
केकड़ी/ ख्याति प्राप्त विधिकारक मनोज कुमार हरण ने कहा कि परम पिता परमात्मा के मंदिर की प्रतिष्ठा महोत्सव को निहारने का अवसर भाग्यशाली व्यक्ति को ही प्राप्त हो सकता है। हरण मंगलवार को श्री जैन श्वेताम्बर तपागच्छ संघ के तत्वावधान में चल रहे अंजनशलाका एवं प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान भगवान के दीक्षा कल्याणक महोत्सव में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि महान पुण्य का उदय होने पर ही व्यक्ति परमात्मा के नाम कर्म का बन्धन होता है। दीक्षा कल्याण महोत्सव से पूर्व भगवान की दीक्षा का भव्यातिभव्य वरघोड़ा निकाला गया जो कुशल भवन से रवाना होकर सदर बाजार, घण्टाघर, जूनियां गेट, जयपुर रोड, तीन बत्ती चौराहा, अजमेरी गेट होते हुए महोत्सव स्थल भद्धिलपुरी नगरी पहुंच कर सम्पन्न हुआ। वरघोड़े में इन्द्र ध्वजा, हाथी, घोड़े, ऊंट, दो शाही बग्घी, स्वर्ण मंडित तीन रथ, जैन पताका लिए घुड़सवार, प्रभु के विविध प्रसंगों की झांकिया लोगों के आकर्षण का केन्द्र थी। खामगांव महाराष्ट्र से आए महावीर जैन ने आकर्षक रंगोली बनाकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। वरघोड़े पर मानव रहित हैलिकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई। जुलूस में आचार्य विजय वारिषेण सूरी महाराज, आचार्य विजय विनय सेन सूरी महाराज, प्रवर्तक वज्रसेन विजय महाराज, मुनि वल्लभसेन विजय महाराज, साध्वी प्रगुणा एवं साध्वी प्रेरणा एवं केकड़ी व आसपास के गांवों से आए श्रद्धालु शामिल थे। प्रात:कालीन सत्र में शीतलनाथ मंदिर परिसर में देव-देवी पूजन, हवन, दीक्षा कल्याणक का विधान, रात्रि अधिवासना, अंजनशलाका, केवलज्ञान, निर्वाण कल्याणक उजवणी एवं कुमारपाल आरती का आयोजन किया गया। दोपहर में शीतलनाथ मंदिर परिसर में मनोज कुमार हरण एवं शांति भाई के दिशा निर्देशन में पाश्र्वपद्मावती महापूजन आयोजन किया गया जिसमें १०८ जोड़ों ने भाग लिया।
भजन संध्या एवं वरिष्ठजन सम्मान समारोह का आयोजन-
महोत्सव के दौरान आयोजित भजन संध्या का आयोजन किया गया जिसमें हैदराबाद के ९ वर्षीय बाल कलाकार संयम नाबेड़ा ने प्रभु भक्ति के एक से बढक़र एक भजन प्रस्तुत कर समां बांध दिया। इस मौके पर संघ के वरिष्ठ लोगों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया जिसमें संघ के सदस्यों ने सभी वरिष्ठ जनों का दूध व जल से पाद प्रक्षालन किया। संघ पदाधिकारियों ने सभी वरिष्ठ जनों का माला पहनाकर, दुपट्टा ओढ़ाकर एवं प्रशस्ति पत्र तथा स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया।
– पीयूष राठी