अजमेर/ अखिल भारतीय साहित्य परिषद अजमेर द्वारा महर्षि वाल्मीकि की जयंती पर सुमधुर काव्यांजलि अर्पित की गई। गोष्ठी में अमृत रस बरसाती शरद पूर्णिमा की धवल चांदनी, श्री कृष्ण के महारास का आनंद और मीरां की भक्ति से ओतप्रोत कविता, गीत, छंद, पाती और भजनों की स्वर सरिता ने सबको भाव विभोर कर दिया। क्रोंच पक्षी वध की संवेदना से उपजी प्रथम काव्य पंक्ति से दिव्य रामायण रचकर विश्व जन को मनुष्यता, समरसता और श्रद्धा का संदेश देने वाले ऋषि वाल्मीकि की प्रासंगिकता पर भी चर्चा हुई। संगोष्ठी में डॉ राजेश शर्मा, उमेश कुमार चौरसिया, कविता जोशी, पुष्पा शर्मा, मोहन खंडेलवाल, कुलदीपसिंह रत्नू, डॉ छाया शर्मा, पुष्पा क्षेत्रपाल, विनीता निर्झर, राम गोपाल वर्मा, पूर्णिमा पाठक और दीपशिखा आदि ने रचनाएं सुनाई। परिषद गीत से आरंभ हुई गोष्ठी स्वादिष्ट खीर के प्रसाद सेवन और कल्याण मंत्र के साथ संपन्न हुई।
