
प्राचार्य अलका देश महोदय ने अपने संबोधन में कहा कि ष्संस्कृत केवल एक भाषा नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, ज्ञान-विज्ञान और नैतिक मूल्यों की मूल धारा है। इसके अध्ययन से हम अपने अतीत की गौरवशाली परंपराओं से जुड़ते हैं और उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर होते हैं।ष्
कार्यक्रम में सहायक आचार्य राजेंद्र सिंह लखावत, सहायक लेखा अधिकारी अशोक कुमार जैन, शास्त्री लोकेश शर्मा, विमला गुर्जर, शारदा देवी, ऋषि मिर्धा, अभ्युदय पंडित एवं अन्य गणमान्यजन उपस्थित रहे।
संस्कृत दिवस के इस आयोजन का उद्देश्य संस्कृत भाषा के संरक्षण, संवर्धन एवं प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देना तथा विद्यार्थियों में इसके प्रति रुचि एवं गर्व की भावना जागृत करना रहा।