मरीजों को दवा चिकित्सालय निःशुल्क दें

galriyaअजमेर । जिला कलक्टर वैभव गालरिया ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सहित अजमेर, ब्यावर, किशनगढ़, नसीराबाद चिकित्सालयों के पी.एम.ओ. को निर्देश दिये हैं कि मुख्यमंत्राी निःशुल्क दवा योजना महत्वपूर्ण फ्लेगशिप कार्यक्रम है जिसके तहत सरकारी चिकित्सालयों में आने वाले मरीजों को दवाईयां निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने स्पष्ट रूप से चिकित्सा अधिकारियों से कहा है कि यदि चिकित्सालय में दवा उपलब्ध नही हो तो बाजार से खरीद कर दवाईयां मंगवाये और आने वाले मरीजों को उपलब्ध करायंे। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा जिले में स्थित बड़े चिकित्सालयों को पर्याप्त राशि उपलब्ध कराई गई है। वित्तीय वर्ष समाप्ति की ओर है परन्तु आंवटित राशि का उपयोग भी इन चिकित्सालयों द्वारा नही किया गया है।

गालरिया आज कलेक्ट्रेट की समिति कक्ष में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में चिकित्सा सेवाओं के विभिन्न कार्यक्रमों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिला चिकित्सालयों के प्रभावी चिकित्सकों को दवाईयां खरीदने की प्रारम्भिक कार्यवाही पूर्व में करके रखनी चाहिए जिससे जरूरत पड़ने पर तत्काल दवाईयां मंगवाई जा सके।

उन्होंने बताया कि जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय व जनाना चिकित्सालय सहित सैटेलाईट अजमेर, किशनगढ़, ब्यावर आदि जिला चिकित्सालयों को दवाईयां खरीदने के लिए पर्याप्त बजट आंवटित किया गया है। इसी प्रकार उन्होंने ब्लॉक सी.एम.एच.ओ. को भी दवाईयों की सुलभता सुनिश्चित करने को कहा।

जिला कलक्टर ने आगामी 7 अप्रेल से जिला चिकित्सालयों में शुरू होने वाली निःशुल्क चिकित्सा जांच एवं एक जुलाई से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर होने वाली निःशुल्क जांच व्यवस्था की अभी से ही प्रारम्भिक तैयारी करने को कहा। अजमेर के जवाहर लाल नेहरू, जनाना, सैटेलाईट, ब्यावर के अमृतकोर, किशनगढ़ के यज्ञनारायण तथा नसीराबाद के राजकीय चिकित्सालय में 7 अप्रेल से शुरू होने वाली निशुल्क जांच की तैयारियां 27 मार्च तक ही करने के निर्देश दिये ।

जिला कलक्टर ने संस्थागत प्रसव की समीक्षा करते हुए कहा कि वर्तमान में 80 से 85 प्रतिशत प्रसव विभिन्न चिकित्सालयों में हो रहे हैं परन्तु अभी भी लगभग 15 प्रतिशत प्रसव घरांे में ही हो रहे हैं। इन 15 प्रतिशत महिलाओं के प्रसव भी संस्थागत चिकित्सालयों में कराने के लिए चिकित्साकर्मियों को पाबन्द करने को कहा। फतेहगढ़, रूपनगढ़ सहित अनेक चिकित्सालयों जहां पर चिकित्सालयों में प्रसव की संख्या गत वर्षों से घटी है के चिकित्सकों के विरूद्ध कार्यवाही करने को कहा तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिये कि जो भी चिकित्सक व चिकित्साकर्मी अपने मुख्यालय पर नहीं रूकते उनके विरूद्ध तत्काल कार्यवाही की जायें। फतेहगढ़ चिकित्सालय के चिकित्सा अधिकारी के विरूद्ध अनुशासत्मक कार्यवाही करने को भी कहा। झिरोता, गोविन्दगढ़, देवलियाकलां आदि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर शत प्रतिशत हो रहे प्रसव की सराहना करते हुए चिकित्सासकों व चिकित्साकर्मियों की प्रशंसा की। उन्होंने 104 जननी सुरक्षा एक्सप्रेस के भी पर्याप्त काम में नही आने के प्रति चिंता प्रकट की और कहा कि 24 घंटे निःशुल्क सेवा उपलब्ध होने के बावजूद इन वाहनों का पर्याप्त उपलब्ध नही हो रहा है।

एच.1 एन.1 इन्फ्लूएंजा की रोकथाम हेतु जनजागरण जरूरी

जिला कलक्टर श्री गालरिया ने एच.1 एन.1 इन्फ्लूएंजा (स्वाइन फ्लू) की रोकथाम के लिए आम लोगों में जन-जागरण करने की आवश्यकता बताई और कहा कि घर घर जाकर सर्वे कर आम लोगों के स्वास्थ्य की जांच का पता लगाना होगा और इसके लक्षण वाले मरीजों को प्रथम चरण में ही आवश्यक दवाईयां उपलब्ध कराकर इस रोग से ही दूर करने का भी प्रयास करना होगा। दूसरे चरण में आये मरीजों को टेमी फ्लू दवा देने होगी जो पर्याप्त संख्या में जिले के सभी चिकित्सालयों में निशुल्क उपलब्ध है। तृतीय चरण में आये मरीजों को चिकित्सालय में भर्ती कर उनका इलाज करना होगा। सावधानी रखने मात्रा से ही इस बीमारी से दूर रहा जा सकता है।

उन्हांेने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे विभिन्न स्कूलों की प्रार्थना सभाओं में सभी बच्चों को इस रोग के बारे में बतायें और बचाव संबंधी जानकारी दें । चिकित्सा विभाग द्वारा इस संबंध में प्रकाशित पैम्पलेट का वितरण सभी बच्चों को करें। उन्होंने प्रत्येक ब्लॉक्स सी.एम.एच.ओं. से इस संबंध मंे जानकारी प्राप्त कर उनके द्वारा किये गये प्रयासों की समीक्षा की।

गालरिया ने विभिन्न उद्योगों विशेषकर पत्थर की कटाई एवं पाउडर बनाने जैसे उद्योगों में लगे श्रमिकों को होने वाले बीमारियों और उनके उपचार की भी समीक्षा की। ऐसे श्रमिकों को सांस लेने में तकलीफ होती है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. लक्ष्मण हरचन्दानी ने बताया कि स्वाईन फ्लू की रोकथाम के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा महत्वपूर्ण कदम उठाये गये हैं और घर घर जाकर मरीजों की जांच की जा रही है। जिले के सभी चिकित्सालयों में पर्याप्त दवा व चिकित्सा उपलब्ध है। ग्राम सभाओं, पंचायत समितियों की बैठकों, प्रशासन गांव के संग अभियान के शिविरों मंे भी ग्रामीणों को इस रोग से बचने व उपाय करने के बारे में जानकारी दी और पेम्पलेट वितरित किये। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्राी निशुल्क दवा योजना के तहत जिले में पर्याप्त दवाईयां उपलब्ध है और जिला चिकित्सालयों को दवा खरीदने के लिए राशि भी आंवटित की गई है।

जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सी.आर.मीना ने प्रशासन गांव के संग अभियान में जिले में चिकित्सा विभाग के विभिन्न भवनों के पट्टे देने तथा जमीन आंवटित करने के संबंध में की गई कार्यवाही की जानकारी दी। संयुक्त श्रम आयुक्त श्री आर.पी. पारीक ने श्रमिकों की चिकित्सा संबंधी समस्याओं के बारे में बताया।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि श्री प्रदीप जोशी ने अजमेर जिले में चलायें जा रहे पल्स पोलियों के अभियान के संबंध में बकाया और अजमेर में विशेष प्रयास करने पर जोर दिया।

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