जिला शैक्षिक सम्मेलन का हुआ शुभारंभ

शिक्षक राष्ट्र निर्माण की धुरीसमाज में आदर्श बनकर नई पीढ़ी को सही दिशा दिखाए -श्री देवनानी

संस्कार शिक्षा की बुनियाद हैंशिक्षा के साथ संस्कार ही व्यक्तित्व में लाते है निखार- श्री पलाड़ा

     अजमेर, 26 सितम्बर। राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय अजमेर के तत्वावधान में शुक्रवार को तोपदड़ा स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में दो दिवसीय जिला शैक्षिक सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। समारोह में विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय खो-खो संघ के उपाध्यक्ष श्री भंवर सिंह पलाड़ा ने की।

विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय प्रदेश का सबसे बड़ा शिक्षक संगठन है। मैं स्वयं तीन दशक तक शिक्षक रहा हूं और ऎसे आयोजनों में शामिल होना परिवार जैसी अनुभूति होती है। उन्होंने कहा कि शिक्षक केवल पढ़ाने तक सीमित नहीं है वे राष्ट्र निर्माण की धुरी है। शिक्षक विद्यार्थी के जीवन का निर्माता होता है और उसका दायित्व है कि कठोरता और अनुशासन के साथ विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का निर्धारण करे।

उन्होंने कहा कि विद्यार्थी आज शत-प्रतिशत अंक तो अर्जित कर रहे हैं लेकिन उनमें विश्लेषण की क्षमता का विकास भी उतना ही आवश्यक है। राष्ट्र के प्रति भाव उनमें जागृत होना चाहिए। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि शिवाजी को उनके शिक्षकों ने राष्ट्र प्रेम से प्रेरित शिक्षा दी। इसके परिणामस्वरूप वे राष्ट्र के लिए समर्पित हुए।

श्री देवनानी ने कहा कि नवीन शिक्षा नीति का अनुपालन कर विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास किया जा सकता है। देश के वीरों की गाथाएं पढ़ाई जाएं। इससे विद्यार्थी केवल पास होकर नौकरी मांगने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बनें। व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर फील्ड में जाकर व्यवसाय आरंभ करने वाले और विकसित भारत की अर्थव्यवस्था में योगदान देने वाले युवाओं को तैयार करना ही शिक्षकों की बड़ी भूमिका है।

उन्होंने कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों को हमारा देश भारत महान की भावना से प्रेरित करें और भास्कराचार्य एवं आर्यभट जैसे महान विद्वानों की खोज से अवगत कराएं। शिक्षक समाज में आदर्श बनकर नई पीढ़ी को सही दिशा दिखाए।

राष्ट्रीय खो-खो संघ के उपाध्यक्ष श्री भंवर सिंह पलाड़ा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षक संघ शिक्षा को आगे बढ़ाने वाला महत्वपूर्ण संगठन है। अभिभावक अपने बच्चों को शिक्षा और संस्कार के लिए शिक्षक के पास भेजते हैं। संस्कार शिक्षा की बुनियाद हैं और शिक्षा के साथ संस्कार व्यक्तित्व में निखार लाते हैं। शिक्षक अपने आचरण से समाज के लिए आदर्श बनें और अपनी जिम्मेदारी निभाएं।

शहर अध्यक्ष श्री रमेश सोनी ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता हैं और उनमें ब्रह्माविष्णु और महेश का स्वरूप निहित है। युवा ऊर्जा को सही दिशा में ले जाने का दायित्व शिक्षक पर है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य की प्राप्ति में शिक्षक वर्ग की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होगी।

 पर्यवेक्षक श्री कैलाश चंद्र कछावा ने कहा कि संगठन लाखों शिक्षकों को जोड़कर राष्ट्र निर्माण में योगदान दे रहा है और बच्चों में देशभक्ति के बीज रोपण का कार्य कर रहा है।

 कार्यक्रम के दौरान सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में श्रीमती अंतिमा पारीक ने मोर बोले रे सहित अन्य गीतों पर लोकनृत्य की आकर्षक प्रस्तुति दी।

इस अवसर पर जिला अध्यक्ष श्री सत्यनारायण शर्माश्री दीपेन्द्र सिंहश्री धर्मेंद्र सिंहश्री यशवंत जादमश्री धर्मेंद्र सिंह नरूकाजिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक श्री गोविंद नारायण शर्मासीडीईओ श्री जयनारायण व्यासजिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक श्रीमती ऊषा कछावा सहित बड़ी संख्या में शिक्षक उपस्थित रहे।

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