अजमेर। अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रशासन मौहम्मद हनीफ ने आपदा की स्थिति में लोगों को सहायता उपलब्ध कराने से जुड़े समस्त विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे आगामी 10 फरवरी तक अपने विभाग का डिजास्टर मैनेजमेंट एक्शन प्लान के प्रस्ताव कलक्टे्रट कार्यालय को अवश्य प्रस्तुत कर दें। दरगाह क्षेत्र व पुष्कर में आपदा की स्थिति में पुख्ता प्रबंधन की आवश्यकताओं को भी एक्शन प्लान में विशेष रूप से सम्मिलित करने को कहा।
12 फरवरी को इस संबंध में अधिकारियों की कार्यशाला प्रात: 11 बजे कलक्टे्रट के सभागार में होगी जिसमें सभी अधिकारियों से एक्शन प्लान के प्रारूप में दर्शाये गये संसाधनों, सहयोग की आवश्यकताओं आदि मुद्दों पर चर्चा की जायेगी।
हनीफ कलक्टे्रट के सभागार में आपदा प्रबंधन की बैठक में अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों से उनके विभाग में आपदा की स्थिति में वर्तमान में मौजूद संसाधन और भविष्य के लिए उनकी आवश्यकताओं को एक्शन प्लान में सम्मिलित कर ऐसे सुझाव भी देने को कहा जो कि आपदा की विकट परिस्थितियों में सब संसाधन उपलब्ध होते हुए भी असहाय होकर रह जाने की स्थिति से निपटने के लिए क्या किया जाना चाहिए ?
उपपुलिस अधीक्षक यातायात जयसिंह राठौड़ ने कहा कि आपदा की स्थिति में बढ़ती हुई समस्याओं पर काबू पाने, घायल व्यक्तियों को बचाने के लिए नागरिकों में मानसिक दृष्टि से ऐसी क्या व्यवस्था कायम की जा सकती है कि वे आपदा में पड़े लोगों को बचाने में अधिक से अधिक सहयोग करें। एक्शन प्लान में इस पर भी विचार किया जाना चाहिए। नरेन्द्र चौधरी ने प्रत्येक विभाग की जिम्मेदारी और भूमिका तय करने की बात कही।
पीटीएस किशनगढ़ के कमाडेंट डी.डी. सिंह ने आपदा प्रबंधन की दृष्टि से रॉक लॉन्चर, रबर बोट, वॉकड्रिल उपकरणों की आवश्यकता बताई और नागरिकों को अधिक से अधिक प्रशिक्षित करने पर जोर दिया। उन्होंने एक बुकलेट प्रकाशित करने का सुझाव भी रखा। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के डॉ. सुब्रोत दत्ता ने एक्शन प्लान में संसाधनों के बारे में विस्तृत जानकारी देने, सुझाव दर्ज करने के साथ-साथ इसे समन्वय की दृष्टि से प्रायोगिक धरातल पर खरा उतरने वाला बनाने को कहा।
एरियल हाइड्रोलिक प्लेटफार्म, फायर फाइटर सूट खरीदे जायेंगे
अग्निशमन अधिकारी हबीब अहमद खां ने बताया कि अजमेर जिले को आपदा सहायता प्रबंधन की दृष्टि से पुख्ता बनाने के लिए एरियल हाइड्रोलिक प्लेटफार्म, फायर फाइटर सूट खरीदे जायेंगे। इसके लिए कार्यवाही चल रही है। उन्होंने शहरी व दरगाह क्षेत्र में विद्युत तारों के समुचित प्रबंधन की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गैस सिलेंडर उपयोगकर्ता को अग्निशमन के प्राथमिक साधन रखने चाहिए। उन्होंने अजमेर की दरगाह व सकरी गली, घनी आबादी वाले इलाकों में मकान गिरने, विद्युत सर्किट आदि की आपदा की स्थिति में प्रबंधन में आने वाली जटिल समस्याओं पर भी विचार रखे।
उपनियंत्रक नागरिक सुरक्षा मातेश्वरी आर्य ने बताया कि एक्शन प्लान का प्रारूप तैयार करने के लिए वेबसाईट एनडीएमए.जीओवी.इन से जानकारी प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने एक्शन प्लान में एनसीसी, स्काउट और कक्षा 10 से 12 के विद्यार्थियों को आपदा सहायता प्रबंधन प्रशिक्षण में शामिल करने पर जोर दिया।
प्रोटोकॉल अधिकारी श्रीमती सुनिता डागा ने एक्शन प्लान का प्रारूप 10 फरवरी तक कलक्टे्रट में भेजने के निर्देश दिये और अधिकारियों से उपखंड स्तर पर ग्रामीण क्षेत्र में आपदा बचाव प्रबंधन के लिए बनाई गई समिति की बैठक लेकर 11 गांव चिन्हित कर भेजने को कहा। प्लान में आपदा की स्थिति में लोगों को ठहराने के स्थान, संपर्क नम्बर आदि पूरी जानकारी देने को कहा गया।
बैठक में नगर सुधार न्यास के सचिव के.सी. वर्मा, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुरेश सिंधी, नगर निगम आयुक्त बजरंग सिंह चौहान, अधिशाषी अभियंता ए.के. गुप्ता व एन.के. टांक, उपनिदेशक श्रीमती वीना वर्मा, जिला उद्योग अधिकारी रणवीर सिंह, सहायक परियोजना समन्वयक राजेश तिवारी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।