अजमेर, 19 जून। राजस्थान लोक सेवा आयोग अध्यक्ष श्री उत्कल रंजन साहू ने आयोग की परीक्षाओं का आयोजन निर्धारित समय पर कराए जाने की आयोग की प्रतिबद्धता दोहराई है।
श्री साहू गुरुवार को आयोग कार्यालय में आयोजित कांफ्रेंस में मीडिया कर्मियों को संबोधित कर रहे थे।
इस दौरान श्री साहू ने कहा कि परीक्षाएं समय पर नहीं करवाने पर गंभीर अभ्यर्थियों को अकथनीय क्षति पहुंचती है। इन प्रतियोगी परीक्षाओं में विभिन्न आर्थिक पृष्ठभूमि के अभ्यर्थी सम्मिलित होते हैं। इनमे से कई अभ्यर्थी आर्थिक संकटों का सामना करते हुए परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। ऐसे में परीक्षाओं को स्थगित किया जाना गंभीरता से तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के प्रति अन्याय करने जैसा भी है।
इस दौरान आयोग सचिव ने बताया कि आयोग के ग्रीवेंस रिड्रेसल पोर्टल पर अभ्यर्थी अपनी आवेदन आईडी से परिवेदना दर्ज करा सकता है। इस पोर्टल पर परीक्षा के लिए पंजीकृत मूल अभ्यर्थी द्वारा एप्लीकेशन नंबर के माध्यम से परिवेदना दर्ज कराई जाती है, एवं ऐसी परिवेदनाओं को आयोग द्वारा गुणावगुण पर निस्तारित किया जाता है।
आयोग के मुख्य परीक्षा नियंत्रक श्री आशुतोष गुप्ता ने बताया कि आरपीएससी द्वारा वर्ष 2025 में 80 परीक्षा दिवसों में 35 विभिन्न परीक्षाओं के 155 विषयों के 214 प्रश्न पत्रों की परीक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है। इन परीक्षाओं में 8500 से अधिक पदों के लिए 37 लाख से अधिक अभ्यर्थी पंजीकृत किए गए हैं। इन परीक्षाओं में से 17 परीक्षाओं का आयोजन आयोग द्वारा पूर्ण शुचिता एवं समयबद्ध तरीके से किया जा चुका है।
उल्लेखनीय है कि आरपीएससी द्वारा प्राध्यापक एवं कोच प्रतियोगी परीक्षा-2024 के अन्तर्गत 24 विषयों की परीक्षा का आयोजन 23 जून से 4 जुलाई तक किया जा रहा है। इस परीक्षा के लिए 5 लाख 83 हजार अभ्यर्थी पंजीकृत किए गए हैं। इनमें से परीक्षा तिथियों की क्लेशिंग के कारण मात्र राजनीति विज्ञान, संस्कृत तथा समाजशास्त्र के वे ही अभ्यर्थी प्रभावित होंगे, जो नेट परीक्षा में भी सम्मिलित होना चाहते हैं।
आरपीएससी द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षा का उद्देश्य बेरोजगार पात्र युवाओं को स्कूल व्याख्याता के कुल 2 हजार 202 पदों पर समयबद्ध परीक्षा करवाकर रोजगार देना है, जबकि यूजीसी द्वारा करवाई जाने वाली नेट एक पात्रता परीक्षा है, जो कॉलेज व्याख्याता के पदों के लिए आवश्यक होती है।
राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा प्राध्यापक एवं कोच प्रतियोगी परीक्षा-2024 परीक्षा का आयोजन यदि नेट परीक्षा के चलते खिसकाया गया, तो यह रोजगार की बाट जोह रहे सैकड़ो अभ्यर्थियों के हितों पर कुठाराघात सिद्ध हो सकता है।
आरपीएससी द्वारा आयोजित की जा रही स्कूल व्याख्याता परीक्षा अंतर्गत राजनीति विज्ञान में 84 हजार 846, संस्कृत में 33 हजार 546 तथा समाजशास्त्र विषय में 6 हजार 897 अभ्यर्थी परीक्षा में सम्मिलित होंगे। इस प्रकार इन तीनों विषयों की परीक्षाओ के लिए कुल 1 लाख 25 हजार 289 अभ्यर्थी पंजीकृत हैं। इन अभ्यर्थियों में से ऐसे अभ्यर्थी जो नेट परीक्षा में सम्मिलित होना चाहते हैं, उनकी संख्या अति न्यून है।
भर्ती कैलेंडर में बदलाव से अन्य परीक्षाएं होंगी प्रभावित
आरपीएससी द्वारा यदि परीक्षा को स्थगित किया जाता है तो परीक्षा का आयोजन विलंब से होने के कारण परीक्षा के लिए पंजीकृत अभ्यर्थी प्रभावित होंगे। इससे उन बहुसंख्यक अभ्यर्थियों में असंतोष उत्पन्न होगा, जो निर्धारित तिथि पर ही परीक्षा आयोजन व शीघ्र रोजगार की आस लगाए बैठे हैं।
आरपीएससी द्वारा 31 दिसंबर 2024 को प्रेस नोट जारी कर वर्ष 2025 का परीक्षा कैलेंडर जारी कर दिया था। जिसमें प्राध्यापक एवं कोच प्रतियोगी परीक्षा, 2024 (माध्यमिक शिक्षा विभाग) की परीक्षा तिथि माह जून के अंतिम सप्ताह में निर्धारित कर दी गई थी , जबकि यूजीसी द्वारा नेट की परीक्षा तिथि 16 अप्रेल 2025 को ही घोषित की गई है।
सहायक आचार्य (कॉलेज शिक्षा विभाग) भर्ती- 2024 के अभ्यर्थी दिसंबर में दे सकते है नेट
आरपीएससी द्वारा द्वारा नेट पात्रता से संबंधित सहायक आचार्य (कॉलेज शिक्षा विभाग) के पदों पर भर्ती हेतु दिनांक 13 दिसंबर 2024 को विज्ञापन जारी किया गया था। उक्त पदों हेतु दिसम्बर,2025 में परीक्षा आयोजित किया जाना प्रस्तावित है।
वर्तमान में आयोग द्वारा सहायक आचार्य (कॉलेज शिक्षा विभाग) भर्ती- 2023 एवं अन्य भर्ती परीक्षाओं के साक्षात्कारों का आयोजन किया जा रहा है। ऐसे में दिसंबर 2025 में निर्धारित सहायक आचार्य (कॉलेज शिक्षा विभाग) भर्ती परीक्षा के परिणाम उपरांत साक्षात्कारों का आयोजन जुलाई 2026 से ही प्रारंभ होना संभव हो पाएगा।
सहायक आचार्य के पदों हेतु अभ्यर्थियों के लिए साक्षात्कार की प्रथम तिथि तक नेट परीक्षा की पात्रता होना अनिवार्य है। यूजीसी द्वारा प्रतिवर्ष जून एवं दिसम्बर में दो बार नेट पात्रता परीक्षा का आयोजन किया जाता है। ऐसे में सहायक आचार्य भर्ती-2024 में सम्मिलित होने वाले वे अभ्यर्थी जो आयोग की परीक्षा के चलते नेट परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो पाएंगे, उनके पास दिसंबर 2025 में नेट परीक्षा देने का अवसर फिर भी उपलब्ध रहेगा, परंतु वर्तमान में यदि स्कूल शिक्षा के प्राध्यापक एवं कोच प्रतियोगी परीक्षा-2024 को 6-8 माह आगे किया गया, तो नेट परीक्षा नहीं देने वाले एक लाख से अधिक अभ्यर्थियों की रोजगार प्राप्ति में विलंब से उनके प्रति अन्याय होगा।
वर्ष 2025 के दौरान आयोजित होने वाली 35 भर्ती परीक्षाओं का कैलेंडर आरपीएससी द्वारा 31 दिसंबर 2024 को ही जारी कर दिया गया था। इसके अन्तर्गत आरएएस प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा-2024 के साथ ही प्राध्यापक भर्ती-2024 की प्रस्तावित परीक्षा दिनांक भी जारी कर दी गई थी। आयोग द्वारा जारी किए गए कैलेंडर का प्रचार-प्रसार प्रिंट, इलेक्ट्रोनिक मीडिया एवं अन्य विभिन्न माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया गया था। आयोग द्वारा जारी किया गया वह कैलेंडर आयोग की वेबसाइट पर 31 दिसंबर 2024 से ही उपलब्ध है।
अन्य विषयों की परीक्षा के साथ परीक्षा कराया जाना नहीं संभव
राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा नेट परीक्षा के चलते क्लेश हो रहे विषयों के अभ्यर्थियों की परीक्षाओं को अन्य विषयों की परीक्षाओं के साथ कराने पर भी विचार किया गया, किंतु यह विभिन्न तकनीकी समस्याओं एवं एक ही अभ्यर्थी द्वारा स्कूल शिक्षा के व्याख्याता के विभिन्न विषयों में आवेदन करने एवं परीक्षा देने के कारण संभव नहीं हो सकता है। अभ्यर्थियों के एक से अधिक विषय में आवेदन करने से उन विषयों में आपस मे क्लेशिंग होने के कारण स्थगित किये जाने वाले विषयों की परीक्षा अन्य किसी विषय के साथ आयोजित नहीं की जा सकती है। ऐसे में स्थगित किए जाने की स्थिति में उन विषयों की परीक्षाओं का आयोजन दिनांक 29 जून से 04 जुलाई 2025 तक नहीं किया जा सकता है।
83 प्रतिशत से अधिक अभ्यर्थी हुए थे आरएएस मुख्य परीक्षा में सम्मिलित
आरएएस मुख्य परीक्षा-2024 की प्रस्तावित दिनांक की जानकारी भी अभ्यर्थियों को 5-6 माह पूर्व ही थी। आयोग द्वारा प्रारंभिक परीक्षा के बाद मुख्य परीक्षा के लिए सफल घोषित किए गए अभ्यर्थियों के पास 3 माह से अधिक का समय तैयारियों के लिए उपलब्ध था, एवं इसकी जानकारी उन्हें दिसंबर 2024 में ही थी। इसमें 83 प्रतिशत से अधिक अभ्यर्थी दिनांक 17 एवं 18 जून को आयोजित परीक्षा में सम्मिलित हुए थे। परीक्षा आयोजन पश्चात परीक्षा देने वाले गंभीर अभ्यर्थियों द्वारा आयोग के समय पर परीक्षा करवाने को उचित माना ।