अजमेर 2 सितम्बर, 2025 दिगम्बर जैन समाज का प्रमुख पर्व दसलक्षण धर्म श्रृंखला के अन्तर्गत आज छटवे दिन उत्तम संयम धर्म का अर्थ -उत्तम संयम धर्म का अर्थ – जीवन में उन्नति के लिए संयम होना बहुत आवष्यक है । दुनियां में जितनी चीजे जगत के उपर बहुत बडा उपकार करती है, वह हमें संयम का ही ज्ञान कराती है जैन आचार्यो ने लिखा है ‘‘संयम करणग्रामभेकाग्रत्वेन चेतस’’ अर्थात जब तक आप अपने मन को एकाग्र कर अपनी इन्द्रियों के समूह को संयमित नहीं कर लेगें तब तक आत्मा के लिए कुछ कर नहीं पाओगे । जिसका मन वश में नहीं है, उसके लिए योग प्राप्त करना कठिन है, लेकिन जिसका मन वश में है और जो प्रयास करता है वह उचित साधनो से योग प्राप्त कर सकता है ।स्कूल में एक ड्रेस कोड होता है आपके लिए उसी का नाम संयम है ।
अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन महासभा अजमेर संभाग के महामंत्री कमल गंगवाल व संभाग संयोजक संजय कुमार जैन ने बताया कि दिगम्बराचार्यो ने कहा कि – जब हम अनुशासन में होते है तभी किसी एक दिशा में चल सकते है अगर अनुशासन नहीं है तो चार कदम इधर चलेंगें, चारकदम उधर चलेंगें । लेकिन पहुंचेंगें कहीं नहीं । इसलिए आगे बढने के लिए अनुशासन एवं संयम जरूरी है ।
गंगवाल व जैन ने बताया कि आज प्रातः सभी जिन मन्दिरजी, नसियांजी, कालोनियों के मन्दिर, अतिशय क्षेत्र पर पुण्यार्जक परिवारों द्वारा जिनेन्द्र अभिषेक एंव वृहदशान्तिधारा सभी श्रीजी भगवान पर की गई । तत्पष्चात दसलक्षण महामंडल विधान के मांडने पर दस धर्म के अन्तर्गत आज नित्य नियम पूजन, नवदेवता पूजन, सोलहकारण पूजा, दसलक्षण धर्म पर पूजा, उत्तम संयम धर्म पर पूजा की गई और मांडने पर अष्टद्रव्य श्रावकों द्वारा समर्पित किये गये । मनीष रेणु पाटनी, ने बताया की सर्वोदय मंदिर समाज में पांच उपवास करने वाले संगीता पाटनी,अनीता गंगवाल एवं तीन उपवास करने वाले सौरभ सुरलाया,अशोक सुरलाया,वर्षा जैन,अनामिका सुरलाया, बीना पटौदी की समाज द्वारा अनुमोदना करी गई
आज धूपदशमी पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया और सभी धर्मावलम्बियों द्वारा जिन मन्दिरजी नसियांजी, कालोनियों के मन्दिरजी में सुबह से ही श्रावकों द्वारा धूप धूपोडे में खेयी गयी और महिलायें इस दिन सुगंध दशमी का व्रत रखती है ।
*मनीष पाटनी*