राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केन्द्र तबीजी अजमेर द्वारा वार्षिक राष्ट्रीय किसान मेला 15 फरवरी 2013 को आयोजित किया गया। मेले में अजमेर एवं राजस्थान के अन्य जिलों से एक हजार से अधिक कृषको ने भाग लिया। इस अवसर पर माननीय श्री हवासिंह हुडडा, महाअधिवक्ता हरियाणा सरकार मुख्य अतिथि थे। गुजरात नर्मदा फर्टीलाइजर निगम के प्रबन्धक निदेशक श्री आनन्द मोहन तिवारी ने समारोह की अध्यक्षता की जबकि केन्द्रीय भेड एवं उन अनुसंधान संस्थान अविकानगर के निदेशक डा. एस एम के नकवी इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि थे।
इस अवसर पर केन्द्र के निदेशक डॉ बलराज सिंह, ने राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केन्द्र पर चल रही अनुसंधान गतिविधियो के बारे मे विस्तार से बताया। केन्द्र पर बीजीय मसाला फसलो में अभी हाल ही में राष्ट्रीय स्तर पर उत्पादन हेतु मेथी की उन्नत किस्म ।थ्ळ.3 विकसित की गई जिसमें अधिक उपज के अलावा औषधीय गुण भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। इसके अलावा मेथी में अन्य किस्मे भी विकसित की जा रही है जिनकी फलियो का उपयोग मटर एवं सेम फलियों की तरह सब्जी बनाने हेतु किया जा सकेगा। संस्थान ने निम्न तापमान पर बीजीय मसालो की पिसाई विधि (क्रायोग्राइडिंग) विकसित की गई है, जिसमे बीजीय मसालो की पिसाई के बाद लम्बे समय तक उनमें उपलब्ध आवश्यक तेल की मात्रा व उनकी खुशबु को बरकरार रखा जा सकता है जिससे किसानो को अधिक लाभ प्राप्त हो सकेगा। निदेशक महोदय ने यह भी बताया कि पानी एवं खाद का समुचित एवं दक्षतापूर्ण उपयोग हेतु स्वचालित फर्टीगेशन तकनीकी का भी विकास किया जा रहा है जिससे 30-40 प्रतिशत पानी की बचत के साथ साथ 20-25 प्रतिशत अधिक उत्पादन भी लिया जा सकता है। इसकेे अतिरिक्त बिजली की उपलब्धता को मध्यनजर रखते हुए कम दाब सिचांई प्रणाली का भी विकास किया गया है जिसको छोटे पैमाने पर इस फलसों व सब्जी फसलों में अपनाना संभव है।
इस अवसर पर कृषको को बताया गया कि संस्थान में अजवाइन की एक किस्म भी पाइप लाइन मे है जो अब तक विकसित दूसरी किस्मो कि अपेक्षा 40 दिन पहले पकती हैं । इसके अतिरिक्त जीरा, सौंफ, धनिया, सेलेरी, विलायती सौंफ आदि फसलों से विभिन्न महत्वपूर्ण लक्षणों व उद्दश्यों की पूर्ति हेतु फसल सुधार कार्य जारी है। बीजीय मसाला फसलों के निर्यात को मध्य नजर रखते हुए जैविक खेती की पूरी प्रौद्योगिकी, इन फसलों के उत्पादन व पैंकिग में बेहतर कृषि क्रियाओं का भी विकास किया गया है। बीजीय मसाला फसलों को उगाने के लिये कौन-सा फसल चक्र सबसे अधिक लाभप्रद है तथा आवले या बेर के बगीचों में किन-किन बीजीय मसाला फसलों का उत्पादन करके अधिक लाभ कमाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त प्रभावी खरपतवार नियन्त्रण इनकी मषीनों द्वारा सीधी बुवाई, इनके देरी से होने वाले अकुंरण समय को कम करना आदि महत्वपूर्ण विषयों पर अनुसंधान कार्य जारी है। उन्होने यह भी बताया कि उच्च गुणवत्ता बीज उत्पादन तथा प्रगतिशील किसानों के साथ साझेदारी द्वारा उच्च गुणवत्ता बीज उत्पादन का भी कार्य शुरू किया गया ताकि सभी बीजीय मसाला फसल उत्पादक कृषकों का उच्च गुणवत्ता के बीज सरलता पूर्वक मिल सकें। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता कर रहे श्री ए.एम. तिवारी, प्रबंधक निदेशक गुजरात नर्मदा फर्टिलाइजर कम्पनी ने किसानों का आहवान किया अब समय आ गया है कि हमारे किसान फसल उत्पादन में आधुनिक तकनीकों का उपयोग करें ताकि प्राकृतिक संसाधनों का सदुपयोग हो सके तथा उनका उत्पादन व आमदनी भी बढ़ सके। श्री तिवारी ने बेरोजगार युवाओं के लिये कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों व प्रोद्योगिकीयों के द्वारा उनको रोजगार अवसर पैदा होने की बात कही। उन्होनें कहा कि अब आधुनिक कृषि क्षेत्र में कुशल व प्रशिक्षित युवाओं की बड़ी संख्या की आवश्यकता है तथा यह आवश्यकता भविष्य में और बढ़ेगी। उन्होने कहा कि बड़े पैमाने पर शिक्षित बेरोजगार युवा शक्ति को प्रेरित करके नई प्रोद्योगिकीयों के क्षेत्र में प्रषिक्षित करने की आवश्यकता है। समारोह के मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुये हरियाणा के महाअधिवक्ता श्री हवा सिंह ह्डडा ने कहा कि किसान कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों के बारे में पूर्ण रूप से जागरूक रहें तथा राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान संस्थान जैसे संस्थानों से अधिक से अधिक जानकारी लेकर अपनी औसत आमदनी को बढ़ायें। उन्होने हरियाणा में कृषि क्षेत्र में हो रहे नये बदलाव की भी जानकारी दी। उन्होने कहा क्योंकि राजस्थान तथा गुजरात प्रदेशो के जिन क्षेत्रों में इन बीजीय मसाला फसलों की खेती होती है उनमें सिंचाई के पानी की उपलब्धता बहुत सिमित है तथा कई क्षेत्रों मे पानी की गुणवत्ता भी बहुत खराब है अतः अब समय आ गया है कि इस क्षेत्रों के किसान खेती में बूंदबूंद सिंचाई प्रणाली एवं नवीनतम तकनीको का उपयोग करें। श्री हुड्डा ने जोर देकर कहा की अब समय आ गया है बेरोजगार युवाओं को खेती की तरफ आकृषित किया जाये अन्यथा ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं की खेती में कोई रूची नहीं रह गई है। उन्होने कहा कि युवाओं को खेती की नई नई तकनीकों व प्रोद्योगिकीयों के विषय में प्रशिाक्षण देकर प्रेरित किया जाये।
इसके अलावा भी मसाला फसलो के उत्पादन हेतु विभिन्न उत्पादन एवं फसल संरक्षण तकनिकीयो का विकास किया गया है जो इन फसलों में रोगों व कीट प्रबंधन में कारगर सिद्व हुई है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि एवं अन्य समानित विशिष्ट अतिथियो ने भी अपने विचार व्यक्त किये तथा बीजीय मसाला फसलो की महत्तता के बारे मे चर्चा की । इस मौके पर एक किसान संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया, जिसमे किसान भाइयो की कृषि सम्बान्धित समस्याओ का समाधान केन्द्र के वैज्ञानिक एवं विषय विशेषज्ञो द्वारा उसी समय किया गया। मेले मे किसानो के लिए ज्ञानवर्द्धक प्रतियोगिताओ का भी आयोजन किया गया तथा विजेता किसानो को पुरस्कार प्रदान किये गये। इसके अलावा मेले में बीजीय मसाला सुरभि पुस्तक एवं प्रसार पत्रक जिसमे बीजीय मसाला एवं अन्य फसलो की उन्नत उत्पादन तकनीकी एवं लाभदायक जानकारियॉ है, का विमोचन मुख्य अतिथि द्वारा किया गया तथा उनका वितरण सभी किसानो को निःशुल्क किया गया।
मेले में बीजीय मसाला सम्बन्धित, कृषि एवं पशुपालन सम्बान्धित जानकारियो हेतु प्रदर्शनिया भी लगाई गई जिसमे केन्द्रीय संस्थानो एवं खाद, बीज, दवाईयॉ एवं सिंचाई के साधनो के विक्रेताओ द्वारा अपने उत्पादो एवं तकनीकियो का प्रदर्शन किया गया तथा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनियो को पुरस्कृत भी किया गया। मेले में किसानो, महिला कृषको तथा संस्थान के वैज्ञानिक तकनिकी कर्मचारी कृर्षि विज्ञान केन्द्र, ए.टी.सी एवं उपनिदेशक कृर्षि विभाग के अन्य अधिकारियो एवं कर्मचारियो ने भी भाग लिया। कार्यक्रम के अन्त में केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एस.एस मीणा ने सभी अतिथियो, किसानो एवं संस्थान के अधिकारियो एवं कर्मचारियो का धन्यवाद ज्ञापित किया।