श्री नृसिंह अग्रसेन जैन विद्यापीठ, ब्यावर में जैन पर्यूषण महापर्व पर अहिंसा रैली का आयोजन

ब्यावर। जैन धर्म के सबसे पावन पर्व पर्यूषण संवत्सरी महापर्व एवं क्षमायाचना पर्व के अवसर पर श्री वर्द्धमान शिक्षण समिति द्वारा संचालित – श्री नृसिंह अग्रसेन जैन विद्यापीठ, ब्यावर में  भव्य अहिंसा रैली कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विद्यालय प्रांगण से शुरू हुई यह अहिंसा एवं शाकाहार रैली विद्यालय के समीप मुख्य मार्गों से होती हुई पुनः विद्यालय पहुँची। रैली में विद्यार्थियों ने हाथों में आकर्षक तख्तियां व बैनर थाम रखे थे, जिन पर अहिंसा, शाकाहार, पर्यावरण,क्षमा और मैत्रीभाव के संदेश लिखे थे। रैली के दौरान बच्चों के गगनभेदी नारों से क्षेत्र का वातावरण गूंज उठा और हर कोई इस अनोखी पहल की सराहना करता नजर आया।

बच्चों ने दिया अनोखा संदेश

रैली में बच्चों ने सामूहिक रूप से  नारे लगाते हुए समाज को यह संदेश दिया कि “जीव मात्र पर दया करो, अहिंसा एवं शाकाहार को अपनाओ, और क्षमा से रिश्ते संवारो।”
कुछ प्रमुख स्लोगन इस प्रकार रहे:

“मन, वचन, कर्म से हुई भूलों की क्षमा माँगते हैं,
मैत्री और सद्भाव से रिश्ते सँवारते हैं।”

“क्षमा में है शक्ति, क्षमा में है शांति,
यही है जीवन की सच्ची भ्रांति।”

“हिंसा छोड़ो, करुणा अपनाओ,
अहिंसा से जीवन में प्रकाश फैलाओ।”

“शाकाहार है तन-मन का उपचार,
स्वस्थ जीवन का यही है आधार।”

“न द्वेष, न बैर, न कोई भेदभाव,
सबसे रखो केवल मैत्री भाव।”

समाज को मिला प्रेरणा संदेश

इस अवसर पर श्री वर्द्धमान शिक्षण समिति के मंत्री डॉ. नरेंद्र पारख एवं शैक्षणिक निदेशक डॉ. आर.सी. लोढ़ा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि –
“नव पीढ़ी यदि शाकाहार और अहिंसा के सिद्धांतों को अपने जीवन में उतारेगी तो समाज में शांति, सद्भाव और प्रेम स्वतः स्थापित होगा। क्षमा की भावना ही सच्चे मानव धर्म का परिचायक है।”

प्राचार्य और शिक्षकों की भूमिका

विद्यालय की प्राचार्या डॉ. निवेदिता पाठक ने बच्चों की प्रस्तुति की सराहना करते हुए कहा कि “इस तरह की गतिविधियां बच्चों में मानवीय संवेदनाओं और संस्कारों को विकसित करती हैं।”
उप-प्राचार्य नागेश राठौड़, कार्यालय अधीक्षक अजय चौधरी, समस्त शिक्षकगण एवं संकाय सदस्यों ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई।

सामूहिक क्षमायाचना और समापन

रैली के बाद विद्यालय प्रांगण में सामूहिक क्षमायाचना का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों, शिक्षकों और अभिभावकों ने एक-दूसरे से क्षमा माँगते हुए आपसी सौहार्द और मैत्रीभाव का संदेश दिया। इस अवसर पर वातावरण पूरी तरह शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक बना रहा।

अंत में सभी ने सामूहिक रूप से क्षमापना पर्व मनाते हुए संकल्प लिया कि आने वाली पीढ़ी को शाकाहार, अहिंसा और क्षमा के मार्ग पर प्रेरित करेंगे।

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