मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना’ का ₹5 प्रति लीटर अनुदान राशि और मिड डे मील योजना का भुगतान 6 माह से लंबितः

“कैटल फीड आपूर्ति में सुधार, लेकिन मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना’ का ₹5 प्रति लीटर अनुदान राशि और मिड डे मील योजना का भुगतान 6 माह से लंबितः 2 जून को सीएम निवास पर राज्यव्यापी धरना”
अजमेर। अजमेर सरस डेयरी के संचालक मंडल की बैठक दिनांक 5 मई 2025 में दुग्ध उत्पादकों की समस्याओं को लेकर विस्तार से चर्चा की गई थी और आवश्यक निर्णय लिए गए थे । उक्त बैठक के निर्णयों के परिणामस्वरूप अब कैटल फीड की आपूर्ति जिले की सभी दुग्ध सहकारी समितियों में नियमित रूप से हो रही है, जिससे पशुपालकों को आंशिक राहत प्राप्त हुई है। हालांकि, अन्य प्रमुख समस्याएं अब भी बनी हुई हैं।
₹5 प्रति लीटर अनुदान राशि साढ़े छह माह से लंबितः
मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना के तहत ₹5 प्रति लीटर का अनुदान पिछले 6½ माह से लंबित है। अकेले अजमेर डेयरी का ₹36 करोड़ सरकार के पास अटका हुआ है। इस भुगतान में देरी के कारण दुग्ध संग्रहण में गिरावट देखी जा रही है। अब राजस्थान देश में दुग्ध संकलन में दूसरे नम्बर पर आ गया है।
मिड डे मील योजना में ₹60 करोड़ से अधिक बकायाः
मिड डे मील योजना के अंतर्गत भी लगभग ₹60 करोड़ की राशि अजमेर डेयरी को 6 माह से प्राप्त नहीं हुई है। इन दोनों मदों में सरकारी देरी के कारण डेयरी संघ आर्थिक दबाव में हैं।सरकार की ज़िम्मेदारी, निजी डेयरियों की अफवाहें:
श्री रामचंद्र चौधरी, अध्यक्ष, अजमेर सरस डेयरी ने स्पष्ट किया कि “इन बकाया भुगतानों के लिए आरसीडीएफ जिम्मेदार नहीं है, बल्कि राज्य सरकार का दायित्व है। इस स्थिति का लाभ उठाकर कुछ निजी डेयरियां, जैसे अमूल व पायस, लोटस आदि किसानों के बीच यह भ्रम फैला रही हैं कि अब ₹5 का अनुदान बंद हो गया है।”
2 जून को राज्यव्यापी आंदोलनः
इन हालातों को देखते हुए निर्णय लिया गया है कि 2 जून 2025 को सुबह ।। बजे मुख्यमंत्री निवास, जयपुर पर राज्य स्तरीय धरना आयोजित किया जाएगा। इसमें प्रदेशभर के दुग्ध उत्पादक व पशुपालक शामिल होंगे।
2500 रिक्त पदों की भी मांगः
इसके साथ ही यह भी मांग की गई है कि राज्य की विभिन्न दुग्ध संघों और आरसीडीएफ में वर्षों से रिक्त पड़े 2500 पदों को जल्द भरा जाए ताकि संघों का संचालन प्रभावी ढंग से हो सके।
संचालक मंडल की अपीलः
संचालक मंडल ने सभी दुग्ध समितियों, सचिवों एवं पशुपालकों से आह्वान किया है कि वे आगामी धरने में एकजुट होकर भाग लें और अपने हक की आवाज को मजबूती से उठाएं।

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