बोर्ड प्रशासक श्री महेश चंद्र शर्मा को दी गई गरिमामयी विदाई

 अजमेर, 28 मई। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सभागार में बुधवार को समारोहपूर्वक बोर्ड प्रशासक एवं संभागीय आयुक्त श्री महेश चंद्र शर्मा को बोर्ड परिवार द्वारा भावभीनी विदाई दी गई। समारोह में उपस्थित सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने प्रशासक महोदय को उनके सेवाकाल के लिए हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया और उनके उत्तम स्वास्थ्य व सुखद भविष्य की कामना की।

     बोर्ड सचिव श्री कैलाश चन्द्र शर्मा ने कहा कि बोर्ड के प्रशासक श्री महेश चन्द्र शर्मा का व्यक्तित्व सहज, सरल और प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने कहा कि शर्मा ने कार्यशैली में संवाद और संप्रेषण की विलक्षण प्रतिभा के माध्यम से कर्मचारियों के साथ समन्वय बनाते हुए कार्यों का निष्पादन करवाया। उन्होंने कहा कि बोर्ड के लिए दूरदृष्टि के साथ योजनाएं बनाई गईं। इसमें अधोसंरचना विकास, गोपनीय कार्यों में उच्च तकनीकी उपायों का समावेश और परीक्षा प्रणाली को और अधिक पारदर्शी बनाना शामिल है।

     उन्होंने कहा कि शर्मा के कार्यकाल में रीट एवं बोर्ड परीक्षाओं का सफल संचालन किया गया। विशेष रूप से इस बार की परीक्षाएं पूर्णतः गोपनीयता और सूचना-सुरक्षा के साथ संपन्न हुईं। उन्होंने कहा कि परिणाम समय पर जारी कर उदाहरण प्रस्तुत किया गया। यह प्रशासनिक दक्षता और टीमवर्क का परिचायक है। कर्मचारियों के हित में सेवानिवृत्त फंड जैसी योजनाओं को गति देना और मांगों पर सकारात्मक अनुशंसा करना प्रशासक के कर्मचारी हितैषी दृष्टिकोण को दर्शाता है। उन्होंने उनके स्वास्थ्य और सुखद भविष्य की शुभकामनाएं दी।

      बोर्ड प्रशासक श्री महेश चन्द्र शर्मा ने कहा कि उन्हें यह अतिरिक्त दायित्व लगभग दो वर्ष पूर्व सौंपा गया था और यह समयकाल उनके लिए विशेष रहा। उन्होंने कहा कि बोर्ड एक ऎसी संस्था है जहां देश के भविष्य की नींव रखी जाती है। यहां कार्य करना चुनौतीपूर्ण होते हुए भी आत्मिक संतोष देने वाला अनुभव रहा। श्री शर्मा ने कहा कि इस अवधि में बोर्ड द्वारा आयोजित सभी परीक्षाएं सफलता पूर्वक सम्पन्न हुईं और समय पर परिणाम भी घोषित किए गए। उन्होंने कहा कि गोपनीयता बोर्ड की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है और इसके अनुरूप कार्य करना प्रत्येक कर्मचारी की जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि सीमित संसाधनों में अधिकतम कार्य करना ही राजकीय सेवा की सच्ची सफलता है।

     उन्होंने यह भी कहा कि बोर्ड परिवार ने उन्हें सदैव सहयोग और सम्मान दिया। उन्होंने विशेष रूप से बोर्ड की तकनीकी टीम, कर्मचारी संगठनों और सचिव का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि यदि हम संस्था को एक परिवार की तरह देखें और आपसी सामंजस्य के साथ कार्य करें तो किसी भी चुनौती का समाधान सहजता से किया जा सकता है। उनका मानना था कि परीक्षा प्रणाली को तकनीक आधारित बनाकर बोर्ड ने न केवल सरकार बल्कि विद्यार्थियों और अभिभावकों का विश्वास अर्जित किया है।

     प्रशासक श्री शर्मा ने कहा कि वर्तमान समय अत्यंत संवेदनशील है। संचार माध्यमों की तीव्रता के चलते सूचना तेजी से प्रसारित होती है। इसके लिए कार्य में पारदर्शिता, संवेदनशीलता और जवाबदेही अत्यावश्यक हो गई है। उन्होंने कहा कि परीक्षार्थी एवं उनके अभिभावकों के प्रति हमारी जवाबदेही सर्वोपरि है और हमें सदैव ईमानदारी से कार्य करते रहना चाहिए।

     बोर्ड की वित्तीय सलाहकार रश्मि बिस्सा ने कहा कि प्रशासक ने सदैव एक गाइड के रूप में कठिन परिस्थितियों में मार्गदर्शन किया। हर बैठक में कुछ नया सीखने को मिला और निर्णयों में उनके अनुभव और संतुलन की झलक स्पष्ट दिखाई देती थी।

     बोर्ड पेंशनर्स एसोसिएशन द्वारा बोर्ड प्रशासक को उनकी सेवानिवृत्ति पर उनके द्वारा पेंशनर्स हितों के लिए किए गए कार्यों के लिए आभार प्रकट किया। एसोसिएशन द्वारा बोर्ड प्रशासक को शॉल पहनाकर एवं स्मृति चिन्ह भेंट किया।

     इस अवसर पर विशेषाधिकारी श्रीमती नीतू यादव, सहायक निदेशक श्री शिव प्रकाश सोनी, सेक्शन ऑफिसर सम्पदा श्री अजय बंसल, पेंशनर्स एसोसिएशन के राम बाबू शर्मा, अनिल रांका, प्रेम सिंह सिसोदिया, पवन जैन, राम स्वरूप विजयवर्गीय, एडगर दास उपस्थित थे।

 

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