अजमेर। संभाग के सबसे बडे जवाहरलाल नेहरु अस्पताल में गुरूवार को 3 घंटे विधुत आपूर्ति ठप्प होने का खामियाजा मरीजो और उनके परिजनों को भुगतना पडा। बिजली की आंख मिचोली के बीच तडपते मरीजो का इलाज मोबाइल फोन की टोर्च की रोशनी में किया गया। वहीं मजबूरए लाचार मरीजो को जांचो के लिए अस्पताल के बाहर का रास्ता दिखाया गया। व्यवस्थायें जब भी गडबडाती है उस का नुकसान हमेशा आम आदमी को ही भुगतना पडता हैए लेकिन सम्भाग के सबसे बड़े अस्पताल में बिजली के रखरखाव के दौरान वैकल्पिक आपात व्यवस्था नहीं होने से अस्पताल में भर्ती और आउट डोर में इलाज कराने आये मरीजो के साथ ही चिकित्साकर्मी भी बेहाल हो गए। खास बात यह रही की कहने को तो अस्पताल में वैकल्पिक विधुत व्यवस्था भी है लेकिन परेशानी के इस दौर में उसने भी लाचारो का साथ छोड दिया। बेहाल मरीजो की सेवा में जुटे चिकित्साकर्मियों ने आपातकालीन वार्ड में मोबाइल फोन की टोर्च की रौशनी में मरीजो का इलाज किया। इस मध्यम रोशनी में ही मरीजो के इंजेक्शन और टाँके लगाये गए। अस्पताल में गर्मी के दौरान बिजली की कमी के चलते बदहाल हुई व्यवस्था से मरीजो को मजबूरन अपनी जाँच के लिए अस्पताल के बाहर जाँच केन्द्रों का सहारा लेना पडा। लिहाजा परेशान मरीज अस्पताल की व्यवस्थाओं के साथ विद्युत विभाग को कोसते नजर आये।