अजमेर। क्रांतिकारी राष्ट्रसंत मुनि श्री तरूण सागर जी महाराज का अजमेर की धरा पर भव्य आगमन रविवार शाम हुआ तो सकल जैन समाज में खुशी की लहर दौड़ गयी। केसरगंज जैन मंदिर से मुनिश्री जूलूस की शक्ल में स्थानीय मार्गो से होते हुए छोटे धडे की नसिंया पहुंचंे। जूलूस के मार्ग पर जैन समाज ही नही बल्कि दूसरे समाजो के द्वारा 51 स्वागत द्वार बनाये गये। मुनि तरूण सागर व्यक्तित्व और कृतित्व के धनी है वे पहले मुनि है जिन्होनें लाल किले से राष्ट्र को संबोधित किया। साथ ही विधानसभा और भारतीय सैना को भी संबोधित किया। मुनि तरूण सागर का नाम लिमका बुक ऑफ रिकॉर्डस में दर्ज है। वे पहले मुनि है जिन्हें भारतीय सेना ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। जिन्हें राज्य सरकार राजकिय अतिथि का दर्जा देती है जिन्होने सबसे कम 13 साल की उम्र में दीक्षा ली। जिनकी प्रेरणा से राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ ने अपने गणवेष मंे से चमडे के जूते और बैल्ट हटाई। जिनकी पुस्तक कडवे वचन लाखो की संख्या में बिक चूकी है।