अजमेर। नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी प्रहलाद भार्गव, एईएन नाहर सिंह, जेईएन पदम सिंह सहित अन्य निगम कर्मचारियांे ने पुलिस इमदाद लेकर शहर के 4 अलग अलग ठिकानों से अवैध अतिक्रमणों को जमीन दिखाई। सबसे पहले निगम का दल शास्त्री नगर राम भवन के सामने पहुंचा, जहां नाले के उपर हो रहे अवैध तरीके से व्यावसायिक कॉम्पलैक्स के निर्माण को ध्वस्त करने की कार्यवाही शुरू की। कुछ ही देर में दो मंजिला इमारत को जेसीबी मशीन ने ज़मीनदोज़ कर दिया।
इसके बाद दल देहली गेट प्रेमप्रकाश आश्रम के सामने पहंुचा, जहां पुरानी जर्जर बिल्डिंग को पूर्व में गिराने के बाद जो जगह खाली पडी थी। उस पर मकान मालिक द्वारा कराये जा रहे दुकान निर्माण को अवैध करार देते हुए तोड डाला। दुकान मालिक हीरालाल ने निगम अधिकारियों से लाख विनती की लेकिर उसकी एक नहीं सुनी गयी और दुकान को नैस्तानाबूत कर दिया। हीरालाल ने बताया कि निगम के कुछ लोग उसकी पुश्तैनी बेशकीमती ज़मीन को हथियाना चाहते है, वह अपनी ही जमीन जिस पर उसके माता पिता ने बहुमंजिला मकान बना रखा था टूटने के बाद दुकान निर्माण भी नहीं करवा पा रहा। अगली कार्यवाही निगम के दस्ते ने खानपुरा तालाब के पास अंजाम दी। जहां राज्य मानव अधिकार आयोग के निर्देशों की पालना करते हुए दो भाइयों के बीच चल रहे ज़मीनी विवाद को विराम देने के लिए खाली जमीन पर बनाई गयी दीवार को जेसीबी मशीन से तोड डाला।
निगम के दस्ते ने सबसे बडी कार्यवाही चन्द्रवरदाई नगर में आशु स्वीट्स की मालकिन शशि गुप्ता के द्वारा बनवाये जा रहे व्यावसायिक कॉम्पलेक्स और होटल के निर्माण को जेसीबी मशीन से तोडने की कार्यवाही की। मौके पर निगम के दस्ते को लोगों के विरोध का समाना करना पडा लेकिन निगम और पुलिस प्रशासन के किसी भी कर्मचारी ने उनकी एक नहीं सुनी जबकि निर्माणकर्ता कागजात और नक्शे लेकर अधिकारियों और पुलिस के आगे पीछे मिन्नतें करते रहे। आखिर जिसकी लाठी उसकी भैंस कहावत की पालना होते देखी गयी। कुछ ही मिनट में जेसीबी ने बहुमंजिला आरसीसी की इमारत को मलबे के ढेर में तबदील कर दिया।