बोर्ड की कार्यप्रणाली में सुधार किया जाये- पी.एस. वर्मा

boardअजमेर। बोर्ड के नवनियुक्त अध्यक्ष डॉ. पी.एस. वर्मा ने कहा है कि उनकी पहली प्राथमिकता है कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की कार्यप्रणाली में ऐसा सुधार किया जाये कि प्रदेश के सभी अभिभावको की आकांक्षा हो की उनके बच्चे राजस्थान बोर्ड के विद्यार्थी बने। उन्होनंे कहा कि वर्तमान में अधिकांश अभिभावको की इच्छा है कि उनके बच्चे सी.बी.एस.सी. से संबद्ध किसी भी स्कूल से शिक्षा ग्रहण करें। अभिभावको की इस मानसिकता को बदलने के लिये वे हर संभव प्रयास करेगे।  डॉ. वर्मा गुरूवार को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के राजीव गांधी सभागार मंे मंत्रालियक कर्मचारी संद्य, सहायक कर्मचारी संद्य, अनुसूचित जनजाति कर्मचारी कल्याण संद्य, अधिकारी, कर्मचारी और सहायक कर्मचारी स्टॉफ क्लब के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित निवर्तमान अध्यक्ष डॉ. सुभाष गर्ग के विदाई समारोह और नवनियुक्त अध्यक्ष डॉ. वर्मा के स्वागत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होने कहा कि बोर्ड में भवन और संसाधनों की कोई कमी नहीं है, अब आवश्यकता कार्य में गुणवत्ता की है।

डॉ. वर्मा ने कहा कि निवर्तमान अध्यक्ष डॉ. सुभाष गर्ग के कार्यकाल में राजस्थान बोर्ड में हुए नवाचारों को राष्ट्रीय स्तर पर अंगीकार किया गया। पाठ्यक्रम में सुधार और टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम इनमें मुख्य है। उन्होने कहा कि डॉ. गर्ग के कार्यकाल की निवृत्ति कार्य से नहीं हुई है अपितु वे एक बड़े मुकाम को हासिल करने के लिये अग्रसर होने जा रहे है। उन्होने कहा कि वे जो कार्य इस बोर्ड में करने की आकांक्षा लेकर यहॉ आये है उसमे सफलता के लिये डॉ. गर्ग की भागीदारी की महत्ती आवश्यकता है। उन्होने कहा कि वे इसी बोर्ड के विद्यार्थी रहे है। उन्हे इस बोर्ड से उत्तीर्ण की गई अपनी 11 वी की परीक्षा का रोल नम्बर 13948 आज तक याद है।
इस अवसर पर निवर्तमान अध्यक्ष डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि तीन वर्ष पहले जो जिम्मेदारी मुख्यमंत्री ने उन्हे सौपी थी उसको गत तीन वर्षो में उन्होने पूरी मुस्तैदी से अमली जामा पहनाने की कोशिश की है। बोर्ड कर्मियांे ने भी इस मुहिम में उनका कन्धे से कन्धा मिलाकर साथ दिया है। उन्होने कहा कि वर्ष 2013 की 10 वी और 12 वी की परीक्षाओं के लिये राजस्थान बोर्ड पूरी तरह से तैयार है। उन्होने बोर्ड कर्मियों का आह्वान किया कि वे विद्यार्थी को केन्द्र बिन्दु मानकर अपने कार्य को अंजाम दें। उन्होने कहा कि उन्हें बडी पीडा होती है जब दूर दराज से आये विद्यार्थी को छोटे से कार्य के लिये बोर्ड में भटकना पडता है। अन्य संस्थाओं में वेतन राज कोष से मिलता है परन्तु बोर्ड कर्मियों को वेतन विद्यार्थी द्वारा चुकाये गये शुल्क से मिलता है। बोर्डकर्मी की पहली प्राथमिकता होनी चाहिये कि जिस दिन कोई विद्यार्थी किसी भी कार्य से बोर्ड में आये उससे संबंधित कार्य को उसी दिन करके उसे दे दिया जाये। उन्होने कहा कि उनके आने से पहले बोर्ड कर्मियो की कुछ मांगो को लेकर असंतोष का माहौल था, उसको दूर करने का उन्होने पूरा प्रयास किया। उनके बोर्ड में कार्य ग्रहण करने से पूर्व बोर्ड में कर्मचारियों को ओवर टाईम के भुगतान पर रोक लगा दी गई थी। परन्तु उन्होने राज्य सरकार से चर्चा कर ओवर टाईम के भुगतान को पुनः शुरू कराकर उसे वित्तिय विभाग से नियमित भी करा दिया। उन्होने कहा कि वे 16 फरवरी से राजकीय सेवा से सेवानिवृत्ति लेने जा रहे है। राज्य सरकार ने एक सुलझे हुए शिक्षाविद् डॉ. वर्मा के हाथों बोर्ड की कमान सौपी है जो निश्चित ही बोर्ड को नई उंचाईया प्रदान करेगे। समारोह को संबोधित करते हुये बोर्ड के निदेशक गोपनीय जी.के. माथुर ने कहा कि डॉ. गर्ग के कार्यकाल में तीन बार दीक्षान्त समारोह का आयोजन, कॉब्से की अंतराष्ट्रीय कॉन्फ्रेस, समय पर गुणवत्ता के साथ परीक्षा परिणामों की घोषणा, राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा का आयोजन, स्टाफ ट्रेंनिग कॉलेज की स्थापना और प्रदेश में नौ विभिन्न स्थानों पर विद्यार्थी सेवा केन्द्रों की स्थापना जैसे महत्ती कार्यो को अंजाम दिया। इस अवसर पर मंत्रालियक कर्मचारी संद्य के अध्यक्ष रणजीत सिंह राठौड ने कहा कि राजस्थान बोर्ड की 1957 में हुई स्थापना से अब तक बोर्ड अध्यक्ष के रूप में श्री जगन्नाथ सिंह मेहता के बाद अब डॉ. सुभाष गर्ग के कार्यकाल की यादे बोर्ड कर्मियो के साथ-साथ प्रदेशवासियों के मानस पटल भी सदैव अंकित रहेगी। उन्होने कर्मचारियों की कई वाजिब मांगो को पूरा कर कर्मचारियों के मन में जगह बनाई जिससे बोर्ड में नई कार्य संस्कृति को जन्म मिला। इस अवसर पर बोडकर्मी राजीव चतुर्वेदी, वित्तिय सलाहकार नरेन्द्र तंवर और बोर्ड सचिव एम.आर. शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

– राजेन्द्र गुप्ता

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