मधुमेह के निदान के लिए तनावमुक्त एवं अनुशासन युक्त जीवन शैली आवश्यक – देवनानी

रिबूट एंड रिवर्स-ए 360 डिग्री न्यू फॉर स्मार्टर डायबिटीज मैनेजमेंट थीम पर अजयमेरू डायबिटीज समिट का हुआ शुभारंभ

विधानसभाध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने किया शुभारंभ

मधुमेह के निदान के लिए तनावमुक्त एवं अनुशासन युक्त जीवन शैली आवश्यक – श्री देवनानी

     अजमेर, 12 जुलाई। डायबिटीज के प्रभावी और नवीनतम उपचार की दिशा में उल्लेखनीय पहल करते हुए अजयमेरू डायबिटीज सोसायटी एवं डायबिटीज एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में अजयमेरू डायबिटीज समिट का आयोजन पैराडीजो रिसॉर्ट में किया गया। इस वर्ष समिट की थीम रिबूट एंड रिवर्स-ए 360 डिग्री न्यू फॉर स्मार्टर डायबिटीज मैनेजमेंट रखी गई जो वर्तमान समय में मधुमेह के समग्र एवं स्मार्ट प्रबंधन की आवश्यकता को दर्शाती है।

     कार्यक्रम का शुभारंभ विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने किया। श्री देवनानी ने कहा कि मधुमेह एक गंभीर एवं जटिल रोग है। ये धीरे धीरे व्यक्ति के सम्पूर्ण शरीर को प्रभावित करता है। यह रोग शरीर के विभिन्न अंगों जैसे आंखों, हृदय, किडनी, स्नायु तंत्र और पैरों को भी गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान जीवनशैली में बढ़ता मानसिक तनाव, अनुशासनहीन दिनचर्या, असंतुलित आहार और शारीरिक निष्कि्रयता इस रोग को और अधिक जटिल बना देते हैं। इस चुनौती से निपटने के लिए जरूरी है कि व्यक्ति अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहे और नियमित चिकित्सा परामर्श को प्राथमिकता दे।

     श्री देवनानी ने मधुमेह से लड़ने की मानसिकता को मजबूत करने कमालिया कहा कि जीवन के लॉकर की दो चाबी होती हैं। एक कर्म और दूसरी भाग्य। उन्होंने स्पष्ट किया कि भाग्य हमारे नियंत्रण में नहीं है लेकिन कर्म हमारे हाथ में है और सही कर्म ही अच्छे स्वास्थ्य का आधार बनता है। उन्होंने उपस्थितजनों को प्रेरित करते हुए कहा कि चिंताओं और तनावों से मुक्त रहकर यदि हम संयमित जीवन अपनाएं, नियमित रूप से व्यायाम करें, संतुलित एवं पौष्टिक आहार लें और सकारात्मक सोच बनाए रखें तो मधुमेह जैसे रोग पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकता है।

     उन्होंने कहा कि आधुनिक चिकित्सा पद्धति और डिजिटल हेल्थ तकनीकों के साथ यदि व्यक्ति स्वयं जागरूक हो जाए तो रोग को केवल नियंत्रित करने के साथ रोगमुक्त भी हुआ जा सकता है। उन्होंने कहा कि अब यह आवश्यक हो गया है कि हम उपचार के साथ साथ रोकथाम पर भी बराबर ध्यान दें और इसके लिए जन जागरण, शिक्षा और समाज में सकारात्मक संवाद की आवश्यकता है। उन्होंने चिकित्सकों से अपील की उपचार के साथ व्यवहार से भी मरीजों में आत्मविश्वास जगाएं क्योंकि चिकित्सक का सकारात्मक दृष्टिकोण रोगी की आधी बीमारी दूर कर सकता है।

     उन्होंने कहा कि भोजन में मिलावट और प्रदूषण के कारण खाद्य सामग्री की गुणवत्ता में कमी आई है। ऎसे में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए प्रतिदिन कैलोरीज़ बर्न करना और सक्रिय जीवनशैली अपनाना जरूरी है। श्री देवनानी द्वारा चिकित्सा क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवा देने वाले वरिष्ठ चिकित्सकों को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड एवं फैलिसिटर अवॉर्ड प्रदान किए गए। डॉ. अनिल भटनागर, डॉ. ए.पी.एस. सूरी, डॉ. ए.एस. राठौड़ और डॉ. प्रकाश अभिचंदानी सहित 10 चिकित्सकों को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। साथ ही डॉ. अनिल सामरिया, डॉ. संदीप सूरी, डॉ. जी.डी. रामचंदानी, डॉ. ज्योत्सना रंगा सहित 13 चिकित्सकों को फैलिसिटर अवॉर्ड प्रदान किया गया। युवा चिकित्सकों को प्रोत्साहित करने के लिए डॉ. मुकेश सोनी, डॉ. अंकुर माथुर, डॉ. वैभव सक्सेना एवं डॉ. दीपक सांखला को अजयमेरू यंग अचीवर्स अवॉर्ड से नवाजा गया।

     इस राष्ट्रीय सेमिनार के विभिन्न सत्रों में देशभर के प्रतिष्ठित चिकित्सकों एवं विशेषज्ञों ने डायबिटीज से संबंधित नवीनतम शोध, तकनीकी नवाचार एवं उपचार पद्धतियों पर विचार साझा किए। डॉ. ए.पी.एस. सूरी ने नवाचारपूर्ण ड्रेसिंग से अल्सर के उपचार को आसान और प्रभावी बताया। डॉ. रघुबीर सिंह ने मधुमेह रोगियों में किडनी की समयपूर्व जांच के महत्व को रेखांकित किया। डॉ. कमलाकर त्रिपाठी ने मधुमेह के रोगियों के लिए किडनी सुरक्षा के लिए उपयुक्त औषधि चयन एवं मात्रा के निर्धारण पर बल दिया। डॉ. स्वाति श्रीवास्तव ने हाइपरटेंशन की नई गाइडलाइंस 2025 के अनुसार डायबिटीज रोगियों की चिकित्सा पद्धति को अद्यतन करने की आवश्यकता बताई। जेएनयू मेडिकल कॉलेज के प्रो. चांसलर डॉ. सुधीर भंडारी ने ओबेसिटी मैनेजमेंट में जीवन की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता बताई।

     सोसायटी के महासचिव सी.पी. कटारिया ने बताया कि पहले दिन कुल 7 सत्र और 2 कार्यशालाएं आयोजित हुईं। समिट के दूसरे दिन प्रातः 8 बजे से डायबिटीज से जुड़ी समस्याओं पर विशेष नवाचार प्रस्तुत किए जाएंगे। डॉ. रजनीश सक्सेना ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह समिट ज्ञानवर्धन के साथ-साथ समाज में मधुमेह के प्रति जागरूकता बढ़ाने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगा।

     इस अवसर पर समिट के आयोजक एवं अजयमेरू डायबिटीज सोसायटी के चेयरमैन डॉ. रजनीश सक्सेना, सचिव डॉ. एस.एस. दरिया, साइंटिफिक कमेटी के चेयरमैन व जेएलएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनिल सामरिया, कोषाध्यक्ष डॉ. कुणाल कोहली सहित अनेक चिकित्सक एवं शोधकर्मी उपस्थित रहे।

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