वरिष्ठजन तीर्थयात्रा योजना-2025 के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू

देवस्थान मंत्री श्री जोराराम कुमावत ने बटन दबाकर पोर्टल का किया शुभांरभ

इस बार कुल 56 हजार वरिष्ठजन करेंगे यात्रा

10 अगस्त तक देवस्थान विभाग की पोर्टल पर करना होगा आवेदन

राजस्थान सरकार की बजट घोषणा 2025-26 की क्रियान्विति में वरिष्ठजन नागरिक तीर्थयात्री योजना-2025 के लिए देवस्थान विभाग ने ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। इस ऑनलाइन प्रक्रिया को देवस्थान मंत्री श्री जोराराम कुमावत ने देवस्थान विभाग की वेबसाइट https://devasthan.rajasthan.gov.in पर बटन दबाकर पोर्टल का शुभारंभ किया।

देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त श्री गिरीश बचानी ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की मंशानुसार राज्य में इस बार 50 हजार वरिष्ठजनों को एसी ट्रेन एवं 6 हजार यात्रियों को हवाई जहाज से यात्रा कराई जाएगी। ऑनलाइन आवेदन 10 अगस्त तक किया जा सकेगा। इसके लिए 60 वर्ष से अधिक आयु के आवेदक पात्र होंगे। आवेदक को राजस्थान का मूल निवासी होना चाहिए। आवेदक का जन्म एक अप्रेल 1966 से पूर्व होना चाहिए। इसके अलावा आवेदक आयकरदाता नहीं होना चाहिए। उन्होंने बताया कि ऎसे यात्री जिनका चयन विगत वर्षों में हो गया और वे स्वेच्छा से यात्रा पर नहीं गए, उन्हें इस बार शामिल नहीं किया जाएगा।

ऎसे कर सकेंगे आवेदन

उन्होंने बताया कि इच्छुक वरिष्ठजन देवस्थान विभाग की वेबसाइट https://devasthan.rajasthan.gov.in  या सीधे https://edevasthan.rajasthan.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं। वेबसाइट पर यात्रा से संबंधित विस्तृत दिशा-निर्देश भी उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन आवेदन के पश्चात जिला स्तर पर कमेटी द्वारा पात्र लोगों का चयन किया जाएगा।  यात्रा के लिए 100 प्रतिशत अतिरिक्त यात्रियों की प्रतीक्षा सूची भी तैयार की जाएगी। चुने गए पात्र लोगों को यात्रा पर भेजा जाएगा। एक ट्रेन में 800 वरिष्ठ जन यात्रा कर सकेंगे।

रेल द्वारा करीब 40 तीर्थ स्थलों के दर्शन करेंगे यात्री

उन्होंने बताया कि इस बार स्वर्ण मंदिर के बाद सिख समुदाय की मांग पर सिख धर्म के कई नए तीर्थ स्थलों को यात्रा में शामिल किया गया है। इनमें महाराष्ट्र के हजूर साहिब (नांदेड़) एवं पटना साहिब (बिहार) भी हैं। इसके अलावा ट्रेन से कुल 15 रूट तय किए गए हैं। इन पर वरिष्ठजनों को लगभग 40 तीर्थस्थलों के दर्शन करने का अवसर मिलेगा। इनमें हरिद्धार, ऋषिकेश-अयोध्या-वाराणसी, सारनाथ, सम्मेदशिखर-पावापुरी, मथुरा, वृंदावन, बरसाना, आगरा, द्धारकापुरी, नागेश्वर, सोमनाथ, तिरूपति, पदमावती, कामख्या-गोवाहाटी, गंगासागर-कोलकाता, जगन्नाथपुरी-कोणार्क, रामेश्वरम-मदुरई, वैष्णोदेवी, अमृतसर-वाघा बार्डर, महाकालेश्वर, उज्जैन-ओंकारेश्वर-त्रयम्बकेश्वर-घृष्णेश्वर-एलोरा, बिहार शरीफ, पटना साहिब-बिहार एवं श्री हजूर साहिब नांदेड़-महाराष्ट्र तथा गोवा के मंदिर एवं अन्य स्थल चर्च आदि शामिल हैं।

ट्रेन पर दिखेगी राजस्थानी संस्कृति

उन्होंने बताया कि ट्रेन पर राजस्थानी संस्कृति नजर आएगी। ट्रेन को खासतौर पर इस तीर्थ यात्रा के लिए डिजाइन किया है। विशेषतौर पर सभी 11 डिब्बों पर राजस्थानी लोक नृत्य, लोक कलाएं, तीज त्यौहार की झलक नजर आएगी। प्रत्येक डिब्बे पर राजस्थान के अलग-अलग मंदिर, दुर्ग, अन्य पर्यटक स्थल एवं अभयारण्य को दर्शाया गया है। ट्रेन में डॉक्टर तथा मेडिकल स्टाफ की सुविधा भी मिलेगी। इसके अलावा सभी यात्रियों के ठहरने के लिए होटल, ट्रांसपोर्ट एवं मंदिर दर्शन की सुविधा के साथ साथ यात्रियों के लिए सुबह-शाम के खाने तथा नाश्ते की व्यवस्था भी देवस्थान विभाग की ओर से उपलब्ध करवाई जाएगी।

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