अजमेर। देश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के महिला पुरूषों को आत्मनिर्भर बनाने और विभिन्न घरेलु उद्योग, व्यवसायों में सामुहिक रूप से जोड़कर उनके जीवन को खुशहाल बनाने के उद्देश्य से वर्ष 1992 में शुरू की गई स्वयं सहायता समूह कार्यक्रम योजना, राजस्थान में महिला स्वयं सहायता समूह कार्यक्रम के रूप में उभरकर सामने आई हैं। यह कार्यक्रम महिलाओं के अपरिमित सहयोग से अब इसी रूप में जाना जाने लगा है। लगभग सभी सरकारी जनकल्याणकारी योजनाओं की उपलब्धियों का फलसफा यह रहा है कि योजनाएं महिलाओं की सहभागिता से ही सफल हुई हंै और आदर्श उद्देश्य को प्राप्त करने को अभी भी अनवरत रूप से संचालित की जा रही हैं। सरकार ने इन योजनाओं को और आगे बढ़ाने के लिए काफी प्रयास किये हैं।
राजस्थान में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में चलाए जा रहे महिला स्वयं सहायता समूह कार्यक्रम के संचालन को अनुभव के आधार पर आवश्यकतानुसार नवाचार किये गये हैं और सूक्ष्म उद्यमिता, सुदृढ़ता, एवं स्थायित्व के आधार पर स्वाबलंबन एवं स्वरोजगार की ओर प्रेरित किया है। इन प्रयासों का परिणाम यह हुआ है कि राज्य में अब तक 2.3 लाख समूहों का गठन कर 1.86 लाख समूहों को 537.48 करोड़ रूपये के ऋण उपलब्ध कराए जा चुके हैं।
राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक, नाबार्ड इस कार्यक्रम को राजस्थान में और अधिक सक्रिय रूप से गतिशीलता देने के लिए प्रयासरत हैं। इस दृष्टि से राज्य के 15 जिलों में 25 हजार नए स्वयं सहायता समूहों के गठन का लक्ष्य निर्धारित कर उन्हें बैंक, क्रेडिट लिंकेज से जोड़ा जाएगा। इस कार्य में महिला एवं बाल विकास विभाग की साथिन एवं कार्यकर्ताओं का सहयोग लेकर उन्हें प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
अजमेर नाबार्ड के सहायक महाप्रबन्धक श्री सुधीर शर्मा ने जिले में नवीन महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन करने एवं उन्हें विकास की मुख्य धारा से जोडऩे के लिए एक ऐसी रणनीति तैयार की है, जिसमें समूहों की समस्याओं को पहचान कर उनके निराकरण का विश्लेषण किया जाएगा, साथ ही महिलाओं में सूक्ष्म बचत करने की पारिवारिक परम्पराओं को भी विकसित किया जाएगा, जिससे कि वे अपने व्यवसाय में वित्तीय स्त्रोतों का कुशलतापूर्वक प्रभावी तरीके से उपयोग कर आगे बढ़ सकें। इसके लिए बाल विकास परियोजना अधिकारियों को दक्ष प्रशिक्षक बनाकर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचेताओं ,साथिन एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के दल बनाकर समूहों के गठन के प्रयास किये जा रहे हंै।
अजमेर जिले में 1440 नये महिला स्वयं सहायता समूह बनाए जाएंगे
श्री सुधीर शर्मा ने बताया कि अजमेर जिले में 1440 नये महिला स्वयं सहायता समूह बनाएं जाएंगे। इन समूहों के संचालन के निगरानी अधिकारी उपनिदेशक महिला एवं बाल विकास, नाबार्ड और बैंक के अधिकारी होंगे। उन्होंने बताया कि नाबार्ड इस बार राज्य में स्वयं सहायता समूह के कार्यक्रम के संचालन में आने वाली बिखराव की कमी को दूर करेगा और समूहों में एक ऐसी सामूहिक सोच जागृत करेगा जिसके कि उनमें संयोजन शक्ति बनी रहे।
अजमेर जिले ने इस कार्यक्रम को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू कर उपलब्धियों के कीर्तिमान अर्जित किये हैंं, जो देश व राज्य के लिए प्रेरणा का स्त्रोत रहें हैं। इस कार्यक्रमों की उपलब्धियों की विश्व बैंक के दल व विभिन्न देशों के विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रशंसा की गई है।