डेयरी अध्यक्ष रामचन्द्र चौधरी ने लिखा पत्र — अजमेर दुग्ध संघ में रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती की माँग

अजमेर डेयरी अध्यक्ष श्री रामचन्द्र चौधरी ने अजमेर दुग्ध संघ में रिक्त पदों की गंभीर समस्या को लेकर मुख्यमंत्री श्रीमान् भजनलाल शर्मा, पशुपालन एवं डेयरी विभाग मंत्री श्रीमान् जोराराम कुमावत सहित राज्य सरकार के उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर शीघ्र भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की माँग की है।
यह पत्र उन्होंने वित्त, आबकारी एवं कराधान विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्रीमान् वैभव गालरिया, पशुपालन, मत्स्य एवं गोपालन विभाग के सचिव श्रीमान् समित शर्मा, आरसीडीएफ की प्रशासक एवं प्रबन्ध संचालक श्रीमती श्रुति भारद्वाज तथा आरसीडीएफ के वित्तीय सलाहकार श्रीमान् आकाश अल्हा को भी प्रेषित किया है।
पत्र में श्री चौधरी ने उल्लेख किया कि अजमेर दुग्ध संघ में वर्तमान में 347 स्वीकृत पद हैं, जिनमें से केवल 67 पदों पर ही अधिकारी एवं कर्मचारी कार्यरत हैं। शेष पद लंबे समय से रिक्त हैं, जिससे संचालन एवं तकनीकी कार्यप्रणाली में गंभीर बाधा उत्पन्न हो रही है।
उन्होंने बताया कि संघ द्वारा समय-समय पर आरसीडीएफ के माध्यम से राज्य सरकार को भर्ती की अनुमति हेतु अनुरोध किया गया है, और हर माह स्टाफ स्ट्रेंथ की जानकारी आरसीडीएफ को भेजी जाती रही है। इस विषय पर आरसीडीएफ द्वारा एनडीडीबी से अध्ययन करवाया गया, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर समिति बनाकर विस्तृत विश्लेषण किया गया।
अजमेर दुग्ध संघ ने दिनांक 06.03.2024 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए 210 अधिकारियों/कर्मचारियों की आवश्यकता बताई थी। वर्तमान में कार्यरत 67 कर्मचारी न केवल स्वीकृत स्ट्रेंथ से 280 कम हैं, बल्कि NDDB की रिपोर्ट के अनुसार भी 143 कर्मचारियों की कमी पाई गई है। इसके बावजूद, राज्य सरकार ने मात्र 3 पदों की भर्ती की अनुमति दी है, जो कि संघ की वास्तविक आवश्यकता की तुलना में अत्यंत अल्प है।
श्री चौधरी ने राज्य सरकार द्वारा दी गई इस अनुमति को तथ्यों से परे बताया और स्पष्ट किया कि अजमेर दुग्ध संघ घाटे में नहीं है। उन्होंने बताया कि संघ ने अपने स्तर पर ₹320 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक प्लांट का निर्माण किया है, जिसमें राज्य सरकार अथवा आरसीडीएफ से कोई अनुदान नहीं लिया गया।
संघ लगातार लाभ में रहा है और वर्ष 2024-25 में ₹10.29 करोड़ का शुद्ध लाभ अर्जित करने की संभावना है। साथ ही, वर्ष 2024-25 में संघ द्वारा प्लांट निर्माण हेतु लिया गया संपूर्ण ऋण चुका दिया गया है, जिससे हर वर्ष ₹4-5 करोड़ ब्याज की बचत और ₹33 करोड़ की नगदी बचत होने की उम्मीद है।
संघ अपने समस्त व्यय, जिनमें कर्मचारियों/अधिकारियों के वेतन व भत्ते शामिल हैं, स्वयं वहन करता है और इसमें राज्य सरकार या आरसीडीएफ का कोई वित्तीय योगदान नहीं होता।
श्री चौधरी ने यह भी बताया कि पूर्व प्रबन्ध निदेशक, आरसीडीएफ, जयपुर द्वारा दिनांक 08.08.2024 को पत्र क्रमांक आरसीडीएफ/संस्था/एफ.1 (ई-42)/2024/21035 के माध्यम से राज्य सरकार को इस संबंध में अनुरोध भेजा गया था।
अंत में, उन्होंने चेताया कि यदि रिक्त तकनीकी पदों पर शीघ्र भर्ती नहीं की गई, तो अत्याधुनिक प्लांट का संचालन संकट में पड़ सकता है और गुणवत्तापूर्ण दुग्ध उत्पादन में बाधा उत्पन्न होगी।
उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया कि बिना किसी विलम्ब के रिक्त पदों पर भर्ती की स्वीकृति प्रदान की जाए, ताकि अजमेर दुग्ध संघ का संचालन निर्बाध एवं व्यवस्थित बना रहे।

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