शिक्षा बोर्ड में राज्य स्तरीय अध्यापक प्रतियोगिता

board logoअजमेर। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. पी.एस. वर्मा ने कहा है कि वैश्वीकरण के इस युग में वही पाठ्यक्रम अध्यापको और विद्यार्थियों के लिये ग्राहय होगें, जिनमें चिंतन की सरलता और तकनीक की भव्यता होगी। जो पाठ्यक्रम प्रगति मूलक होगे और समाज के प्रति प्रतिबद्ध सिद्ध होग,े वही पाठ्यक्रम विद्यार्थियों द्वारा अंगीकार किये जा सकेगें। डॉ. वर्मा शुक्रवार को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय राज्य स्तरीय अध्यापक प्रतियोगिता के अन्तिम दिन सावित्री राजकीय बालिका सीनियर सैकण्डरी स्कूल में विजेताओं को पुरस्कार वितरित कर रहे थे।
डॉ. वर्मा ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के इस युग में कम्प्यूटर पर एक क्लिक से किसी भी प्रकार की सूचना प्राप्त की जा सकती है। इसलिये अध्यापक भी शिक्षा में नित प्राय हो रहे नवाचारो से स्वंय को अपडेट रखे क्योकि अब विद्यार्थी पाठ्य पुस्तको तक सीमित नहीं है, वह भी अपने ज्ञान के क्षितिज का विस्तार करने के लिये संदर्भ पुस्तको के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी के संसाधनों का सहारा ले रहा है। उन्होने शिक्षको का आह्वान किया कि वे अपनी इच्छा से इस पेशे में आये है तो इसका आनन्द ले। शिक्षक अपनी सार्थक भूमिका तभी निभा सकेगे जब वे वर्तमान परिप्रेश्रय में विद्यार्थी की उस विषय की जिज्ञासा को शान्त कर सकेगे। उन्होने बोर्ड द्वारा आयोजित विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों और प्रतियोगिताओ में शिक्षको की सहभागिता बढाने पर जोर दिया।
समारोह की विशिष्ठ अतिथि बोर्ड की विशेषाधिकारी (परीक्षा) दीप्ती शर्मा ने कहा कि परिवर्तन की ग्राहयता से अध्यापक की पेशेेगत योग्यता में निखार आता है। शिक्षा के क्षेत्र में तकनीक का बड़े पैमाने पर उपयोग हो रहा है। पुरातनवादी शिक्षण विद्याओ के स्थान पर तकनीक से युक्त नयी शिक्षण विद्याऐं विद्यार्थियों के लिये भी सुगमतापूर्वक ग्राहय है। अध्यापकों को काफी मेहनत करनी होगी। सिखने की उम्र कभी खत्म नहीं होती।
बोर्ड के वरिष्ठ सहायक निदेशक अनिल शर्मा ने कहा कि तकनीक के इस युग में साक्षर होने की परिभाषा ही बदल गयी है। जो कम्प्यूटर ज्ञान से अछूता है वह निरक्षर की श्रेणी में आता है।

तीन दिवसीय प्रतियोगिता के परिणाम इस प्रकार रहे:-

लेखन प्रतियोगिता – प्रथम श्रीमती सन्ध्या भोजक, वरिष्ठ अध्यापक, राजकीय बालिका माध्यमिक विद्यालय, आर्यसमाज, बीकानेर, द्वितीय श्री राकेश कुमार शर्मा, वरिष्ठ अध्यापक, राजकीय माध्यमिक विद्यालय, लाड़ली का बास, दौसा, तृतीय श्रीमती वीणा हेड़ा, व्यावयाता, राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, फॉयसागर , अजमेर।

पत्र वाचन प्रतियोगिता – प्रथम श्री लोकश कुमार शर्मा, अध्यापक, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, अजैता, बूॅदी, द्वितीय श्रीमती प्रतिभा मोहन कौशिक, व्याख्याता, राजकीय पोद्दार उच्च माध्यमिक विद्यालय, जयपुर, तृतीय श्री अखिलेश श्रीवास्तव, व्याख्याता, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, धौलपुर।

अध्यापन प्रतियोगिता – प्रथम श्रीमती विजयलक्ष्मी यादव, व्याख्याता, राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, आदर्शनगर, अजमेर, द्वितीय डॉ. श्रीमती कल्पना शर्मा, प्रधानाध्यापिका, राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, ब्राहम्णों की सरेरी, भीलवाड़ा, तृतीय श्री भगवती नन्दन दाधीच, वरिष्ठ अध्यापक, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, टीमड़ी, राजसमन्द।

प्रारम्भ में संस्था की प्रधान श्रीमती रंजू पारीक ने प्रतियोगिता का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती लीला मणी गुप्ता ने किया।

– राजेन्द्र गुप्ता

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