“वंदे मातरम्” के 150 वर्ष पूर्ण होने पर मित्तल हॉस्पिटल में हुआ सामूहिक गायन

एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट नरेंद्र मीणा ने मुख्यअतिथि के रूप में की शिरकत
अजमेर, 15 नवम्बर()। मित्तल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में शनिवार को भारत के राष्ट्रीय गीत “वंदे मातरम्” के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में अत्यंत उत्साह, देशभक्ति और गर्व के साथ सामूहिक गायन किया गया। यह आयोजन एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट नरेंद्र मीणा एवं उनकी पत्नी श्रीमी सीमा सेहरा के सान्निध्य में मित्तल हॉस्पिटल परिसर की लॉबी में संपन्न हुआ, जिसमें हॉस्पिटल के चिकित्सकों, अधिकारियों एवं समस्त कार्मिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कार्यक्रम का प्रारंभ “वंदे मातरम्” के सामूहिक गायन से हुआ, जिसने वातावरण को राष्ट्रभक्ति और एकता की भावना से भर दिया।
एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट नरेंद्र मीणा इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि यह गीत न सिर्फ़ शब्दों का संगम है, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम की आत्मा, हमारी राष्ट्रभक्ति और मातृभूमि के प्रति अटूट समर्पण का प्रखर प्रतीक है।
“वंदे मातरम् माँ भारती के प्रति भक्ति और उपासना हैं। ये हमें इतिहास का भान कराता हैं, हमारे वर्तमान को नए आत्मविश्वास से भरता हैं और हमारे भविष्य को साहस देता हैं। ‘वंदे मातरम्’ का सामूहिक गायन शब्दों की सीमाओं से परे एक अनुभव है जहाँ अनेक स्वरों के बीच एक लय, एक सुर, एक भाव और एक प्रवाह गूंजता है। यही भारतीय लोकतंत्र की अनेकता में एकता की विशेषता है।
इस मौके पर हॉस्पिटल के संरक्षक मुन्ना लाल मित्तल, निदेशक सुनील मित्तल, डॉ दिलीप मित्तल, मनोज मित्तल, सार्थक मित्तल व डॉ चक्रपाणि मित्तल ने मित्तल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर अजमेर से जुड़े समस्त चिकित्सकों, अधिकारियों, कार्मिकों को शुभकामनाएं देते हुए संकल्प लेने का आह्वान किया। उन्होंने अपेक्षा की कि पीड़ित मानव सेवा के साथ साथ हमारा प्रत्येक कार्य ‘वंदे मातरम्’ की भावना से प्रेरित हो, और हमारी हर सफलता भारत माता के चरणों में समर्पित हो।
मुख्यअतिथि के पहुंचने पर हॉस्पिटल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस के जैन एवं सीनियर स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ प्रीतम कोठारी ने पौध भेंट कर अभिनन्दन किया। वाइस प्रेसिडेंट सीए डॉ श्याम सोमानी, डीजीएम विजय रांका, एजीएम शाजी टी आर, कॉमर्शियल मैनेजर अमित मित्तल, चिकित्सालय अधीक्षक डॉ विनोद विजयवर्गीय, डॉ जवाहर लाल गार्गिया, वीपीओ डॉ विद्या दायमा, नर्सिंग अधीक्षक राजेन्द्र गुप्ता, सीनियर मैनेजर पीआर अशोक बैजल सहित बड़ी संख्या में हॉस्पिटल के कार्मिक, रोगी एवं रोगियों के परिवारजन उपस्थित थे।
गौरतलब है कि वंदे मातरम् गीत को 1875 में बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय जी ने ‘आनंदमठ’ उपन्यास में लिखा था।” 1896 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन में रवींद्रनाथ टैगोर ने पहली बार मंच से ‘वंदे मातरम्’ का गायन किया। आजादी के बाद 24 जनवरी 1950 में रवींद्रनाथ टैगोर के लिखे जन—गण—मन को देश का राष्ट्रगान और बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय के लिखे वंदे मातरम्  को एक समान दर्जा देते हुए राष्ट्रगीत के तौर पर संविधान में अपनाया गया। प्रशासनिक विभाग के सीनियर मैनेजर जनसंपर्क सन्तोष कुमार गुप्ता ने कार्यक्रम का संचालन किया।

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