अजमेर। राजीव गांधी विद्युतिकरण योजनान्तर्गत अजमेर विद्युत वितरण निगम के कार्य क्षेत्र वाले जिलों में गत वित्तीय वर्ष के दौरान फरवरी माह तक कुल 11 हजार 667 बी.पी.एल. परिवारों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन प्रदान किए गए हैं।
निगम के प्रबन्ध निदेशक पी.एस.जाट ने बताया कि राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतिकरण योजनान्तर्गत गत वित्तीय वर्ष के दौरान फरवरी माह तक 50 गांव तथा 231 ढ़ाणियां जगमगाने लगी हैं। रोशन हुए गांव एवं ढाणियों में कुल 11 हजार 667 बी.पी.एल. परिवारों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन प्रदान किए गए है। उन्होंने बताया कि बी.पी.एल. परिवारों को दिये गए कनेक्शनों में उदयपुर में 5 हजार 791, बांसवाड़ा मंे 5 हजार 615, चितौड़गढ़ मे 85 तथा नागौर में 176 बी.पी.एल. परिवारों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन प्रदान कर लाभान्वित किया गया है।
सर्वाधिक गांव एव ढ़ाणियां उदयपुर की रोशन
प्रबंध निदेशक ने बताया कि राजीव गांधी विद्युतिकरण योजनान्तर्गत विद्युतिकृत किए गए गांवों में सर्वाधिक गांव उदयपुर में 26 किए गए जबकि बांसवाड़ा में 24 गांव है। इसी प्रकार विद्युतिकृत की गई ढ़ाणियों में सर्वाधिक उदयपुर में 219, बांसवाड़ा में 11 तथा चितौड़गढ़ में एक ढ़ाणियों को विद्युतिकृत किया गया है।
भू राजस्व अधिनियम के तहत 3 करोड़ 22 लाख 98 हजार की वसूली
अजमेर विद्युत वितरण निगम लि. द्वारा गत वित्तीय वर्ष के दौरान फरवरी माह तक भू राजस्व अधिनियम के तहत निगम क्षेत्र के जिलों में 4 हजार 105 प्रकरणों में कुल 3 करोड़ 22 लाख 98 हजार रूपये की वसूली की गयी है।
निगम के प्रबन्ध निदेशक पी.एस.जाट ने बताया कि भू राजस्व अधिनियम के तहत उदयपुर सर्किल में 695 प्रकरणों में 62 लाख 53 हजार, सीकर सर्किल में 903 प्रकरणों में 79 लाख 42 हजार, प्रतापगढ़ सर्किल में 857 प्रकरणों में 23 लाख 79 हजार, झुंझुनूं सर्किल में 251 प्रकरणों में 29 लाख, नागौर सर्किल में 360 प्रकरणों में 23 लाख 16 हजार, भीलवाड़ा सर्किल में 444 प्रकरणों में 19 लाख 77 हजार, बांसवाड़ा सर्किल में 33 प्रकरणों में 3 लाख 59 हजार रूपये, चित्तौडगढ़ सर्किल में 490 प्रकरणों में 77 लाख 84 हजार रूपये, राजसमंद सर्किल में 35 प्रकरण में 2 लाख 65 हजार रूपये तथा डूंगरपुर सर्किल में 37 प्रकरणों में एक लाख 23 हजार रूपये की वसूली की गयी है।
आबादी क्षेत्र में विद्युत कनेक्शन देने के संबंध में दिशा निर्देश जारी
अजमेर विद्युत वितरण निगम ने स्थानीय निकाय अथवा अन्य किसी सरकारी अधिकारी द्वारा पट्टा जारी नहीं होने की स्थिति में स्वामित्व के सबूत के समर्थन में विद्युत कनेक्शन (कृषि कनेक्शन के अलावा) जारी करने के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए गए है।
निगम के मुख्य अभियंता (वाणिज्य) जी.आर. चौधरी ने बताया कि विद्युत आपूर्ति हेतु शर्ते एवं निबंधन 2004 में निर्धारित ‘‘पूर्ण किए गए आवेदन पत्र की जांच सूची‘‘ प्रावधानों के अनुसार स्वामित्व के सबूत के समर्थन में प्रस्तुत किए जाने वाले दस्तावेजों के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत आवेदन को स्वामित्व के सबूत के समर्थन में शीर्षक विलेख रजिस्ट्री, स्थानीय निकाय या किसी अन्य सरकारी प्राधिकरण जैसे रीको, उद्योग विभाग द्वारा जारी आवंटन/कब्जा पत्र, ग्रामीण क्षेत्रों में राजस्व प्राधिकारियों द्वारा जारी किया गया प्रमाण पत्र, बंधक विलेख, पट्टा, विक्रय विलेख, आवंटन पत्र, न्यायालय आदेश अथवा कोई अन्य प्रलेख में से एक दस्तावेज प्रस्तुत कर सकता है।
उन्होंने बताया कि स्वामित्व के सबूत के समर्थन के मामले में आवेदक के पास परिसर का पट्टा नहीं होने की स्थिति में उसे इसके लिए बाध्य नही किया जाएगा और परिसर के स्वामित्व के समर्थन के रूप में एक हलफनामा, विधिवत् नोटेरी द्वारा प्रमाणित और राजस्व प्राधिकारी/ग्राम सेवक से सत्यापित कर लिया जावेंगा, ताकि आवेदक विद्युत कनेक्शन से वंचित नही रह सकें।