अजमेर मंडल पर अब तक 800 किलोमीटर से अधिक रेलवे ट्रैक की फेंसिंग पूरी

संरक्षा और सुरक्षा सदैव ही रेलवे की प्राथमिकता रही है। संरक्षा व सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए रेलवे प्रशासन द्वारा लगातार ठोस कदम उठाए जाते रहे हैं। रेल संचालन सुरक्षित हो इसके लिए ट्रैक रिन्यूअल व पुलों का सुदृढ़ीकरण जैसे कार्य सतत रूप से किए जाते हैं । इसके अलावा ट्रेनों की गति बढ़ने के पश्चात ट्रैक पर जानवरों अथवा इंसानों के चपेट में आने और दुर्घटना की संभावनाएं ज्यादा रहती है। इस समस्या के समाधान के लिए अजमेर मंडल के 835 किलोमीटर रेलवे ट्रैक पर फेंसिंग(सुरक्षा बाड़) लगाई गई है जिसके अंतर्गत 295 किलोमीटर पर स्थाई फेंसिंग और 540 किलोमीटर पर अस्थाई फेंसिंग की गई है ताकि जानवरों को ट्रैक पर आने से रोका जा सके और आमजन भी सीधे रूप में पटरी पर ना आ पाए। रेल प्रशासन अपील करता है कि आमजन सीधे रूप से रेलवे ट्रैक पार न करें, सदैव फुट ओवर ब्रिज या रेल फाटक का ही उपयोग करें।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक श्री बी सी एस चौधरी  के अनुसार अजमेर मंडल के रेलवे ट्रैक पर  फेंसिंग (सुरक्षा बाड़) लगाई जा रही है जिससे पशुओं के ट्रेन से कटने की घटनाओं की रोकथाम में मदद मिली है और ट्रेनों का सुरक्षित व सुगम संचालन हो सका है | अजमेर –पालनपुर रेलमार्ग पर ट्रेनों की रफ्तार 110 से बढ़ाकर 130 किलोमीटर प्रतिघंटा कर दी गई है । अब पशुओं की रेलवे ट्रैक पर आने की  रोकथाम के लिए रेल प्रशासन ने स्थाई फेंसिंग का निर्णय लिया जिससे इस मार्ग पर ट्रेनों की गति भविष्य में 160 किलोमीटर प्रति घंटा की जा सके|
इस सम्बन्ध में मण्डल रेल प्रबंधक श्री राजू भूतड़ा ने कहा की आवारा पशु ट्रैक पर आ जाते और दुर्घटना का शिकार हो जाते है जिससे ना केवल पशुधन की हानि होती है अपितु ट्रेन के पटरी से उतरने की संभावना भी रहती है और ट्रेन संचालन मे बाधा  उत्पन्न  होती है। पशुओं व आमजन का बहुमूल्य जीवन बचाने और निर्बाध रेल संचालन हेतु किए जा रहे इस कार्य से सभी को लाभ होगा और ट्रेन संचालन व जन व पशुधन हानि को बचाने मे महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगा |

  मुख्य जनसंपर्क निरीक्षक अजमेर

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