भारत में दुनिया को बदलने की ताकत, हम स्वदेशी अपनाएं – देवनानी

भारतीय सामग्री प्रबंधन संस्थान की कार्यशाला

लागत में कमी और बेहतर लॉजिस्टिक प्रबंधन रहा विषय

वक्ताओं ने कहा हम लागत में कमी कर आर्थिक महाशक्ति बन सकते हैं

     अजमेर 25 अक्टूबर । विधान सभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि भारत एक शानदार सामाजिकसांस्कृतिक मूल्यों और जीवंत जीवन प्रणाली का देश है। हममें दुनिया को बदलने की ताकत है। स्वदेशी को अपनाने और लागत में कमी करके हम आर्थिक महाशक्ति बन सकते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश और मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान इसी दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने शनिवार को होटल सरोवर पोर्टिको में भारतीय सामग्री प्रबंधन संस्थान (आईआईएमएम) की अजमेर शाखा द्वारा लागत में कमी और बेहतर लॉजिस्टिक प्रबंधन विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित किया। श्री देवनानी ने  लागत में कमीदक्ष लॉजिस्टिक प्रबंधनउद्योग और शिक्षा के समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने युवाओं को तकनीकी नवाचारों के प्रति जागरूक रहने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार की लॉजिस्टिक पॉलिसी-2025 राज्य को एक लॉजिस्टिक्स हब के रूप में विकसित करनेनिवेश को आकर्षित करने और औद्योगिक परिवहन को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक सराहनीय कदम है। राजस्थान की भौगोलिक स्थिति जो उत्तर और पश्चिम भारत को जोड़ती है।  हमें एक रणनीतिक लाभ प्रदान करती है। यदि इस क्षमता का सही उपयोग किया जाएतो राजस्थान आने वाले वर्षों में भारत का प्रमुख लॉजिस्टिक गेटवे बन सकता है। लागत में कमी और प्रभावी लॉजिस्टिक्स प्रबंधन केवल औद्योगिक आवश्यकता नहीं बल्कि सतत विकास की कुंजी भी हैं। भारत सरकार की मेक इन इंडिया” और डिजीटल इंडिया” जैसी नीतियां इसी दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैंजिन्होंने विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहन दिया है और विदेशी निवेश को आकर्षित किया है।

उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक प्रबंधन किसी भी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। लॉजिस्टिक वह प्रणाली है जो उत्पादन से लेकर उपभोक्ता तक वस्तुओं को सही समयसही स्थान और न्यूनतम लागत में पहुँचाने का कार्य करती है। भारत जैसे विशाल देश में यह एक बड़ी चुनौती भी है और अवसर भी। पहले भारत में परिवहन तंत्र खंडित थापरंतु आज परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। भारत सरकार ने पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान लागू किया हैजो देश के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के लिए एक आधारभूत ढांचा प्रदान करता है। साथ ही राष्ट्रीय लॉजिस्टिक पॉलिसी को एक एक्जीक्यूशन और आउटकम फे्रमवर्क के रूप में स्थापित किया गया है। इन योजनाओं का उद्देश्य भारत की लॉजिस्टिक लागत को जीडीपी के लगभग 13-14 प्रतिशत से घटाकर 8-9 प्रतिशत तक लाना हैजिससे हमारे उद्योगों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बढ़त मिल सके।

आईआईएमएम की अजमेर शाखा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु चौहान ने बताया कि सम्मेलन का उद्देश्य उद्योग और शिक्षा जगत के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करते हुए लागत में कमी एवं लॉजिस्टिक प्रबंधन के आधुनिक आयामों पर विचार-विमर्श करना है। कार्यक्रम में आईआईएमएम के अध्यक्ष श्री ललित राज मीणा भी उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथियों में श्री पी. एम. बिदप्पा वरिष्ठ उपाध्यक्षश्री राजीव तोषनीवालश्री आर. सी. दुग्गड़श्री आर. एस. चौयाल और डॉ. आलोक खत्री ने आईआईएमएम विषय पर जानकारी साझा की। इसके बाद विशिष्ट अतिथियों श्री पी. एम. बिदप्पाश्री राजीव तोषनीवालश्री आर. सी. दुग्गड़श्री आर. एस. चौयल और डॉ. आलोक खत्री आईआईएमएम विषय पर जानकारी साझा की। तकनीकी सत्रों में विविध विषयों पर गहन चर्चा हुई। पहले सत्र में श्री पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने वेयरहाउस मैनेजमेंट पर अपने विचार साझा किए और इस क्षेत्र में दक्ष प्रबंधन के महत्व को उजागर किया। दूसरे सत्र में सुश्री दिव्या सोमानी सीए ने लॉजिस्टिक सप्लाई चेन विषय पर प्रस्तुति दीजिसमें उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के माध्यम से लागत में कमी और लॉजिस्टिक प्रबंधन में सुधार के अवसरों को विस्तार से बताया। तीसरे सत्र में डॉ. आलोक खत्री ने प्रबंधन टूल्स पर विस्तार से चर्चा की और विभिन्न उपकरणों व केस स्टडी के माध्यम से व्यावहारिक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। चौथे सत्र में श्री भवानी सिंह राठौड़ ने रिनेवबल एनर्जी क्षेत्र में  अपने अनुभव और विचार रखे। अंतिम सत्र में डॉ. वीरेन्द्र सिंह राठौड़ ने मार्गदर्शन दिया। जिसमें कानूनी प्रावधानों के माध्यम से परिवहन और जोखिम प्रबंधन की बारीकियों पर प्रकाश डाला गया। सत्रों के पश्चात  पैनल डिस्कशन आयोजित किया गया। इस अवसर पर उद्योग जगत के प्रतिनिधियोंट्रांसपोर्ट अधिकारी आईआईएमएम की विभिन्न इकाइयों के प्रतिनिधियों एवं विभिन्न संस्थानों के अधिकारियों ने भाग लिया। श्री ललित राज मीणा द्वारा डॉ. विनेश जैन और श्री विक्रम सिंह  को उनके उत्कृष्ट समन्वय और योगदान के लिए सम्मानित किया गया। सम्मेलन ने उद्योग और शिक्षा के बीच विचारों के आदान-प्रदान तथा आधुनिक लॉजिस्टिक और लागत प्रबंधन प्रथाओं पर नई दृष्टि प्रदान की।

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