राजकीय विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा नहीं हों पाई शुरू, परीक्षा सिर पर

राजकीय विद्यालयों के विधार्थियो कों प्रशिक्षण देकर रोजगार के लायक बनाते है व्यावसायिक शिक्षक
राजस्थान सरकार का उदासीन रवैया,विधार्थियो एवं प्रशिक्षकों के भविष्य पर प्रश्न चिन्ह
नई शिक्षा नीति में व्यावसायिक शिक्षा पर जोर , धरातल पर सरकार फ़ैल
शिक्षा मंत्री से हरियाणा की तरह NSQF पॉलिसी बनाकर व्यावसायिक शिक्षा का क्रियान्वयन करने की मांग
औधोगिकभ्रमण,जॉब ट्रेनिंग,व्यावसायिक एक्सपोजर,एक्सपर्ट लेक्चर है पाठ्यक्रम में शामिल,हर साल प्रति विद्यालय लगभग 3-4लाख का मिलता है बजट
अजमेर: समग्र शिक्षा अभियान भारत सरकार की महत्वकांशी योजनाओ में से एक राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान अंतर्गत संचालित व्यावसायिक शिक्षा के तहत राजकीय विद्यालयों के विधार्थियो को विभिन्न जॉब रोल प्रशिक्षण देकर विधार्थियो को आत्मनिर्भर बनाती है लेकिन हुनर से प्रशिक्षण देने वाले व्यावसायिक शिक्षक ठेकादारों व सरकार की मनमानी के कारण स्वयं बेरोजगार है।
विदित हो की व्यावसायिक शिक्षा का संचालन राज्य के रेगुलर स्टार एवं विशेष CWSN , पीएम श्री, मॉडल स्कूल,KGBV 4155 विद्यालयों में किया जा रहा है परन्तु टेंडर कंपनियो की मनमानी के नाम पर  16 जून कों 2703 विद्यालयों से व्यावसायिक शिक्षकों कों हटा दिया गया है.जिससे व्यावसायिक शिक्षा के विधार्थी एवं अभिभावक असमंजस में पड़ गए है
 व्यावसायिक शिक्षकों के अनुबंध रद्द हो जाने से लगभग 4000 व्यावसायिक शिक्षक बेरोजगार हो गए है जिसका  नुकसान विधार्थियो को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
पूर्ववती राजस्थान सरकार ने समस्त विभागों से ठेका प्रथा समाप्त करने की घोषणा कर रखी है लेकिन धरातल पर अभी शून्य है व्यावसायिक शिक्षकों की मांग है कि सरकार व्यावसायिक शिक्षा को विधार्थी हित में व्यावसायिक शिक्षकों हेतु स्थायी समाधान निकाले जिससे विधार्थियो व शिक्षकों को नुकसान न हो।व्यावसायिक विधार्थियो कों हुनरमंद बनाने हेतु गेस्ट लेक्चर,औधोगिक भ्रमण,जॉब ट्रेनिंग,वोकेशनल एक्सपोजर आदि पाठ्यक्रम में शामिल है इस हेतु प्रत्येक व्यावसायिक विद्यालयों में 3-4लाख रुपये का बजट भी दिया जाता है.
व्यावसायिक शिक्षक सरकार से कई बार कर चुके हैं ठेका प्रथा बंद कर , हरियाणा की तरह पॉलिसी बनाने की मांग शिक्षकों का 10 माह तक का वेतन बकाया
व्यावसायिक शिक्षक संघ के मिडिया प्रभारी आर एन रावत ने बताया की राजस्थान व्यावसायिक शिक्षकों ने कई बार प्रदेश स्तरीय धरना प्रदर्शन, ज्ञापन, संगोष्ठियों के माध्यम से सरकार को व्यावसायिक शिक्षकों की समस्याओं से अवगत करवाया है। रावत ने व्यावसायिक शिक्षा में हरियाणा मॉडल को सर्वश्रेष्ठ बताया जहां बार बार टेंडर प्रक्रिया नहीं होकर व्यावसायिक शिक्षकों हेतु अलग से कैडर बना दिया गया है।
सरकार के इस के टेंडर प्रक्रिया से सबसे ज्यादा नुकसान विधार्थियो को होता है। सरकार ने करोड़ों रुपए  लैब एवं गतिविधियों पर खर्च किया है केवल ट्रैनर अनुंबध प्रक्रिया के कारण सही क्रियान्वन नहीं हो पा रहा है
प्रशिक्षकों को  बेरोजगार एवं शिक्षकों समय पर भूगतान नही मिलने से मानसिक अवसाद में रहते हैं जिसका अंतर कार्यशैली पर भी पड़ता है। सरकार व्यावसायिक शिक्षा पर करोड़ों रुपए खर्च कर के भी विधार्थियो को नुकसान उठाना पड़ रहा हैं।

Leave a Comment

This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

error: Content is protected !!