अजमेर। गांधीवादी नेता और सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने शुक्रवार को आजाद पार्क में जनसभा को संबोधित करते हुए आजादी के 65 साल बाद भी हम आजाद नहीं हुए हैं। पहले हम गोरों के गुलाम थे आज कालों के गुलाम हैं। सत्तासीन नेता जनता के गाढे़ खुन पसीने की कमाई को लुट लुटकर अपना और अपने सगे वालों का घर भर रहे हैं और जनता महंगाई के बोझ के नीचे दबकर त्राही-त्राही कर रही है। जनता को न्याय दिलाने के लिये जन लोकपाल बिल को लागु कराने के लिये व गांव-गांव, शहर-शहर घुम रहे हैं, लोकपाल बिल लागु होगा तो देश के हर वर्ग को उसका हक और अधिकार मिल पायेगा। अन्ना ने कहा कि आगामी 10 सितम्बर को वे दिल्ली के रामलीला मैदान में जन संसद का आयोजन करेंगे, जहां से आन्दोलन की शुरूआत करते हुए जनता जन लोकपाल बिल को स्वीकार नहीं किये जाने तक सड़कों पर जमा रहेगी।
सभा को पूर्व थलसैना अध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि लड़ाई सिर्फ मोर्चे और सीमाओं पर नहीं लड़ी जाती, सबसे ज्यादा मुश्किल अपनों से लड़ने में होती है। उन्होंने इसके लिये देशवासीयांे को व्यवस्था और सरकार के खिलाफ लड़ने के लिये संकल्पित किया।
वर्ल्ड सुफी कौंसिल के चैयरमेन सूफी जिलानी और चौथी दुनिया के प्रधान संपादक संतोष भारतीय ने कहा कि अन्ना हजारे आज के युग के महात्मा गांधी और सुभाष चन्द्रबोस है। सरकार सच्चे देश भक्त और समाजसेवी को रास्ते से हटाना चाहती है, लेकिन करोडों भारतीय उनके साथ हैं। सभा के दौरान जनता से किये गये धन संग्रह में 28 हजार 743 रूपये जमा हुए। वहीं 380 लोगों ने अन्ना हजारे का साथ देने के लिये संकल्प पत्र भरे।