संस्कृत संभाषण शिविर का शुभारंभ

sanskrit sambhasan shivir 01 sanskrit sambhasan shivir 02अजमेर। 1981 में जन्मी संस्कृत भारती आज विश्वभर में संस्कृत भाषा को उसका पुराना गौरव वापस दिलाने के प्रयास में जूटी हुई है। संस्कृत भाषा के वर्तमान में 11 अलग-अलग स्थानो पर दो-दो घंटे के संभाषण शिविर आयोजित किये जा रहे है। 26 मई से 8 जून तक आयोजित निःशुल्क शिविर का आयोजन अजयनगर रोड़ स्थित शहीद अविनाश माहेश्वरी पब्लिक स्कूल, नगरा स्थित श्री मैथिलब्राह्मण मंदिर गोपालगंज, सुभाष नगर स्थित माधव स्मृति भारत माता मंदिर, पहाड़गंज स्थित रामद्वारा मंदिर, माखुपूरा स्थित नामदेव पब्लिक स्कूल, बिहारी गंज स्थित चेतना शिक्षण संस्थान में संचालित किया जा रहा हैं।
संस्कृति भारती चित्तौड़ प्रांत के आवासीय शिक्षण प्रशिक्षण वर्ग 2013 के अंर्तगत अजमेर संभाग में 33 स्थानो पर युवा वर्ग के लिए चलाये जा रहे संभाषण शिविरो की जानकारी देते हुए चित्तौड़ प्रांत के पूर्णकालीक संगठन मंत्री देवेन्द्र पांडया ने बताया कि संस्कृत भारती संस्था अखिल भारतीय स्तर पर कार्य करती है। 1981 में जहां चार-पांच युवाओं ने संस्कृत प्रचार-प्रसार का कार्य बैंगलुरू से शुरू किया था वर्तमान में सभी राज्यो और महानगरो में सैंकड़ोे कार्यकर्ताओं के अथक प्रयासो से शिविरों का आयोजन किया जा रहा हैं। संस्था के प्रयासो का नतीजा रहा कि वर्तमान में देश के 1 करोड़ 80 लाख लोग संस्कृत भाषा में बातचीत कर पा रहे हैं, वहीं 5 गांव ऐसे है जहां के परिवारो की बोलचाल की भाषा संस्कृत है।
उन्होने बताया कि हरिद्वार में संस्कृत भारती द्वारा लगाये गये कुटुम्ब वर्ग शिविर में शामिल परिवारों नें शिविर के बाद अपनी बोलचाल की भाषा संस्कृत को बना लिया।
पांडया ने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि पूर्व में जहां संस्कृत के दो विश्वविद्यालय हुआ करते थे आज 16 विश्वविद्यालय है। जिनमे छात्रों की संख्या भी बढी है। संस्कृत भारती भारत के अलावा विश्व के 38 देशो में कार्यरत है। उन्होनें बताया कि इसी साल अमेरिका में 101 संभाषण शिविरो का आयोजन किया गया। वर्तमान समय में संस्कृत भारती ने 380 पुस्तकों का प्रकाशन और 85 ऑडियो वीडियो सीडीज प्रकाशित की है। जिनके जरीये संस्कृत को सरल और खेल की भाषा में सिखाया जा रहा है। संस्कृत भारती 20 घंटो में संस्कृत भाषा को सिखाने का दावा करती है।

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