वर्द्धमान इंटरनेशनल स्कूल में बहुप्रतीक्षित भव्य फेयर सैफ्रॉन फन फिएस्टा का आयोजन किया गया

श्री वर्द्धमान शिक्षण समिति द्वारा संचालित वर्द्धमान इंटरनेशनल स्कूल में बहुप्रतीक्षित भव्य फेयर सैफ्रॉन फन फिएस्टा का आयोजन किया गया ।

यह हर व्यक्ति के भीतर बचपन और बच्चे की भावना को जीवित रखने का एक प्रयास था। वर्द्धमान इंटरनेशनल स्कूल ने बच्चों को मौज-मस्ती और हँसी से भरी दुनिया में गोता लगाने का अवसर दिया!

40 से अधिक स्टॉल बने आकर्षण का केंद्र

फेयर का उद्घाटन मुख्य अतिथि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला ब्यावर डॉ. संजय सिंह गहलोत, श्री वर्द्धमान शिक्षण समिति के मंत्री डाॅ. नरेन्द्र पारख, प्रबंधकारिणी सदस्य प्रवीण खेतपालिया, श्री वर्द्धमान कन्या महाविद्यालय की अकादमिक प्रभारी डॉ. नीलम लोढ़ा, विद्यालय प्राचार्य श्वेता नाहर ने नवकार मंत्र के उच्चारण के साथ फीता काटकर किया।

पूरा परिसर रंग-बिरंगी सजावट से सुसज्जित किया गया । फेयर में विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट खाने-पीने के फूड स्टाॅल, विभिन्न प्रकार के रोमांचक गेम जोन, घोड़े की सवारी, बच्चों में सीख और आनंद के अनोखे अनुभव हेतु पेटिंग जू, मिकी माउस मसकट, क्ले आर्ट, रेजिन आर्ट गैलेरी व पेंटिंग, टैटू  एवं नेल स्टाॅल आदि मुख्य आकर्षण रहे।

 नन्हे मुन्हे बच्चों के साथ-साथ सैकड़ों अभिभावकों ने भी फेयर का खूब आनंद लिया। चमकीले कपड़े पहने बच्चे अपने माता-पिता के साथ खुशी-खुशी एक स्टॉल से दूसरे स्टॉल पर घूम रहे थे।

मुख्य अतिथि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला ब्यावर डॉ. संजय सिंह गहलोत ने बताया कि यदि आत्मनिर्भर समाज का निर्माण करना है, तो समाज के प्रत्येक व्यक्ति को आत्मनिर्भर व स्वावलंबी बनना होगा। इस फेयर का मुख्य अतिथि बनकर मुझे बहुत खुशी हुई है। मैंने यहाँ आकर यह अनुभव किया है, कि वर्द्धमान परिवार ‘अबोध बालकों को सुबोध नागरिक’ बनाने की ओर सतत् आगे बढ़ रहा है।

श्री वर्द्धमान शिक्षण समिति के मंत्री डाॅ. नरेन्द्र पारख ने बताया कि हम बच्चों में शैक्षणिक उत्कृष्टता, रचनात्मकता, सौहार्द और नेतृत्व कौशल के सृजन और पोषण के साथ-साथ उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए एक मंच प्रदान करने का प्रयास करते हैं। फेयर का सफल आयोजन इन आदर्शों के प्रति वर्द्धमान की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

फेयर के अंत में विद्यालय प्राचार्य श्वेता नाहर ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बताया कि इस तरह के आयोजन से बच्चों तथा अध्यापकों के मध्य आत्मीय संबंध तथा सहज वातावरण का सृजन होता है, जिससे कि बच्चों की पढ़ाई में भी सकारात्मक प्रगति देखी जा सकती है।

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