अजमेर। रूढ़िवाद की बंेडियों में बंधी तहजीब आज भी कहीं न कहीं अनचाहा कारावास भुगत रही हैं। शहरी पीढ़ी में भले ही बदलाव आ गया हो, लेकिन बहुत से ग्रामीण इलाके ऐसे भी हैं, जहां आज भी पंचों की हुकूमत कायम हैं। ऐसा ही एक गैंरकानूनी मामला अजमेर के हाथीखेड़ा गांव में सामने आया हैं। मनचाहा जुर्माना देने से इंकार करने पर हाथीखेड़ा पंचायत के मुखियाओं ने तुगलगी फरमान जारी करते हुए गांव के 11 लोगों का हुक्का-पानी बंद कर दिया। इस संबंध में एक परिवार ने पंचों के खिलाफ क्रिश्चियन गंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई हैं, वहीं दूसरे परिवार ने अदालत में इस्तगासा पेश किया हैं।
ओम सिंह रावत का कसूर इतना भर है कि उसने हाथीखेड़ा गांव स्थित तलाई पर अपनी कब्जाशुदा जमीन जीतसिंह को बेच दी। जैसा कि ओम सिंह ने बताया, उस जमीन पर 35 साल से उसका ही कब्जा हैं और एक साल पहले उसका सौंदा कर दिया। इसकी भनक लगते ही, हाथीखेड़ा गांव के पंच-पटेलों ने बेची गई जमीन में पैसों की हिस्सेदारी मांग ली। उसका आरोप हैं, इंकार करने पर पंचों ने उस पर दो लाख रुपए जुर्माना भी कर दिया। ओम सिंह पंचों को जुर्माना देने के बजाए दो लाख रुपए गांव के मंदिर में दान देना चाहता था, लेकिन मुखिया इस पर भी राजी नहीं हुए। ओम सिंह का कहना है, जुर्माना देने से इंकार करने पर 5 मई को हाथीखेड़ा में पंचों ने एक बैंठक बुलाई, जिसमें हाथीखेड़ा, तलाई और कनाड़िया गांव के तकरीबन 15 सौ ग्रामीण जमा हुए। सब लोगों के सामने मुखियाओं ने अपना तुगलगी फरमान सुनातें हुए ओम सिंह और उसके दो बेटे गोपाल सिंह रावत और जगदीश उर्फ गोविंद सिंह का हुक्का पानी बंद कर उन्हें गांव से बेदखल कर दिया।
ओम सिंह और उसके दोनों बच्चे अपने ही गांव में बेंगानों की तरह जिन्दगी बसर करने को मजबूर है। उनका आरोप है, मुखियाओं का खौफ खाकर उनसे गांव का कोई भी शख्स बात नहीं कर रहा। बात करने वाले को 51 हजार रुपए का जुर्माना अदा करना पड़ सकता है। इसके चलते सगे संबंधी भी ओम के परिवार से कन्नी काट चुके हैं। यह परिवार अब गम या अन्य खुशी के आयोजन में भी किसी को शामिल नहीं कर सकता। उन्होंने आंसू बहाते हुए बताया, राशन सामग्री पर भी पाबंदी लगा दी गई हैं।
तुगलगी फरमान से परेशान परिवार को आखिरकार कानून का दरवाजा खटखटाना पड़ा। 29 मई को गोविंद ने क्रिश्चियनगंज थाने में फरमान जारी करने वाले 14 मुखियाओं लादूसिंह रावत, बीरमा देवी, नानूसिंह, पन्नासिंह, मान सिंह, बीरा, छगन सिंह, मल्ला सिंह, धर्मासिंह, भवानी सिंह, शेरा सिंह, नानू और श्रवण के खिलाफ डरानें धमकाने और गैंर कानूनी तौंर पर परेशान करने के आरोप में रिपोंर्ट दर्ज कराई हैं। आरोपियों में नानू सिंह, पन्ना सिंह, छगन सिंह और शेरा सिंह सरकारी कर्मचारी हैं, जबकि मान सिंह होम गार्ड में नौकरी करता हैं। ओम सिंह और उसके दोनों बेटों का आरोप हैं, मुखिया लाडू और पन्ना ने पांच हजार की आबादी वाले हाथीखेड़ा क्षेत्र में अपना दबदबा कायम कर तुगलगी फरमान जारी करनें का सिलसिला शुरू कर रखा हैं।