राजपूत समाज की प्रतिभाओं का किया सम्मान

shaktriye pratibha vikas 02अजमेर । केन्द्रीय संस्कृति मंत्री  चंद्रेश कुमारी ने क्षत्रिय समाज के साथ-साथ अन्य सभी का आव्हान किया कि राजस्थान की प्राचीन अच्छी संस्कृति को बनाये रखंे, यह राजस्थानी की अपनी पहचान है और इस पर सभी को गर्व है। उन्होंने महिलाओं की सुरक्षाओं के लिए सभी को आगे आने का अनुरोध किया। केन्द्रीय संस्कृति मंत्री अजमेर के जवाहर रंगमंच पर श्री क्षत्रिय प्रतिभा विकास एवं शोध संस्थान द्वारा आयोजित 14 वें प्रतिभा सम्मान समारोह में क्षत्रिय प्रतिभाओं का सम्मान करने के पश्चात सम्बोधित कर रही थी। उन्होंने राजस्थानी में दिये अपने भाषण में कहा कि क्षत्रिय समाज को सामाजिक कुरूतियों को छोड़कर विकास की दृष्टि से हर क्षेत्रा में आगे आना होगा।
चंद्रेश कुमारी ने कहा कि राजस्थान की प्राचीन संस्कृति गौरवमयी रही है जिस पर हमंे सभी को गर्व है। पुरूषों मंे साफा बांधने और महिलाओं में लंहगा चुनरी पहनने की अपनी अनूठी परम्परा रही है परन्तु आज युवा पीढ़ी को साफा बांधना नहीं आता और नवयुवतियां भी लहंगा चुनरी से दूर होती जा रही है। उन्होंने समाज का आव्हान किया कि वे बेटियों को पढ़ाये और आगे बढ़ायंे । उन्होंने महिला सुरक्षा से जुड़े मामलों पर भी चर्चा की। दिल्ली की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सभी से कहा कि यदि किसी बालिका व महिला से कहीं पर भी कुछ भी गलत हो रहा है तो हर व्यक्ति का दायित्व बनता है कि वे उस बालिका व महिला की सुरक्षा करें और क्षत्रिय समाज को तो इसमें आगे रहना ही होगा।
केन्द्रीय संस्कृति मंत्री एवं समारोह में उपस्थित अन्य अतिथियों ने क्षत्रिय समाज की 93 प्रतिभाओं को सम्मानित किया जिनमें 17 को 11-11 हजार रूपये की छात्रावृति वितरित की गई । अजमेर के अतिरिक्त संभागीय आयुक्त श्री हनुमान सिंह भाटी का आई.ए.एस. में चयन होने पर उनका भी सम्मान किया गया।
समारोह की अध्यक्षता श्री गिरिराज सिंह लोटवाड़ा ने की। समारोह को जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर के पूर्व कुलपति डॉ. लोकेश शेखावत, पूर्व सांसद श्री हमेन्द्र सिंह बनेड़ा, रेल्वे भर्ती बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष श्री राव हमीर सिंह, श्री महेन्द्र सिंह रलावता, श्री जब्बर सिंह ने भी सम्बोधित किया।
श्री क्षत्रिय प्रतिभा विकास एवं शोध संस्थान के अध्यक्ष श्री रणजीत सिंह मायापुर ने सभी का स्वागत करते हुए संस्थान के बारे में विस्तार से जानकारी दी। भामाशाह श्री दलपत सिंह रूणिचा द्वारा प्रतिभाओं को प्रतिवर्ष मेडल प्रदान किये जाते हैं। कार्यक्रम का संचालन राजस्थान पुलिस सेवा के अधिकारी श्री जयसिंह राठौड़ एवं श्रीमती ज्योति चंदेल ने किया।

 

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