अजमेर/जयपुर: राजस्थान के विभिन्न विद्यालयों में हुनर सिखाकर विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाने वाले व्यावसायिक शिक्षक की राजस्थान सरकार सुनवाई नहीं कर रही है जिसको लेकर प्रदेश भर से व्यावसायिक प्रशिक्षक राजधानी जयपुर में एकजुट होकर प्रदर्शन करेंगे एवं सरकार से व्यावसायिक प्रशिक्षकों व विद्यार्थी हित में मुख्यमंत्री एवं शिक्षांमंत्री से व्यावसायिक शिक्षा में हरियाणा सरकार जैसी पॉलिसी की मांग करेंगे ।
मीडिया प्रभारी आर एन रावत ने बताया कि व्यावसायिक शिक्षा केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना है जिसमें विभिन्न विद्यार्थियों को विद्यालय स्तर पर विभिन्न सेक्टरों एवं जॉब रोल्स में प्रशिक्षण प्रदान कर युवाओं को रोजगार –स्वरोजगार के लायक बना कर विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बना रहे हैं लेकिन राजस्थान सरकार कई वर्षों योजना का क्रियान्वयन ढंग से नहीं कर पा रही है जिसको लेकर सभी व्यावसायिक शिक्षक सोमवार से सरकार के खिलाफ लामबंद होंगे।
*यह है प्रमुख मांगे*
1–प्रत्येक सत्र में व्यावसायिक प्रशिक्षकों को बीड और टेंडर के नाम पर कई महीनों तक बेरोजगार कर दिया जाता है जिससे व्यावसायिक प्रशिक्षक एवं विद्यार्थियों को नुकसान उठाना पड़ता है
2–व्यावसायिक शिक्षकों को एजेंसियां भुगतान नहीं करती हैं कई माह से वेतन बकाया चल रहा है,कई एजेंसियां बीच में ही ड्रॉप आउट हो जाती हैं जिससे व्यावसायिक
शिक्षकों को अपने वेतन के लिए भटकना पड़ रहा है।
3–लाखों करोड़ो रुपए की लैब्स टेंडर की सुस्त प्रक्रिया के कारण बिना व्यावसायिक शिक्षकों की अनुपस्थिती में धूल खा रही है।
4–बजट प्रावधान अनुसार व्यावसायिक प्रशिक्षकों की सूचना सरकारी कंपनी हेतु नहीं मांगी जा रही है जिससे व्यावसायिक शिक्षकों में गहरा आक्रोश है।
5–संविदा कर्मचारियों की तरह व्यावसायिक प्रशिक्षकों को मातृत्व व मेडिकल अवकाश वेतन वृद्धि मिले
संगठन के प्रदेशाध्यक्ष रघुपाल सिंह ने बताया उक्त सभी मांगों शिक्षा संकुल एवं शहीद स्मारक पर शोषित पीड़ित व्यावसायिक प्रशिक्षक वर्ग व्यवसायिक शिक्षक व विद्यार्थी हित में हरियाणा सरकार की तरह मॉडल बनाने की मांग बुलंद करेगा मांगे नहीं मानने तक आंदोलन को उग्र रूप दिया जाएगा।