। चौधरी ने कहा कि डोटासरा ने समय पर यह विषय उठाकर किसानों के दर्द को स्वर दिया है। उन्होंने सरकार से मांग की कि गोपालकों को जल्द से जल्द उनकी बकाया अनुदान राशि प्रदान की जाए, ताकि वे पशुओं की उचित देखभाल कर सकें और अपनी आजीविका को बनाए रख सकें।
चौधरी ने कहा कि राज्यभर के लाखों पशुपालक इस अनुदान पर निर्भर हैं, और इसकी देरी से उनका जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को इस योजना के नियमित क्रियान्वयन की जिम्मेदारी निभानी चाहिए, जिससे भविष्य में ऐसी समस्या फिर उत्पन्न न हो।
डोटासरा के इस मुद्दे को उठाने के बाद पूरे प्रदेश से कई जनप्रतिनिधियों ने भी समर्थन किया है। विश्राम गुर्जर (अलवर), रामलाल बिश्नोई (जोधपुर), भीकाराम चौधरी (बाड़मेर), रामलाल जाट (भीलवाड़ा), लालचंद मूँड (चूरू) जैसे नेताओं ने एकजुट होकर मुख्यमंत्री से मांग की है कि किसानों और पशुपालकों के हित में इस पर त्वरित निर्णय लिया जाए।
यह स्पष्ट है कि कांग्रेस नेतृत्व, विशेषकर डोटासरा और रामचंद्र चौधरी जैसे सक्रिय जनप्रतिनिधि, किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लेकर उन्हें आवाज़ देने का कार्य कर रहे हैं।