अजमेर। स्वामी विवेकानन्द सार्ध शती समारोह समिति द्वारा रविवार शाम जवाहर रंगमंच पर प्रबुद्ध नागरिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ. मनमोहन वैद्य ने स्वामी विवेकानन्द की शिक्षाओं और उनके दर्शन के परिपेक्ष में भारत की वर्तमान स्थिति की चर्चा करते हुए भारत को एक बार फिर विश्वगुरू और विश्व की महाशक्ति के पद पर आरूढ़ करने का आहवान किया। वैद्य ने अपनी उद्बोधन में डॉ. हटिंगटन की पुस्तक ‘हू आर वी‘ का संदर्भ देते हुए कहा कि 2001 में लिखी गई इस पुस्तक में डॉ. हटिंगटन में अमेरिकन समाज के सामने मौजूद पहचान के संकट को रेखांकित किया है। इसके विपरित अतिप्राचीन सभ्यता और संस्कृति वाले हिन्दू समाज की पहचान को विकृत करने का प्रयास धर्मनिर्पेक्षता के नाम पर किया जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप सर्वधर्म सद्भावना के स्थान पर सामप्रदायिकता बढ़ रही है। वैद्य ने अपने उद्बोधन के अंत में उपस्थित प्रबुद्धजनों का आहवान किया कि स्वामी जी की शिक्षाओं को सही परिपेक्ष में पढ़ते हुए जीवन में उतारने की जरूरत है और स्वामी जी की शिक्षाओं में ही भारत का सुखद भविष्य छिपा हुआ है।
कार्यक्रम के आरम्भ में मुख्य अतिथि रिटार्यड आईएस देवीराम जोधावत का स्वागत निरंजन शर्मा ने किया। जोधावत ने अपने उद्बोधन में भारत की गौरवशाली संस्कृति के एतिहासिक परिपेक्ष का उल्लेख किया और युवाओं में राष्ट्रीय भावना जागृत करने में स्वामी विवेकानन्द के महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित किया। अजयमेरू सार्ध शती समिति के संयोजक उमरदान सिंह लखावत ने आगामी 11 सितम्बर को होने वाली भारत जागो दौड़ और 12 जनवरी 2014 को मानव श्रृंखला बनाने के आगामी कार्यक्रमों का विशेष रूप से उल्लेख किया।
