स्मार्ट सिटी की योजना की घोषणा से जितना अजमेर वासी खुशी हुई थे अब उससे कहीं ज्यादा दुखी

 शहर में आई बिना उपयोगी सीमेंट कंक्रीट व लोहे से हुए निर्माण की बाढ़,सुविधाओं के नाम पर पहले के मुकाबले दुगनी हुई असुविधा 
 मुझे याद है जब अमेरिका के राष्ट्रपति ने अजमेर में सीधे सचिन पायलट से फोन पर बात की थी वह उसके बाद अजमेर को पूरे भारत में सबसे पहले अमेरिका के सहयोग से ही स्मार्ट सिटी बनवाने की घोषणा की थी ।
 बिना किसी तकनीकी जानकारी के अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ शहर का प्रोजेक्ट बनवाएं अपने विधानसभा क्षेत्र में अधिक से अधिक राशि खर्च करवाने के की सनक के चलते उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र को भी डूब क्षेत्र बनवा लिया जो नागरिकों के लिए घातक सिद्ध हो रहा है शहर की सड़कें बरसात के बाद कई दिनों तक पानी से भरी रहती है नागरिकों का अपने घरों से शहर की ओर जाने का रास्ता अवरुद्ध हो जाता है दो पहिए के वहां वाले वह पैदल यात्री तो घरों में ही कैद हो जाते हैं।
 आग में घी का काम तो जिला प्रशासन द्वारा शहर के बाहर नाले की भूमि को पाठ कर बनाया गया नगर निगम का आलीशान भवन है। वैसे ही नागरिक इतनी दूर जाना पसंद नहीं करते लेकिन बरसात के बाद तो जाकर भी वहां जाना दुश्वार हो गया है।
 शहर के बीच में यातायात को सुनियोजित बनाने के उद्देश्य से बनाया गया एलिवेटेड रोड उर्फ रामसेतु कोड में खाज का काम कर रहा है वह अभी से ही दशक में लगा है।
 भाजपा शासन में शुरू हुआ था वह समाप्त भी भाजपा शासन में ही हुआ है, इस बीच अजमेर का नगर निगम में जिला परिषद में भाजपा के ही मेयर और जिला प्रमुख के साथ-साथ दोनों विधायक वह लोकसभा सदस्य भाजपा के ही रहे हैं।
 एलिवेटेड रोड बनाने से पूर्व उसके दोनों तरफ शहर में आने-जाने हेतु नागरिकों को प्राप्त जगह मिले इस हेतु उन्हें अतिक्रमणों को हटाकर अथवा जहां अतिक्रमण नहीं है वहां की भूमि को अधिकृत कर सड़कों को चौड़ा किया जाना चाहिए था आगरा गेट पर दूरसंचार विभाग व डाक तार विभाग, थाईलैंड बाजार में नागरिकों को आने-जाने हेतु बनवाए गए सभी बरामदे जिन पर पूरा कब्जा कर कर व्यापारियों ने सटल लगा दिए हैं उन्हें तोड़कर सड़क में जोड़ा जाना चाहिए था। इसी प्रकार नगर निगम के भवन के सामने के हिस्से वह लोढ़ा धर्मशाला जो नगर निगम अजमेर की संपत्ति है वह जिसे लीज पर लोढ़ा परिवार को दिया गया है वह लीजिए भी समाप्त हो गई है इनके सामने के हिस्से को तोड़कर नागरिकों के आवागमन हेतु बनाना चाहिए, इसी प्रकार चूड़ी बाजार के पास दूर संचार विभाग व उसके अधिकारियों के बंगले के साथ ही इसके पास मुख्य डाक तार विभाग के बाहर खाली पड़ी जमीनों को अधिग्रहण कर नागरिकों के हित में आवा गमन हेतु उपयोग में लिया जाना चाहिए। रेलवे स्टेशन के सामने दुकानदारों ने किसी जमाने में है नागरिकों के लिए पहले पैदल आने जाने का करीब 15-20 फीट चौड़ा जो फुटपाथ बनाया था उसे पर दुकानदारों ने अवैध कब्जा कर लिया है  उसे भी खाली कराया जाना चाहिए।
 माईट्रेंडल ब्रिज से रेलवे माल गोदाम वी कचहरी रोड पर रेलवे की साइड में बनी हुई सभी दुकान नगर निगम अजमेर की संपत्ति है वह लीज पर दी हुई है  की अवधि 25 30 साल पहले ही समाप्त हो गई लेकिन कुछ नगर निगम में बैठे उच्च पदस्थ जनप्रतिनिधि वह नगर निगम प्रशासन की मिली भगत से शहर की भावी  प्रगति को ध्यान में रखे बिना कौड़ियों की दम पर कुछ दुकानदारों को की अवधि बढ़ा दी या स्थाई रूप से उन्हें समझा दिया जो अजमेर के समस्त नागरिकों की पीठ में छुरा घोंपने के समान है। जिला कलेक्टर अजमेर को अपनी मजिस्ट्रेट पावर का उपयोग करते हुए इन स्थानों को खाली कराकर वह जो मैं नहीं लिख पा रहा हूं उन्हें भी हवा कर रामसेतु ब्रिज के दोनों तरफ के रास्तों को नागरिकों के लिए सुगम बनवाना चाहिए।
 इसी प्रकार थोड़ी सी ही बरसात में अंदर कोट, लोंगिया मोहल्ला, दरगाह बायपास रोड ताराशाह नगर,पप्पू की टाल के सामने, दरगाह बाजार,नला बाजार,मदार गेट,माईट्रेंडल ब्रिज के नीचे, केसरगंज, बजरंगगढ़ चौराहा, शीतला मंदिर के पास का क्षेत्र, मेडिकल कॉलेज, सावित्री स्कूल व कॉलेज पुरानी चौपाटी, शिव विहार कॉलोनी,अभियंता नगर, वैशाली नगर, मित्तल अस्पताल के आसपास का क्षेत्र,ईदगाह आदि अजमेर उत्तर के वह क्षेत्र हैं जहां प्रशासन चाहे तो उनकी पुरानी उत्साह वर्धक जीवन शैली वापस ला सकता है।
*प्रताप सिंह यादव*

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