सफलता की कहानी-1
मौके पर हुआ बंटवारा
पंडित दीनदयाल उपाध्याय संबल पखवाड़ा अन्तर्गत रूपनगढ़ के ग्राम पंचायत त्योद में आयोजित हुए शिविर में प्रार्थीगण बिरदीचंद पुत्र सोराम जाति कुमावत व अन्य सहखातेदारों ने वास्ते सहमति बंटवारा शिविर स्थल पर उपस्थित हुए। प्रार्थीगण द्वारा वास्ते बंटवारा आवेदन एवं दस्तावेज का अवलोकन किया गया। प्रार्थीगण की ग्राम मोरड़ी पटवार हल्का मोरड़ी स्थित खातेदारी भूमि खसरा नम्बर 313/33 रकबा 0.5420 हैक्टयर एवं खसरा नम्बर 38 रकबा 4.6841 हैक्टयर के बंटवारे के लिए दस्तावेज एवं सहमति बाबत प्रस्तुत शपथ पत्र की जांच करने उपरान्त जमाबंदी में अंकित हिस्से अनुसार परस्पर मौके पर बंटवारा किया गया।
प्रार्थीगण द्वारा अवगत कराया गया कि प्रार्थीगण काफी समय से अपने हिस्से अनुसार बंटवारा करवाने बाबत प्रयासरत थे एवं राज्य सरकार द्वारा आयोजित किए गए उक्त शिविर से प्रार्थीगणों को तुरंत राहत मिली जिससे प्रार्थीगणों द्वारा प्रशासन एवं राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया गया जो कि शिविर की सफलता को दर्शाता है।
सफलता की कहानी-2
शिविर में करवाया आवेदन, हाथो-हाथ सत्यापन कर सामाजिक पेंशन की शुरू
पंडित दीनदयाल उपाध्याय संबल पखवाड़ा अन्तर्गत रूपनगढ़ के ग्राम पंचायत त्योद में शिविर का आयोजन हुआ। शिविर में श्री जीवण पुत्र श्री सोदान राम, श्रीमती लाली पुत्री हरजी राम तथा रामचंद्र पुत्र बन्नाराम ने पेंशन चालू करवाने के लिए संपर्क किया। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक प्रोगामर सत्येन्द्र कुमार एवं छात्रावास अधीक्षक मनीष कुमार ने संबंधित दस्तावेज जांच करके ई-मित्र से आवेदन करवाया। उपखण्ड अधिकारी की अनुशंसा पर शिविर के दौरान ही प्रथम लेवल तथा द्वितीय लेवल सत्यापित करवाकर प्रार्थीगणों की पेंशन जारी कर लाभान्वित किया गया। प्रार्थीगणों ने प्रसन्नता जाहिर की तथा प्रशासन एवं राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया गया जो कि शिविर की सफलता को दर्शाता है।
सफलता की कहानी-3
अब विश्राम को भी मिलेगा खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ
शिविर में ही आधार सीडिंग व ई-केवाईसी पूर्ण करवाई
पंडित दीनदयाल उपाध्याय संबल पखवाड़ा अन्तर्गत उपखण्ड अधिकारी दीपशिखा एवं शिविर प्रभारी तहसीलदार कीर्ति भारद्वाज की उपस्थिति में अटल सेवा केन्द्र भदूण (रूपनगढ़) में शिविर आयोजित किया गया। शिविर में उपस्थित ग्राम त्योद निवासी विश्राम पुत्र लक्ष्मण जाति गुर्जर की एक महत्वपूर्ण समस्या का समाधान हुआ। प्रार्थी को लंबे समय से खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। उसकी आधार सीडिंग, ई-केवाईसी पूर्ण नहीं हुई थी। शिविर में मौजूद राशन विभाग के अधिकारियों ने मौके पर ही पीओएस मशीन से केवाईसी पूर्ण करवाई। इससे विश्राम को खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ मिलेगा।
विश्राम नें अपनी समस्या के त्वरित समाधान के लिए उपखण्ड अधिकारी रूपनगढ़ और राशन विभाग की टीम का हृदय से धन्यवाद किया। यह शिविर जरूरतमंदो को समय पर सहायता उपलब्ध कराने का सराहनीय उदाहरण है।
सफलता की कहानी-4
काश्तकारों के चेहरे पर आई मुस्कान, वर्षों बाद कृषि भूमि खेत का हुआ बंटवारा
पंडित दीनदयाल उपाध्याय अत्त्योदय संबंल पखवाड़ा अन्तर्गत पंचायत समिति श्रीनगर की ग्राम पंचायत कानाखेड़ी में आयोजित शिविर में ग्राम कानाखेड़ी की दुर्गा पत्नि प्रहलाद, नाथी पत्नि रामकिशन, पप्पू पत्नि गोपाल, सुगन पत्नि रामस्वरूप एवं सीता पत्नि मेघराज यादव के कृषि भूमि खेत का बंटवारा करवाने के लिए आपस में सहमत नहीं थे। इन्हे समझाइश करवाकर वर्षों से लंबित विभाजन आज शिविर में करवाकर काश्तकारो को राहत दी। इनके 15 बीघा रकबा इनमें 5 खेतों के टुकड़े थे। इनका शिविर में मौके पर ही निस्तारण करते हुए बंटवारा किया गया। वर्षों बाद सभी काश्तकारों के चेहरे पर मुस्कान आई। इन सभी ने खुश होकर शिविर में उपस्थित सभी को धन्यवाद दिया और खुशी से विदा हुए।
सफलता की कहानी-5
आंखों से छलके खुशी के आंसू, गुमान चौधरी को मिला अपने पुराने आवासीय मकान का पट्टा
पंडित दीनदयाल उपाध्याय संबल पखवाड़ा अन्तर्गत पंचायत समिति श्रीनगर की ग्राम पंचायत भटियानी में आयोजित हुए शिविर में परिवादी श्री गुमान चौधरी निवासी ग्राम चाट की प्रार्थना पर कार्यवाही करते हुए मौके पर ही परिवादी को अपने पुराने आवासीय मकान का पटटा शिविर प्रभारी द्वारा प्रदान किया गया। इससे लाभान्वित गुमान चौधरी और उसका परिवार बहुत खुश हुआ। गुमान सिंह की आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़ें। गुमान सिंह ने उपस्थित सभी को धन्यवाद दिया और राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया गया जो कि शिविर की सफलता को दर्शाता है।
सफलता की कहानी-6
बंजर भूमि पर ढेंचा की खेती होगी वरदान साबित
शिविर में वितरित किए गए मिनीकिट
पंडित दीनदयाल उपाध्याय संबल पखवाड़ा अन्तर्गत पीसांगन के ग्राम पंचायत भगवानपुरा में शिविर का आयोजन हुआ। शिविर में मोतीसर के कृषक सोदानी और मुकेश सिंह रावत सहित अन्य कृषकों ने जैविक खेती करने की उत्सुकता स्वरुप हरी खाद का महत्त्व की जानकारी चाही गयी।
कृषि विभाग में कार्यरत वरिष्ठ कृषि पर्यवेशक श्री जुगराज भैरा से ने शिविर में हरी खाद के रूप में ढेंचा की खेती करने से इसकी उपयोगिता व निर्माण करने की विधि से अवगत कराया। इसकी खेती अनुपयोगी व बंजर भूमि में आसानी से होने वाली फसल है। इसकी जड़ो में गाठे होती है जो की वायुमंडल से नाईट्रोजन को अवशोषित कर भूमि में स्थापित करती है। इसके कारण खेत की उर्वरा शक्ति, जल सोखने की क्षमता में वृद्धि होती है। इसके साथ ही पारिस्थितिकी तंत्र मजबूत होने से पर्यावरण प्रदूषण मुक्त होता है। इसके पौधे में कार्बनिक एसिड पैदा होता है जिसका पीएच मान 4.0 है, जो की उच्च पीएच मान वाली मिट्टी को निष्प्रभावी बनाता है।
शिविर में कृषि विभाग द्वारा ढेंचा (डीएच एण्ड 1) मिनीकिट वितरित किए गए। साथ ही 0.2 हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई कर 10 किलो ढेंचा मिनीकिट उपयोग की सलाह दी गयी। उन्होंने बताया कि फूल आने से पूर्व एवं 40-50 दिन पश्चात खड़ी फसल को पलट कर डीकोम्पोजिट होने तक छोड़ दे। उपखंड अधिकारी श्री राजीव बडगुर्जर ने शिविर में उपस्थित अन्य सभी किसानो को भी उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए ढेंचा खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया। जैविक खेती अपनाने से उत्पादन में भी वृद्धि होगी तथा लागत भी कम आएगी।
सफलता की कहानी-7
सीता को मौके पर ही मिला घर का पट्टा
पंडित दीनदयाल उपाध्याय संबल पखवाड़ा अन्तर्गत पीसांगन के ग्राम पंचायत भगवानपुरा में आयोजित हुआ। भगवानपुरा निवासी श्रीमती सीता पत्नी ओमप्रकाश, जाति-जांगिड को शिविर की जानकारी मिलने पर वह शिविर में आयी। शिविर मे सीता ने शिविर प्रभारी से अपने घर के पट्टे की मांग की। शिविर प्रभारी ने प्रार्थी की प्रार्थना पर त्वरित कार्यवाही करते हुए आवश्यक दस्तावेज एकत्रित कर मौके पर पट्टा पत्रावली तैयार करवाई। शिविर अधिकारी के समक्ष सीता का आवेदन पूर्णतया स्वीकार होने से शिविर स्थल पर ही हाथों-हाथ पट्टा जारी किया गया।
स्थानीय विधायक श्री रामस्वरूप लाम्बा, उपखंड अधिकारी श्री राजीव बडगुजर, तहसीलदार श्री भागीरथ चौधरी, विकास अधिकारी श्री सोहनलाल डारा, ग्राम पंचायत प्रशासक श्रीमती केली देवी द्वारा सीता को घर का पट्टा दिया गया। सीता को अपने घर का पट्टा पाकर उसका चेहरा खिल उठा। उसने राज्य सरकार द्वारा जनता के हित मे शिविर में हो रहे कार्याें व योजना की सराहना की।