शिक्षित युवा पीढ़ी शिक्षा प्राप्त कर उत्पादन बढ़ाएं-माग्र्रेट आल्वा

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श्रीमती मार्गे्रट आल्वा अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए

अजमेर। राज्यपाल श्रीमती मार्गे्रट आल्वा ने शिक्षित युवा पीढ़ी का आव्हान किया कि वे कृषि विश्वविद्यालयों में शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात विदेश में जाने का प्रलोभन छोड़ें और अपने देश की जमीन पर ही कार्य कर उत्पादन बढ़ायें। उन्होंने कहा कि दूसरी हरित क्रांति की आवश्यकता है, जो सूखाग्रस्त जमीन को हरी-भरी बनाने के लिये चलानी होगी।
राज्यपाल श्रीमती आल्वा आज प्रात: पुष्कर में आयोजित भारत कृषक समाज के 36 वें वार्षिक अधिवेशन को सम्बोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि पहली हरित क्रांति ने सिंचाई से जुड़े क्षेत्र हरे-भरे हुए और देश अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भर बना।
उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में विनियोजन बढ़ाने की आवश्यकता है, क्योंकि भारतीय कृषि वर्तमान में संकट के दौर से गुजर रही है। देश के किसानों में नई जागृति लाने की आवश्यकता है । किसानों की जमीन सोने से भी ज्यादा कीमती है। श्रीमती आल्वा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने विदेशों से अनाज नही मंगाने का निर्णय लिया और इसे देश का स्वाभिमान मानकर हरित क्रांति प्रारम्भ की जिसके फलस्वरूप देश में भरपूर उत्पादन हुआ और भारतवर्ष आत्मनिर्भर बना । अंग्रेजों ने अपनी हुकूमत के दौरान इस देश के काश्तकारों का गला घोटने में कोई कसर नही छोड़ी यहां पर अनाज के उत्पादन के बजाए उनकी आवश्यकता के अनुरूप कपास एवं अन्य फसलों के उत्पादन के लिए किसानों को पाबन्द किया गया जिसके फलस्वरूप इस देश में 1942 में गंभीर अकाल पड़ा।
उन्होंने अनाज पैदा करने के लिए किसानों को पूरी सुविधा व सहायता उपलब्ध कराने की आवश्यकता बताते हुए बिजली, पानी, बीज, उरर्वक आदि के लिए किसानों को पूरी सहायता देने को कहा। उन्होंने किसानों को संगठित व जागृत होने की आवश्यकता बताई और कहा कि इस देश की सर्वोच्च प्राथमिकता सिंचाई होनी चाहिए। यदि सम्पूर्ण देश की भूमि को सिंचाई से जोड़ दिया जाये तो इस देश की पूरी तस्वीर बदल सकती है।
राज्यपाल ने कहा कि जब उन्हें राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया तो कहा गया कि पूरा रेगिस्तानी राज्य है परन्तु देश के सबसे बड़े राज्य में आकार उन्होंने इंदिरा गांधी नहर का दौरा किया तो देखने को मिला कि जहां-जहां नहर का पानी पहुंचा पूरा रेगिस्तान हरा-भरा हो गया और राजस्थान की तस्वीर बदल गई। एक नहर से इतना बड़ा बदलाव आया है। उन्होंने यह भी कहा कि औद्योगिकिकरण और आवासीय घर बनाने के लिए वेस्ट लैण्ड दी जानी चाहिए न की किसानों की उपजाऊ या संचित भूमि दी जायें। उन्होंने यह भी बताया कि देश की 60 प्रतिशत भूमि अभी भी वर्षा पर आधारित कृषि से जुड़ी है ऐसी भूमि को उपजाऊ करने के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति ने राज्यपालों की एक समिति गठित कर सुझाव मांगे ।
श्रीमती आल्वा ने कहा कि वे स्वयं एक किसान परिवार से जुड़ी है। उनके दादा जी काश्तकार थे। अब गांवों की तस्वीर बदलनें लगी है। किसानों के बच्चे कृषि की पढ़ाई करने के बाद वापस गांव जाने को तैयार नही होते अनेक शिक्षित युवा विदेशों में जाकर अपने कृषि ज्ञान का आविष्कार वहां की जमीन पर कर रहे है जो गलत है, उन्हें अपनी मातृभूमि पर कार्य कर देश को आगे ले जाना चाहिए । उन्होंने यह भी कहा उनके स्वयं के चार बच्चे हैं जिन्हें उन्होंने पढऩे के लिए विदेश नही भेजा और यही पर पढ़ लिखकर कार्य करने की प्रेरणा दी। उन्होंने भारत कृषक समाज के 36 वें अधिवेशन की सफलता के लिए अपनी शुभकामना दी।

पूर्व राज्यपाल बलराम जाखड़ अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए
पूर्व राज्यपाल बलराम जाखड़ अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए

पूर्व राज्यपाल, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष तथा भारत कृषक समाज के संरक्षक बलराम जाखड़ ने कहा कि उनके दिल में हमेशा किसान बसता है और किसान ही देश का सर्वोपरि है। किसान पर जब भी संकट आता है तो उनके दिल में पीड़ा होती है। वे किसानों की बहबूदी के लिए ही कार्य करते रहे है। जाखड़ ने कहा कि किसानों को भी नई सोच के साथ आगे बढऩा होगा । उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि किसानों के लिए नीति निधारिण करने वाला व्यक्ति स्वयं किसान ही होना चाहिए तभी वह उसकी पीड़ा समझ सकता है। उन्होंने किसानों से सर्तक रहने को भी कहा।
शिक्षा राज्य मंत्री तथा पुष्कर क्षेत्र की विधायक श्रीमती नसीम अख्तर इंसाफ ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए कहा कि राजस्थान सरकार ने किसानों के हित में अनेक फैसले किये हंै जिससे किसानों को जहां बुनियादी सुविधाएं मिलने लगी है वही उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार हुआ है। नये बजट में राजस्थान में नये कृषि विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों को खोलने की घोषणा की गई है वही मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने ”मुख्यमंत्री ब्याज मुक्त फसली ऋण योजना” की राशि भी बढ़ाई है। जल बचाने के लिए बंूद-बूंद सिंचाई को महत्व दिया गया है।
उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कार्य कुशलता की प्रशंसा करते हुए कहा कि कल ही योजना आयोग ने राजस्थान की 40 हजार 500 करोड़ रूपये की वार्षिक योजना स्वीकृत की है जो एक र्कीतिमान है। उन्होंने राज्यपाल श्रीमती आल्वा को गुलदस्ता देकर स्वागत किया और पूर्व राज्यपाल श्री बलराम जाखड़ का भी अभिवादन किया।
प्रारम्भ में भारत कृषक समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अजय वीर जाखड़ ने भी राज्यपाल का स्वागत करते हुए भारत कृषक समाज के उद्देश्यों की जानकारी दी और बताया कि यह गैर राजनैतिक संगठन है जो किसानों की भलाई के लिए ही कार्य करता है। हर दो माह में खेती के विभिन्न विषयों पर राष्ट्रीय सेमीनार आयोजित कर उसमें कृषि विशेषज्ञों, कृषि से जुड़े अधिकारियों व सरकार के प्रतिनिधियों को आंमत्रित कर उनकी जानकारी से काश्तकारों को अवगत कराया जाता है। समाज द्वारा इसी वर्ष से छात्रवृति शुरू की जा रही है जो कृषि के क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को दी जायेंगी।
अधिवेशन में देश के विभिन्न राज्यों के कृषकों ने भाग लिया। कर्नाटक से आये किसानों ने राज्यपाल श्रीमती आल्वा को पगड़ी पहनाकर उनका अभिनंदन किया। आन्ध्रप्रदेश के अध्यक्ष श्री वी.आर. रामाराव ने उन्हें बैलगाड़ी का स्मृति चिन्ह भेंट किया।
पुष्कर जाट विश्राम स्थली पहुंचने पर राज्यपाल को गार्ड ऑफ आनर दिया गया। राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री हबीब गौरान, महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति श्री रूपसिंह बारेठ, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त श्री हनुमान सिंह भाटी, पुलिस अधीक्षक श्री गौरव श्रीवास्तव, कार्यवाहक जिला कलक्टर श्री सी.आर.मीना ने गुलदस्ता भेंट कर इनकी अगवानी की।
अजमेर जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के अध्यक्ष श्री रामचन्द्र चौधरी ने राज्यपाल श्रीमती आल्वा, पूर्व राज्यपाल श्री बलराम जाखड़ सहित देश के विभिन्न राज्य से आये किसानों का स्वागत किया। इस मौके पर अतिरिक्त कलक्टर मिर्जा जुल्फिकार बैग, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद श्री किशोर कुमार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. रामदेव सिंह सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

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श्रीमती आल्वा पुष्कर सरोवर की पूजा अर्चना करते हुए

राज्यपाल ने पुष्कर सरोवर की पूजा अर्चना की
राज्यपाल श्रीमती मागे्र्रट आल्वा ने आज अपनी पुष्कर यात्रा के दौरान पवित्र तीर्थ सरोवर की पूजा अर्चना की और सरोवर का विहंगम दृश्य देखा। राज्यपाल श्रीमती आल्वा ने सरोवर के करणीघाट की सीढिय़ों पर वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजा अर्चना कर सरोवर के जल को अपने मस्तक पर लगाया। उनके पण्डे श्री रायता ने उन्हें पूजा कराई और पुष्कर तीर्थ सरोवर की मर्यादा के बारे में बताया। शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती नसीम अख्तर इंसाफ व पुष्कर नगरपालिका की अध्यक्ष श्रीमती मंजू कुर्डिया भी साथ में थे।

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