अजमेर, 15 अक्टूबर 2025
प्रदेश के लाखों दुग्ध उत्पादकों को दीपावली से पूर्व बड़ी राहत मिली है। मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक सम्बल योजना के अंतर्गत 13-14 अक्टूबर को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह और मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने बटन दबाकर ₹369 करोड़ रुपये की डीबीटी राशि जारी की।
इस निर्णय पर अजमेर डेयरी अध्यक्ष श्री रामचन्द्र चौधरी ने राज्य सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “देर भले हुई, पर यह कदम पशुपालकों के लिए दीपावली से पहले संजीवनी साबित होगा।”
9½ माह बाद आया भुगतान, दुग्ध उत्पादकों में हर्ष :-
श्री चौधरी ने बताया कि मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक सम्बल योजना के अंतर्गत लगभग साढ़े नौ माह से लंबित ₹5 प्रति लीटर सब्सिडी का भुगतान 13-14 अक्टूबर को जारी किया गया।
पूर्ववर्ती सरकार के समय यह भुगतान प्रति माह नियमित रूप से किया जाता था, जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 2023-24 में राजस्थान देश में प्रथम स्थान पर रहा।
लेकिन अब 4 माह, 5 माह और अब 8 माह के अंतराल में भुगतान जारी होने से उत्पादन प्रभावित हुआ है, जिससे राज्य देश में दूसरे स्थान पर खिसक गया है।
उन्होंने कहा कि यदि भविष्य में भुगतान हर माह समय पर जारी किया जाए तो राजस्थान पुनः शीर्ष स्थान प्राप्त करेगा और दूध उत्पादकों की आय में वृद्धि होगी।
अतिवृष्टि और चारे के संकट में यह राशि बनी राहत का साधन :-
अजमेर डेयरी अध्यक्ष ने कहा कि इस वर्ष अतिवृष्टि से किसानों की फसलें चौपट हो गई हैं और चारे का गंभीर संकट उत्पन्न हुआ है।
ऐसे कठिन समय में एकमुश्त भुगतान किसानों और पशुपालकों के लिए दीपावली से पहले राहत का बड़ा साधन सिद्ध होगा।
उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया कि आपदा प्रबंधन के तहत चारे पर विशेष अनुदान और फसली ऋण बीमा मुआवजा शीघ्र जारी किया जाए।
मिड-डे-मील, पन्नाधाय योजना और जिला संघों की लंबित मांगें :-
श्री चौधरी ने राज्य सरकार से अनुरोध किया कि मिड-डे-मील एवं पन्नाधाय योजना के अंतर्गत जिला दुग्ध संघों के लगभग ₹350 करोड़ के बकाया भुगतान को तुरंत जारी किया जाए।
उन्होंने बताया कि इस राशि से आर.सी.डी.एफ. के माध्यम से एच.डी.एफ.सी. बैंक से लिए गए कार्यशील पूंजी ऋण का भुगतान समय पर संभव होगा और पेनल्टी से बचा जा सकेगा।
साथ ही उन्होंने कहा कि लगभग 2500 रिक्त पदों पर तीन वर्षों से लंबित भर्ती प्रक्रिया को शीघ्र प्रारंभ किया जाए ताकि डेयरी संस्थान सुचारु रूप से कार्य कर सकें।
डेयरी को कृषि क्षेत्र में शामिल करने और पशुपालक क्रेडिट कार्ड पर 4% ब्याज ऋण की मांग :-
श्री चौधरी ने सुझाव दिया कि महाराष्ट्र की तर्ज पर राजस्थान सरकार को भी डेयरी एवं पशुपालन को कृषि क्षेत्र में शामिल करना चाहिए।
इससे पशुपालकों को पशुपालक क्रेडिट कार्ड पर मात्र 4% ब्याज दर पर ऋण, आपदा की स्थिति में मुआवजा, तथा दूध को कृषि जिन्सों की भांति न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का लाभ मिल सकेगा।
राष्ट्रीय स्तर पर “Indian Dairy Service (IDS)” कैडर गठन की मांग :-
देशभर में डेयरी उद्योग को सुदृढ़ बनाने के लिए श्री चौधरी ने IAS-IPS की तर्ज पर “Indian Dairy Service (IDS)” कैडर की स्थापना की मांग रखी।
उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था से डेयरी प्रबंधन, गुणवत्ता नियंत्रण और तकनीकी दक्षता में सुधार होगा, जिससे भारत का दुग्ध उद्योग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान बना सकेगा।
प्रदेश के लाखों दुग्ध उत्पादकों को दीपावली से पूर्व बड़ी राहत मिली है। मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक सम्बल योजना के अंतर्गत 13-14 अक्टूबर को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह और मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने बटन दबाकर ₹369 करोड़ रुपये की डीबीटी राशि जारी की।
इस निर्णय पर अजमेर डेयरी अध्यक्ष श्री रामचन्द्र चौधरी ने राज्य सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “देर भले हुई, पर यह कदम पशुपालकों के लिए दीपावली से पहले संजीवनी साबित होगा।”
9½ माह बाद आया भुगतान, दुग्ध उत्पादकों में हर्ष :-
श्री चौधरी ने बताया कि मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक सम्बल योजना के अंतर्गत लगभग साढ़े नौ माह से लंबित ₹5 प्रति लीटर सब्सिडी का भुगतान 13-14 अक्टूबर को जारी किया गया।
पूर्ववर्ती सरकार के समय यह भुगतान प्रति माह नियमित रूप से किया जाता था, जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 2023-24 में राजस्थान देश में प्रथम स्थान पर रहा।
लेकिन अब 4 माह, 5 माह और अब 8 माह के अंतराल में भुगतान जारी होने से उत्पादन प्रभावित हुआ है, जिससे राज्य देश में दूसरे स्थान पर खिसक गया है।
उन्होंने कहा कि यदि भविष्य में भुगतान हर माह समय पर जारी किया जाए तो राजस्थान पुनः शीर्ष स्थान प्राप्त करेगा और दूध उत्पादकों की आय में वृद्धि होगी।
अतिवृष्टि और चारे के संकट में यह राशि बनी राहत का साधन :-
अजमेर डेयरी अध्यक्ष ने कहा कि इस वर्ष अतिवृष्टि से किसानों की फसलें चौपट हो गई हैं और चारे का गंभीर संकट उत्पन्न हुआ है।
ऐसे कठिन समय में एकमुश्त भुगतान किसानों और पशुपालकों के लिए दीपावली से पहले राहत का बड़ा साधन सिद्ध होगा।
उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया कि आपदा प्रबंधन के तहत चारे पर विशेष अनुदान और फसली ऋण बीमा मुआवजा शीघ्र जारी किया जाए।
मिड-डे-मील, पन्नाधाय योजना और जिला संघों की लंबित मांगें :-
श्री चौधरी ने राज्य सरकार से अनुरोध किया कि मिड-डे-मील एवं पन्नाधाय योजना के अंतर्गत जिला दुग्ध संघों के लगभग ₹350 करोड़ के बकाया भुगतान को तुरंत जारी किया जाए।
उन्होंने बताया कि इस राशि से आर.सी.डी.एफ. के माध्यम से एच.डी.एफ.सी. बैंक से लिए गए कार्यशील पूंजी ऋण का भुगतान समय पर संभव होगा और पेनल्टी से बचा जा सकेगा।
साथ ही उन्होंने कहा कि लगभग 2500 रिक्त पदों पर तीन वर्षों से लंबित भर्ती प्रक्रिया को शीघ्र प्रारंभ किया जाए ताकि डेयरी संस्थान सुचारु रूप से कार्य कर सकें।
डेयरी को कृषि क्षेत्र में शामिल करने और पशुपालक क्रेडिट कार्ड पर 4% ब्याज ऋण की मांग :-
श्री चौधरी ने सुझाव दिया कि महाराष्ट्र की तर्ज पर राजस्थान सरकार को भी डेयरी एवं पशुपालन को कृषि क्षेत्र में शामिल करना चाहिए।
इससे पशुपालकों को पशुपालक क्रेडिट कार्ड पर मात्र 4% ब्याज दर पर ऋण, आपदा की स्थिति में मुआवजा, तथा दूध को कृषि जिन्सों की भांति न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का लाभ मिल सकेगा।
राष्ट्रीय स्तर पर “Indian Dairy Service (IDS)” कैडर गठन की मांग :-
देशभर में डेयरी उद्योग को सुदृढ़ बनाने के लिए श्री चौधरी ने IAS-IPS की तर्ज पर “Indian Dairy Service (IDS)” कैडर की स्थापना की मांग रखी।
उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था से डेयरी प्रबंधन, गुणवत्ता नियंत्रण और तकनीकी दक्षता में सुधार होगा, जिससे भारत का दुग्ध उद्योग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान बना सकेगा।