अजमेर। जिला कलक्टर वैभव गालरिया ने जिले के सभी विकास अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य सरकार द्वारा प्रारम्भ की गई सुनवाई का अधिकार योजना के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर स्थापित ‘‘लोक सुनवाई सहायता केन्द्र’’ प्रतिदिन दो घंटें प्रातः 10 से 12 बजे तक आवश्यक रूप से खुलें।
गालरिया ने कलेक्ट्रेट के समिति कक्ष में आयोजित राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गांरटी अधिनियम की प्रगति की समीक्षात्मक आयोजित बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने संबंधित उपखण्ड अधिकारियों से कहा कि वे इन सहायता केन्द्रों पर पूरी निगरानी रखें और यदि कोई केन्द्र प्रातः 10 से 12 बजे तक बंद मिलता है तो संबंधित ग्राम सचिव, रोजगार सहायक के विरूद्ध कार्यवाही करें।
बैठक में राजस्थान में लोक सेवाओं में प्रदान की गांरटी अधिनियम के निदेशक श्री बन्ना लाल तथा सुनवाई के अधिकार एवं महात्मा गांधी नरेगा की राज्य स्तरीय व राष्ट्रीय स्तरीय समिति से जुड़े निखिल डे व इस अभियान से जुड़े डी.एल. त्रिपाठी भी मौजूद थे।
जिला कलक्टर ने कहा कि निखिल डे के सुझाव पर आगामी एक जून से जिले की जवाजा व सिलोरा पंचायत समिति में सुनवाई के अधिकार के लिए विशेष अभियान चलाया जायेगा जिसके तहत सम्पूर्ण पंचायत समिति के आम लोगों में सुनवाई अधिकारी अधिनियम के बारे में जानकारी देने के लिए गांव गांव में जन जागरण व जानकारी देने का अभियान प्रारम्भ होगा।
निखिल डे ने बताया कि उनके जन जागरण दल द्वारा इन दोनों पंचायत समितियों की ग्राम पंचायत व ग्राम स्तर पर आम लोगों को जन सुनवाई के बारे में तथा जन सुनवाई सहायता केन्द्र के बारे में बताया जायेंगा। उन्होंने इस संबध में राजसंमद जिले में चलाये जा रहे अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा कि राजसंमद के मॉडल को पूरे राज्य में प्रारम्भ किया जा रहा है जिसके तहत किसी भी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की जानकारी लेने या अपनी समस्या के बारे में लिखित में आवेदन करने पर केन्द्र से लाल रंग की प्राप्ति की रसीद दी जाती है और नियमों के प्रावधानों के अनुसार 21 दिन में उस पर कार्यवाही होनी चाहिए।
निदेशक बन्नालाल ने कहा कि सुनवाई के अधिकार के तहत समय पर कार्यवाही नहीं करने वाले कर्मचारी व अधिकारियों पर आर्थिक दण्ड लगाने का प्रावधान अपील अधिकारी को है जिसकों अमल में लाना चाहिए। ऐसे उदाहरण सामने आने पर स्वतः ही अधिकारी व कर्मचारी समय पर प्रार्थना पत्रा का जवाब देंगे।
उन्होंने विभिन्न योजनाओं में व्यक्तिगत तौर पर लाभान्वित होने वाले व्यक्तियों की सूची संबंधित ग्राम के सार्वजनिक स्थल जिसमें स्कूल की चार दीवारी या अन्य स्थान पर पेंट करानी होगी तथा विभिन्न योजनाओं की प्रगति व ग्राम पंचायत की सूची ग्राम पंचायत मुख्यालय पर ग्राम पंचायत भवन, स्कूल की चार दीवारी या अन्य भवन पर पेंट कराना होगा इससे आम व्यक्ति को सभी योजनाओं और उसमें लाभ उठा रहे व्यक्ति की जानकारी मिलेंगी और पूरी पारदर्शिता भी रहेगी।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्राी अशोक गहलोत ने 14 नवम्बर 2011 को अजमेर के सूचना केन्द्र से राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गांरटी अधिनियम का शुभारम्भ यहां आयोजित राज्यस्तरीय समारोह से किया था और राज्य सरकार द्वारा ही प्रदेश में पहली बार राजस्थान जन सुनवाई का अधिकार अधिनियम एक अगस्त 2012 से पूरे राज्य में लागू किया गया।
बैठक में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सी.आर.मीना, जिले के विभिन्न उपखण्ड अधिकारी, विकास अधिकारी मौजूद थे।