अजमेर। नगर निगम द्वारा शनिवार को एक बार फिर आनासागर डूब क्षेत्र से स्थाई अतिक्रमणों को हटाया गया। भारी पुलिस बल की मौजूदगी के बीच निगम के अतिक्रमणरोधी दस्ते ने नियम विरुद्ध निर्माणों को जमीन दिखाई। इस दौरान दल को प्रभावित लोगों के विरोध का भी सामना करना पड़ा। राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों की पालना में निगम का दस्ता पिछले दो दिनों से आनासागर के डूब और बहाव क्षेत्र से उन निर्माणों को हटाने में लगा हुआ है जिन्हें पूर्व में चिन्हित किया जा चुका है। निगम के दस्ते ने शनिवार को पुष्कर रोड इलाके की भट्टा बस्ती से 5 स्थाई निर्माणों को ध्वस्त किया। प्रभावितों का आरोप था कि उन्होंने जमीन की कीमत अदा करके अपने मकान बनाए है और अजमेर नगर निगम ने शुल्क वसूल कर नक्शे भी पास किये हैं। ऐसी स्थति में प्रशासन उन अधिकारियो के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं कर रहा है, जिन्होंने इन आवासों के नक्शे पास किये। वही निगम में भाजपा पार्षदों ने भी नगर निगम की इस कार्यवाही का विरोध करते हुए निगम पर केवल गरीबों के मकानों पर ही जेसीबी चलाने का आरोप लगाया। पार्षदों ने आरोप लगाया कि नगर निगम और युआईटी सरकारी नालों पर बड़े व्यावसायिक निर्माण करने वालो को नहीं हटा रही है।
इस पूरे मामले में अधिकारियों का कहना है कि कार्यवाही आज अचानक शुरू नहीं की गई है। विगत 6 माह से सम्बन्धित लोगों को नोटिस देकर उनका पक्ष सुना जा रहा है और यदि निगम अधिकारियों की गलती की वजह से कोई नक़््शे पास भी हुए हैं तो उन्हें निरस्त करने की कार्यवाही भी की जायेगी।
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