कलक्टर ने प्रशासन गांवों के संग अभियान की समीक्षा की

अजमेर । जिला कलक्टर वैभव गालरिया ने प्रशासन गांवों के संग अभियान से जुड़े विभागों के अधिकारियों से कहा कि वे प्रत्येक दिन शिविर में उनके विभाग की ओर से की गई गतिविधियों की अंतर पंचायतस्तरीय स्तर पर आंकलन करें और जिन ब्लॉक्स में योजनाओं की विभिन्न गतिविधियों में संतोषजनक कार्य और परिणाम प्राप्त नहीं हो रहे हों उनमें प्रभावी गति लाने की कार्यवाही की जाए।
श्री गालरिया ने कहा कि अभियान में आयोजित मुख्य शिविर में ग्रामीणों की लगभग सौ प्रतिशत समस्याओं का निस्तारण हो जाना चाहिए यदि ऐसा नहीं है तो निश्चय ही एक दिन पूर्व शिविर के लिए की गई तैयारियों में कमी रही है। उन्होंने अधिकारियों की शिविर के साथ-साथ फील्ड में भी उपस्थिति की पाबंदी पर जोर देते हुए काश्तकार के घर जाकर उसे सेवाएं उपलब्ध कराने और समस्याओं का निराकरण करने पर जोर दिया।
जिला कलक्टर ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की डॉ. टीना अरोड़ा को आस्था कार्ड योजना के क्रियान्वयन को प्रभावी बनाने, गाड़िया लौहारों को पट्टे उपलब्ध कराने के लिए विकास अधिकारियों के साथ मिलकर जिम्मेदारी के साथ कार्य करने और विभिन्न विवाह, पैंशन अनुदान योजनाओं में शिविर दौरान प्राप्त आवेदनों के निस्तारण करने और संबंधित को सुनने के निर्देश दिये। उन्होंने स्पष्ट कहा कि मुख्य शिविर के दिन सभी समस्याएं सुनीं जानी चाहिए। अनाथ बच्चों के सर्वे पर ध्यान देने विभाग की समस्त योजनाओं के बारे में ग्रामीणों को बारीकी से जानकारी उपलब्ध कराने को कहा गया।
श्री गालरिया ने विद्युत वितरण निगम के अधीक्षण अभियंता को मीटर रीडिंग और बिलों में आने वाली अधिक राशि के मामलों का निस्तारण मौकेे पर जाकर करने, ऑन लाइन मॉनिटरिंग पर ध्यान देने की बात भी कही। शिक्षा विभाग के अधिकारियों को विद्यालय भवनों के भूमि आवंटन के लंबित प्रकरण तुरन्त निस्तारित कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये।
सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता से प्रधानमंत्राी ग्रामीण संपर्क योजना की समीक्षा कर विभाग की सड़कों को राजस्व रेकार्ड में दर्ज कराने, महिला एवं बाल विकास विभाग को शिविरों में सक्रिय रूप से भागीदारी निभाने, कृषि विभाग को काश्तकारों के प्रति और अधिक संवेदनशील बनने, श्रम विभाग को संबंधित श्रमिकों से जुड़ी लाभकारी योजनाओं के बारे में पर्याप्त प्रशिक्षण देने, जल संसाधन विभाग को पंचायतों के सहयोग से काश्तकारों को सिंचाई का तकनीकी प्रशिक्षण देने, पंचायतीराज विभाग को पट्टों के लंबित प्रकरणों को निस्तारित करने, पशुपालन विभाग को आयोजित कैम्पों में उपस्थित रहने के साथ-साथ, काश्तकार के घर जाकर पशुओं की चिकित्सा करने के निर्देश दिये गये। जलदाय विभाग को ग्रामीणों की पेयजल से संबंधित समस्याओं का निराकरण और निगरानी करने को कहा गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. लक्ष्मण हरचंदानी को नये उपस्वास्थ्य चिकित्सा केंद्र खोलने के लिए आवंटित जमीन की कार्यवाही को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिये।

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