अतींद्रिय ज्ञान के धनी थे आचार्य महाप्रज्ञ – साध्वी कीर्तिलता

बदनोर (ब्यावर)।
महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री कीर्तिलता के पावन सान्निध्य में तैरापय धर्म संघ के दशमाधिशास्ता आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी का 106 वां जन्मोत्सव  तेरापंथ सभा भवन बदनोर में मनाया गया।  कार्यक्रम का आगाज महिला मंडल बदनोर की महिलाओं ने कियाI
साध्वी श्री कीर्तिलता ने अपने ओजस्वी प्रवचन में गुरु गुण गाते हुए कहा – टमकोर की धरा पर आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी का जन्म  क्या हुआ टमकोर टोकिया बन गया आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी को महान बनने के लिए किसी प्रकार का विज्ञापन नहीं करना पडा इसलिए वे सब के बन गए I आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी अतींद्रिय ज्ञान के धनी थे।
साध्वी शांतिलता, साध्वी पुनमप्रभा व साध्वी श्रेष्ठप्रभा के साथ तेरापंथ कन्यामंडळ व ज्ञानशाला के बच्चों ने मिलकर न्यूज का विशेष कार्यक्रय किया।
तेरापंथी सभा ब्यावर के उपाध्यक्ष रिद्धकरण श्री श्री माल व स्थानकवासी समाज  के अध्यक्ष हीरालाल गोखरू ने भी अपने विचार रखे । ब्यावर का उभरता हुआ कलाकार समृद्ध जैन ने अपनी सुमधुर गीतिका प्रस्तुत की। कार्यक्रम में संपूर्ण जैन समाज के साथ-साथ ब्यावर तेरापंथ सभा के अध्यक्ष धनराज रांका, मोहनलाल श्री श्रीमाल, राजेंद्र नौलखा, गौतम रांका, ज्ञानचंद रांका आदि उपस्थित थे I
कार्यक्रम का संचालन साध्वी श्रेष्ठप्रभा ने किया व आभार तेरापंथ सभा के मंत्री विमल रांका ने किया।
मनीष रांका
9828038081

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