अजमेर। पिछले दो दिनों से आसमान से बरस रही आग ने 44 डिग्री का आंकडा पार कर लोगों को झुलसने पर मजबुर कर दिया। गर्मी और लू के बढते प्रकोप से जंहा जनजीवन प्रभावित हुआ वहीं अजमेर मे चल रहे ख़्वाजा साहब के 801वें उर्स में शरीक होने आये हजारों ज़ायरीनों को तपती धूप और लू का सामना करना पड़ रहा है। उर्स में आये जायरीनों को तपती धुप और लू से बचाने के लिये दुकानदारों और सामाजिक धार्मिक संस्थाओं ने ठण्डे पानी के कैम्पर और छाया के माकुल इंतेजाम किये हैं जिससे दुर दराज से आये जायरीनों को कुछ राहत मिल रही है।
भीषण गर्मी के चलते जहां लोग घर से बाहर निकलने से बच रहे है वहीं मजबूरी में घर से बाहर आवश्यक काम से निकले लोगों ने ठंडे और शीतल पेयपदार्थ जैसे गन्ने का रस, छाछ, कोल्ड डिंªक, तरबूज, आइसक्रीम का सहारा लेकर गर्मी को कंट्रोल करने की कोशिश की।
वहीं बाईक सवार और पैदल राहगीर अपने मुंह को कपडे़ से ढक कर जरूरी काम निपटा रहे है। बेवक्त शहर में रख रखाव के नाम पर बिजली की आंख मिचौली के चलते कुलर पंखे और एसी भी फेल साबित हो रहे हैं।
ज्यादातर युवा और बच्चे स्वीमिंग पुल में वक्त बिता रहे है। वहीं आनासागर में घास और पेड़ पोधों को पानी देने के लिये डाले गये पाइप से लोग एक दुसरे पर पानी डालकर अटखेलियां कर गर्मी से बचने की कोशिशों में जुटे हैं। मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले हफ्ते मंे भी गर्मी का प्रकेाप इसी तरह प्रचण्ड बना रहेगा।
सडकों पर सुरज की प्रचण्ड गर्मी से बनी मृगतृष्णा दुर से पानी का आभास कराती है लेकिन पास आते ही फिर दुर चली जाती है। सडकों पर पसरे सन्नाटे के बीच पैदल राहगीर अपने मुंह और सिंह को ढक कर गर्मी से कुछ बचाव करने के उपाय कर रहे हैं। बाग बगीचों में धुप से बचने के लिये छाया ढ़ुंढ़ रहे लोगों को पेड़ो की छांव किसी छत से कम नहीं लग रही। लू के थपेडों के बीच दो घड़ी की नींद इस भीषण गर्मी में बड़ी राहत से कम नहीं। दौलतबाग की बाराहदरी पर आनासागर झील के पानी की हिलोरें ठण्डी हवा का एहसास करा रही है लेकिन इस एहसास के बीच सुरज की पैनी नजर बाधा बन रही है।
गर्मी और लू से बचने के लिये जहां देशी नुस्खों को काम में लिया जा रहा है। वहीं चिकित्सकों ने धुप में त्वचा को बचाने और गर्मी में रोगों से बचने के लिये उचित खान पान के बारे में जानकारी देकर लोगों को आगाह किया है।
