अजमेर। अजमेर उत्तर विधायक प्रो. वासुदेव देवनानी ने सरकार पर संवेदनहीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि अपनी पूरी उम्र रोड़वेज की सेवा करने वाले कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पर मिलने वाले परिलाभों का भुगतान समय पर नहीं किया जा रहा हैै। देवनानी ने बताया कि उनके द्वारा राजस्थान विधान सभा में पूछे गये एक प्रष्न के जवाब में सरकार ने आज यह जानकारी दी कि वर्ष 2009 से 2012 तक रोड़वेज विभाग के विभिन्न पदों से 2280 कर्मचारी सेवानिवृत हुए है जिनमें से मात्र 166 कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान समय पर किया गया है जबकि 1824 कर्मचारियों को विलम्ब से भुगतान हुआ है तथा 290 कर्मचारी ऐसे है जिन्हें आज तक भुगतान नहीं किया गया है जिनमें से कई कर्मचारियों को सेवानिवृत्त हुए तीन वर्ष बीत चुके है।
देवनानी ने बताया कि इनमें से अधिकांष कर्मचारी अल्प वेतन भोगी कर्मचारी है जिन्हें समय पर भुगतान नहीं किया गया है। इनमें कनिष्ठ लिपिक, वरिष्ठ लिपिक, चालक, परिचालय, पत्रक वितरक, कार्यषाला कर्मचारी, मैकेनिक आदि पदों पर काम करने वाले कर्मचारी शामिल है। सेवानिवृत्ति परिलाभों के भुगतान में हो रहे विलम्ब के सम्बंध में सरकार ने अपने जवाब में राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की रोकड़ तरलता की स्थिति सही नहीं होना तथा कर्मचारियों द्वारा समय पर दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करना बताया है। देवनानी ने कहा कि वे सरकार के इस जवाब से सन्तुष्ट नहीं है कि इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने अपने दस्तावेज समय पर प्रस्तुत नहीं किये होंगे। आज प्रत्येक कर्मचारी उसके हक के परिलाभ प्राप्त करने के लिए सजग रहता है फिर वो क्यों चाहेगा कि उसकी गलती या देरी के कारण उसके परिलाभ अटके।
देवनानी ने कर्मचारियों के परिलाभों में हो विलम्ब के लिए सीधे-सीधे रोड़वेज व सरकार के वित्तीय कुप्रबंध को जिम्मेदार ठहराया जिसके कारण निगम की रोकड़ तरलता की स्थिति सही नहीं है तथा उम्रभर परिश्रम के साथ रोड़वेज की सेवा करके सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को उनका हक का पैसा भी समय पर नहीं मिल पा रहा है।
वडेरा का मामला – सदन में बैठे धरने पर
अजमेर उत्तर विधायक प्रो. वासुदेव देवनानी ने आज राजस्थान विधान सभा में राबर्ट वडेरा द्वारा नियमविरूद्ध तरीके से खरीदी गयी किसानों की जमीन को ऊंचे दामों पर बेचकर अरबों रूपये राजस्थान से लूटने का मामला उठाने के लिए आज पर्ची लगाई थी । लॉटरी में उनकी पर्ची भी खुल गयी परन्तु विधान सभा अध्यक्ष द्वारा इस विषय पर देवनानी को बोलने की अनुमति नहीं दिये जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए देवनानी आसन के सम्मुख सदन में धरने पर बैठ कर अपना विरोध दर्ज कराया। देवनानी ने इस सम्बंध में बताया कि देष को उर्जा की दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाने के उद्धेष्य से जवाहर लाल नेहरू सोलर मिषन के माध्यम से देष में सोलर एनर्जी उत्पादन किये जाने की सरकार की महत्वपूर्ण योजना की पूर्व जानकारी होने के कारण राबर्ट वडेरा ने पष्चिमी राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्रों में हजारों बीघा जमीन किसानों से ओने-पोने दामों में 2010 से 2012 के बीच खरीद ली। उन्होने बताया कि इन जमीनों को खरीदने के लिए वडेरा ने केन्द्र व राज्य की कांग्रेस सरकार में अपने प्रभाव का उपयोग करते हुए नियमों में भी फेरबदल करवाया था।
उन्होंने बताया कि जब बड़ी-बड़ी कम्पनियां सोलर एनर्जी प्लाण्ट लगाने के लिए प्रदेष में आने लगी तो सरकार द्वारा जानबूझकर उन्हें ऐसे स्थानों पर जगह उपलब्ध कराने के प्रस्ताव दिये गये जो अत्यधिक दूर स्थित थी तथा प्लाण्ट स्थापित किये जाने की दृष्टि से उपयुक्त नहीं थी। इन कम्पनियों को मजबूरी में वडेरा की कम्पनियों से बहुत ऊंचे व महंगे दामों पर जमीनें खरीदनी पड़ी। देवनानी ने सरकार से इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराते हुए वडेरा की कम्पनियों द्वारा किसानों से खरीदी गयी जमीनें उन्हें वापिस लौटाने जाने की मांग भी की।